Pahalgam Terror Attack Side Effect: अगले 36 या 72 घंटे पाकिस्तान पर भारी, भारत चिंतित न हो अलर्ट रहे
पहलगाम आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान में आतंक के आकाओं और वहां के नेताओं को भारत की तरफ से हमला किए जाने का डर लगातार सता रहा है. पाकिस्तान के एक मंत्री तो यहां तक कह चुके हैं कि अगले 36 घंटों में भारत कभी भी पाकिस्तान पर हमला कर सकता है.

देश और दुनिया में इस वक्त एक ही सवाल गूंज रहा है कि, आने वाले 36 या 72 घंटे भारी पड़ने वाले हैं. यह घंटे भारी किस पर पड़ेंगे? इस सवाल के जवाब में स्टेट मिरर हिंदी के एडिटर क्राइम ने बात की हिंदुस्तान के उन रणबांकुरों से, अतीत में जिनका पाला धूर्त पाकिस्तान से पड़ता रहा है. वे जानते हैं पाकिस्तान की करनी और कथनी में फर्क है. आइए जानते हैं कि भारतीय सेना के पूर्व मेजर जनरल जी डी बख्शी (Retired Major General GD Bakshi), भारतीय फौज (Indian Army) के पूर्व मेजर और रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी तिलक राज कक्कड़ (IPS T R Kakkar) जोकि, भारत के तत्कालीन उप-प्रधानमंत्री-गृहमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी के आंतरिक सुरक्षा सलाहकार बेड़ा में भी रह चुके हैं. टी आर कक्कड़ भारतीय फौज में मेजर रहते हुए, पाकिस्तान की सेना को भी खदेड़ चुके हैं. और तीसरे हैं 1974 बैच के पूर्व आईपीएस उत्तर प्रदेश के रिटायर्ड पुलिस महानिदेशक डॉ. विक्रम सिंह.
भारतीय सेना के रिटायर्ड मेजर जनरल गगन दीप बख्शी (GD Bakshi) बोले, ‘थोड़ा सब्र कीजिए. इस बार अगर हालातों ने साथ दिया तो पाकिस्तान को कभी न भूलने वाला जख्म दिया जाएगा भारत की ओर से. ऐसा ज़ख्म जो कभी सूख ही न सके. जहां तक बात आने वाले 36 और 72 घंटे के बेहद नाजुक वक्त की आशंका है. तो इससे भारत क्यों चिंतित होगा. यह 36 या 72 घंटे तो धूर्त पाकिस्तान, वहां की हुकूमत और पाकिस्तानी फौज से इस्तीफे दे-देकर जान बचाने के लिए भाग रहे पाकिस्तानी आर्मी के अफसरों के ऊपर भारी पड़ने वाले हैं. वहां मौजूद आतंकवादियों के ऊपर यह आने वाले घंटे भारी और तबाही से भरे पड़ सकते हैं.’
1971 में श्रीमति इंदिरा गांधी और अब पीएम मोदी ने...
रिटायर्ड मेजर जनरल जीडी बख्शी आगे बोले, “पहलगाम में जो हुआ है उसका बदला तो इस बार भारत, पाकिस्तान से लेकर रहेगा. यह बदला पुलवामा कांड के बाद भारत द्वारा पाकिस्तानी आतंकवादी ठिकानों पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक से कई गुना भारी होगा. यह मैं भारतीय फौज की अपनी नौकरी के अनुभव से कह सकता हूं. कोई बड़ी बात नहीं है कि भारत के जवाबी एक्शन से बौखलाया पाकिस्तान दूसरे कारगिल वॉर के से हालात पैदा कर दे. भारत मुझे लगता है कि उस स्थिति से निपटने के लिए भी तैयार होगा. जिस तरह का मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार भारत की तीनों सेनाओँ (नेवी, एअरफोर्स और थलसेना) को फ्री हैंड दिया है. मुझे खूब याद है कि ऐसा फ्री हैंड भारत की तीनों फौजों को साल 1971 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमति इंदिरा गांधी ने दिया था.”
1964 बैच (वरिष्ठता के क्रम से, अन्यथा आईपीएस बैच की ट्रेनिंग 1968 में की) के पूर्व आईपीएस तिलक राज कक्कड़ (Ex IPS T R Kakkar) से स्टेट मिरर ने बात की. पहलगाम के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तल्ख हो चुके रिश्तों को लेकर उन्होंने कहा, “पहलगाम हमले के बाद भी भारत वहीं खड़ा है, जहां पहलगाम हमले से पहले था. अपोजिशन की जो हालत पहलगाम हमले को लेकर है. वो सब उनकी (कांग्रेस) कथनी और करनी में फर्क समझाने के लिए काफी है. फारुख अब्दुल्ला हों या उमर अब्दुल्ला. सबके अपने अपने स्वार्थ हैं. आज वे (उमर अबदुल्ला) जम्मू-कश्मीर विधानसभा में जिस तरह से देशभक्ति का रोना रो रहे थे. वो सब झूठ और फरेब है. उन्होंने सिर्फ कथित देशभक्ति वाला स्टेटमेंट मौके की नजाकत को समझते हुए दिया है.”
