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Pahalgam Terror Attack: ‘धर्म’ पूछ कर ‘कत्ल’ करने वालों के हाथ-पैर काटकर, एक आंख फोड़कर जिंदा छोड़ दो!

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को लश्कर और जैश के आतंकियों ने धर्म पूछकर 27 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी. मृतकों में विदेशी नागरिक, एक नेवी अफसर और नवविवाहित युवक शामिल हैं. हमलावरों ने कलमा न पढ़ने वालों को निशाना बनाया. घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है. प्रधानमंत्री मोदी ने विदेश दौरा बीच में छोड़ा और देश-विदेश में हमले की निंदा हो रही है.

Pahalgam Terror Attack: ‘धर्म’ पूछ कर ‘कत्ल’ करने वालों के हाथ-पैर काटकर, एक आंख फोड़कर जिंदा छोड़ दो!
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संजीव चौहान
By: संजीव चौहान

Updated on: 23 April 2025 12:28 PM IST

जम्मू कश्मीर के पहलगाम के लिए 22 अप्रैल 2025 की तारीख-दिन ‘काला-मंगल’ साबित हुआ. पाकिस्तान पोषित आतंकवादी गुट लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने, मंगलवार देर रात तक कुछ विदेशी नागरिकों सहित 27-28 लोगों को गोलियों से भून डाला. खबर लिखे जाने तक इस लोमहर्षक नरसंहार में 20 से 25 बेकसूर लोगों के बुरी तरह से जख्मी हो जाने की खबर है. मारे गए लोगों में नेवी के एक अधिकारी भी शामिल बताए जाते हैं. इनकी 16 अप्रैल 2025 को ही शादी हुई थी.

आतंकवादियों ने हमला करने से पहले लोगों से उनका धर्म पूछा, कलमा पढ़ने को कहा. जिन्होंने अपना धर्म मुस्लिम-धर्म से अलग बताया और कलमा नहीं पढ़ सके, उन सबको गोलियों भूनकर मार डाला गया. यह दुस्साहसिक घटना पहलगाम का ‘मिनी स्विटजरलैंड’ कहे जाने वाले स्थान ‘बैसरन वैली’ में घटी है. इस डरावने कांड ने दुनिया को हिला दिया है. आतंकवादी स्थानीय पुलिस की वर्दी में आए और उनके चेहरे ढके हुए थे. घटना के तुरंत बाद ही ‘स्टेट मिरर हिंदी’ ने देश के कई पूर्व पुलिस अफसरों, एनकाउंटर स्पेशलिस्टों, धर्म गुरुओं से भी बात की. उन सबने तकरीबन एक ही सा जवाब दिया. ऐसे हमलावरों को एनकाउंटर में न मारा जाए. इन्हें जिंदा पकड़कर इनके हाथ पैर काट कर एक आँख फोड़कर छोड़ दिया जाए. हालांकि, स्टेट मिरर हिंदी ने जब दो मुसलिम धर्मगुरुओं से बात करने की कोशिश की तो उनमें से एक के बारे में बताया गया कि, वह भारत से बाहर हैं. दिल्ली में मौजूद दूसरे धर्म गुरु जो अक्सर बयानबाजी के लिए जाने जाते हैं वह बोले, ‘मैंने अब मीडिया से बात करना बंद कर दिया है. मेरी तबियत खराब है.’