1965 में पाकिस्तान से युद्ध लड़ चुका हूं
आप दिल्ली पुलिस कमिश्नर रहे, भारतीय फौज में मेजर रहे पांच साल रहे. और फौज की पांच साल वो नौकरी आपने जम्मू कश्मीर में ही पूरी की. हाजीपास को पार भी आपने किया. 1965 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध को लड़ा. फौज की नौकरी में आपके गोली भी लगी. आप राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड यानी एनएसजी के प्रमुख रहे. बाद में आप भारत के तत्कालीन उप-प्रधानमंत्री-गृहमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी (1999-2000 के समय में) के सचिव आंतरिक सुरक्षा भी रहे. इन तमाम अनुभवों से क्या लगता है? इस बार पहलगाम को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच क्या स्थिति बनने वाली है? आगे आने वाले निकट समय में.
हाजीपार आज हिंदुस्तान का होता..
स्टेट मिरर हिंदी के सवाल के जवाब में उत्तराखंड के रानीखेत में मौजूद भारतीय फौज के पूर्व कैप्टन/ मेजर और रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट टीआर कक्कड़ ने कहा, “मैं जम्मू कश्मीर को 1964 से करीब से जानता हूं.1965 की भारत पाकिस्तान की लड़ाई के वक्त मैं जम्मू कश्मीर में ही पोस्टेड था. लड़ते लड़ते मैं पुंछ पार करके और भी आगे निकल गया. अगला पड़ाव ऊरी पाकिस्तान का था. हाजीपीर आज हमारे पास होता. मगर तब की हिंदुस्तानी हुकूमत के बारे में आज क्या कूंह? इस वक्त भारत-पाकिस्तान के बीच जो हालात हैं. उसे देखकर कह सकता हूं कि, अगर हमें अंततराष्ट्रीय सपोर्ट है तो अब भारत के लिए पाकिस्तान कोई बड़ी चीज नहीं रही है.”
आज भारत की लीडरशिप मजबूत है
1965 भारत पाकिस्तान के योद्धा तिलक राज कक्कड़ आगे बोले, “इस बार भारत पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी अड्डों को छांटकर निशाना बनाएगा. 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक में तो भारत ने पाकिस्तान के एक दो ही आतंकवादी लांचर पैड बर्बाद किए थे. इस बार यह संख्या 50 से ज्यादा होने की मुझे संभावना है. हां, इस बार भारत के अटैक के बदले में अगर पाकिस्तान जवाबी एक्शन करता है. तो भारत को बहुत सतर्क रहना होगा. इस बार एक नहीं कई बालाकोट होंगे भारत के निशाने पर.”
32-72 घंटे पाकिस्तान को डेंजर, भारत भी अलर्ट रहे
1974 बैच के पूर्व आईपीएस और उत्तर प्रदेश के सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक डॉ. विक्रम सिंह कहते हैं, “आने वाले कुछ घंटे अगर पाकिस्तान के लिए खरतनाक हैं, तो यह घंटे भारत के लिए सतर्क रहने की ओर भी आगाह करते हैं. दुश्मन को कभी हल्के में आंकने की चूक या भूल अक्षम्य अपराध होता है. पहलगाम के बाद घटनाक्रम बहुत तेजी से बदल रहा है. मोदी और भारत से बेहतर पाकिस्तान की कमर कोई और नहीं तोड़ सकता है.
हालात दूसरे ‘कारगिल-वॉर’ से न बन जाएं!
साल 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक से कहीं ज्यादा भारी साबित होगा इस बार भारत का जवाब. मुझे लगता है कि इस बार कहीं भारत के कदम उठाते ही दूसरे कारगिल वॉर की सी हालत न बन जाए. भले ही पाकिस्तान में भुखमरी क्यों फैली हो. मगर उसका खजाना खाली है. गोला-बारुद भी भीख में मांगे हुए हैं. वो लड़ाई लड़ेगा भी तो कितने दिन...दो चार पांच दिन. इससे ज्यादा मुझे नहीं लगता कि पाकिस्तान भारत के सामने टिक सकेगा. जिस पाकिस्तान के साथ मुस्लिम देश ही न हों. जिस पाकिस्तान के फौजी अफसर पहलगाम के बाद से छुट्टियां लेकर, इस्तीफे देकर सुरक्षित बिलों की ओर भाग रहे हों. समझिए कि ऐसा पाकिस्तान भारत से लड़ने के लिए कहां खड़ा होगा?”