आतंकियों को तिल-तिल कर मारने के लिए छोड़ा जाए

अखिल भारतीय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि जी महाराज ने स्टेट मिरर हिंदी से कहा, “जो धर्म पूछकर कलमा पढ़वाने की कोशिश करें और फिर गोलियों से हिंदुओं को भून डालें. ऐसों को एनकाउंटर में न मारा जाए. जिंदा पकड़ा जाए. दोनो हाथ पैर काटे जाएं. एक आंख फोड़ दी जाए और फिर तिल-तिल कर मरने के लिए छोड़ दिया जाए. ताकि इनके आकाओं को और ऐसा करने वालों को पता चल सके कि, हिंदुओं की ओर आंख उठाकर देखने वालों का हश्र भी रुह कंपा देने वाला ही होता है.” पहलगाम नरसंहार (Pahalgam Terror Attack) पर इस कदर गुस्से में दिखे यह वही स्वामी चक्रपाणि महाराज हैं जो, किसी जमाने में भारत को मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी दाउद इब्राहिम को खुली चुनौती देकर उसकी मुंबई में नीलाम हुई कार को खरीद लाए थे. और उस कार को फिर इन्होंने गाजियाबाद में ले जाकर आग में फूंक दिया था. उसके बाद स्वामी चक्रपाणि जी महाराज को दाउद ने अपने गुर्गे, और भारत के मोस्ट वॉन्टेड छोटा शकील से धमकी दिलवाई. धमकी के जवाब में दाउद को दुबारा खुली चुनौती देने के इरादे से, स्वामी चक्रपाणि जी महाराज मुंबई में नीलाम हो रही आतंकवादी दाउद इब्राहिम (Dawood Ibrahim Terrorist) की इमारत को ही खरीदने जा पहुंचे.

भारत की ही सर-ज़मीं पर तड़पाकर दें सजा

यूपी के पूर्व पुलिस महानिदेशक और दबंग एनकाउंटर स्पेशलिस्ट रिटायर्ड आईपीएस डॉ. विक्रम सिंह स्टेट मिरर हिंदी से बोले, “जिस तरह से मौजूदा केंद्र सरकार नक्सलियों को कुत्ते की मौत घेर-घेरकर मार रही है. धर्म पूछकर हिंदुओं का कत्ल करने वालों को वैसे न मारें. इन्हें पहले जिंदा पकड़ें. उल्टा लटकाएं तड़पाएं. उसके बाद इनके हाथ पैर पूरे-पूरे काटकर, इनकी एक आंख इन्हीं के हाथों में सूजे-छुरा देकर इनसे ही निकलवाई जाए. उसके बाद धर्म के ठेकेदार बने फिरते इन हमलावरों को जमीन पर घिसट-घिसट, रगड़-रगड़ कर भारत की ही सर-ज़मीं पर तिल-तिल घुटघुट कर मरने को छोड़ दीजिए. मैं दावे के साथ कहता हूं कि जिस दिन मेरी इस बात पर हुकूमत अमल कर लेगी. उस दिन के बाद से फिर कभी भी हिंदू इन कुत्तों के हाथ बेमौत नहीं मारा जाएगा.”

कश्मीरी सपोलों के सिर जल्दी कुचलो

पूर्व पुलिस महानिदेशक विक्रम सिंह का गुस्सा इतने पर ही शांत नहीं हुआ. वे बोले, ‘दरअसल कश्मीर घाटी में पॉलिटिकल सपोले पले हुए हैं. इन राजनीतिक सपोलों के सिर जल्दी कुचलो. ताकि यह सांप बन ही न पाएं.’ क्या आपका इशारा जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला के उस बयान की तरफ है जिसमें उन्होंने कहा है कि, कश्मीर घाटी में हिंदुओं की वापसी के लिए पहले हमारे दिलों में जगह बनानी होगी?

इंसानियत के दुश्मनों को जल्दी निपटाओ

पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट इस सवाल पर बोले, ‘जैसा भी समझ लीजिए. वैसे दिलों में जगह तो तब और उनकी बनती है या बनाई जाती है जिनके इंसानों का दिल सीने में धड़क रहा हो. सिर्फ 370 हटा देने से कुछ नहीं होगा. जरूरत है 370 हटाए जाने के बाद इंसानियत का खून बहाने पर आमादा बैठों के मैल से भरे दिमागों को साफ करने की. उन्हें यह बताने की कि, भारत का नमक खाकर भी हमारे अपने का खून बहाओगे तो जिंदा मार डाले जाओगे. जब तक यह नहीं होगा तब तक पहलगामों को खून से रंगने से कोई नहीं रोक सकता.’

हाथ-पैर काटकर, धूप में डालकर तड़पाओ

1984 बैच अग्मूटी कैडर के पूर्व दबंग आईपीएस-एनकाउंटर स्पेशलिस्ट और, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के रिटायर्ड विशेष-निदेशक दीपक मिश्रा स्टेट मिरर हिंदी से बोले, “हाथ-पैर काटकर, धूप में डालकर तड़पाओ. मैं जो चाहता हूं कश्मीर में शांति के लिए वो कभी हो ही नहीं सका है. वरना कभी कोई पहलगाम आम इंसान विशेषकर हिंदुओं के खून से रंगा ही न जाए. दरअसल, कश्मीर हो या फिर देश का कोई भी हिस्सा. जो धर्म पूछकर कत्ल-ए-आम करे. उसे जिंदा पकड़ो. मारो मत. जिंदा पकड़ कर उनके हाथ पैर वहां तक दोनो काट दीजिए, जहां से कटने के बाद वे चलने के भी काबिल न रहें. उसके बाद उनके जख्मों पर तब तक नमक-मिर्च छिड़किए जब तक की उनकी मर्माहतक चीखों की आवाजें इनके आकाओं के कानों तक में पड़कर उनके दिलों को भी न चीर डालें. और वे जब तक तौबा न कर जाएं, तब तक इनके कटे अंगों के जख्मों में नमक-मिर्च धीरे धीरे भरते रहिए. इन्हें कटे अंगों साथ ही भूखा-प्यासा रखकर, इनको जमाने के सामने तड़प-तड़प कर मरने दीजिए. तब फिर यह और इनके आका पहलगाम जैसी खूनी होलियाँ खेलना भूलकर, अपनी और अपनी जिंदगियों को बचाने की खातिर तौबा करने लगेंगे.”

क्या आप जेएंडके का चैनल हैं?

स्टेट मिरर हिंदी ने मंगलवार रात इस बारे में प्रतिक्रिया लेने के लिए दुनिया भर में मशहूर दिल्ली स्थित जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद शाबान बुखारी से संपर्क की कोशिश की. फोन अटैंड करने वाले शख्स ने बताया गया कि इमाम साहब भारत से बाहर हैं. फिर पूछा कि आप क्या “जे एंड के (जम्मू एंड कश्मीर) का चैनल हैं?”...स्टेट मिरर हिंदी ने दोहराया कि नहीं हम “स्टेट मिरर हैं”. तो फोन अटैंड करने वाला शख्स बोला, “इमाम साहब से अगले सप्ताह बात हो सकेगी.”

मुसलिम धर्मगुरु बोले “तबियत खराब है”

जामा मस्जिद के इमाम साहब के न मिलने पर स्टेट मिरर हिंदी ने लाल किला के सामने चांदनी चौक में स्थित दिल्ली और दुनिया की ऐतिहासिक फतेहपुरी मस्जिद के इमाम डॉ. मुफ्ती मुकर्रम को फोन मिलाया. जोकि अक्सर छोटे-छोटे मुद्दों पर मीडिया से बात करने का मौका तलाशते रहते हैं. स्टेट मिरर हिंदी ने जैसे ही उनसे पूछा कि मंगलवार को पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा हिंदूओं से उनका धर्म पूछकर गोलियों से भून डाला गया है...इस पर आपकी क्या कहना चाहते हैं? सवाल सुनते ही मुफ्ती मुकर्रम बोले, “मैं इस पर क्या बोलूं? मैं कुछ नहीं बोलूंगा.” फिर पीछा छुड़ाने के लिए कहने लगे कि, “मेरी तबियत खराब है. वैसे भी मै नेशनल मीडिया अब नहीं देखता हूं.” स्टेट-मिरर हिंदी ने जब कुछ बोलने को कहा तो बोले कि, “मैंने अब मीडिया पर बात करना बंद कर दिया है. पहलगाम में क्या हुआ है मैंने कोई खबर देखी ही नहीं है.”

आतंकी हमला
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