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Pahalgam Terror Attack: अपनी एजेंसियों पर एक्शन बिना नरसंहार नहीं रुकेंगे, घाटी के पूर्व DGP की दो टूक: EXCLUSIVE

पहलगाम नरसंहार के पांच दिन बाद भी आतंकियों का सुराग न मिलने पर केंद्र ने रॉ, आईबी, एनआईए और जम्मू-कश्मीर पुलिस के आला अधिकारियों को तलब किया. जांच में खुलासा हुआ कि एजेंसियों की भारी लापरवाही से 28 निर्दोषों की जान गई. अब सरकार इन एजेंसियों के निकम्मे अफसरों पर कठोर कार्रवाई की तैयारी में है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से सबक लिया जा सके.

Pahalgam Terror Attack: अपनी एजेंसियों पर एक्शन बिना नरसंहार नहीं रुकेंगे, घाटी के पूर्व DGP की दो टूक: EXCLUSIVE
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संजीव चौहान
By: संजीव चौहान

Updated on: 27 April 2025 11:56 AM IST

जम्मू-कश्मीर घाटी के पहलगाम नरसंहार कांड के पांच दिन बाद भी, हिंदुस्तानी खुफिया और जांच एजेंसियां, आतंकवादियों की तलाश के नाम पर घाटी के बियाबान जंगलों में खाक छान रही हैं. इसके बावजूद मगर उनके हाथ कुछ नहीं लगा है. इस बीच अंदर की बड़ी खबर यह निकल कर आ रही है कि, पहलगाम नरसंहार कांड के जिम्मेदार आतंकवादियों की तलाश से पहले, हिंदुस्तानी हुकूमत ने अपनी खुफिया एजेंसियों (रॉ, आईबी, मिलिट्री इंटेलीजेंस, जांच एजेंसी NIA और जम्मू कश्मीर पुलिस) को तलब कर लिया. इन एजेंसियों के आला-अफसरों को आमने सामने बैठाकर कड़ी पूछताछ की गई. यह जानने के लिए कि आखिर यह सब उस वक्त कहां थे जब, आतंकवादियों ने बैसारन घाटी में दिन-दहाड़े गोलियां बरसाकर, 28 निहत्थे-निर्दोषों को कत्ल कर डाला?

सवाल के जवाब में पहले तो ऊपर उल्लिखित सभी एजेंसियों के अफसरों की गर्दनें नीचे झुकी रहीं. जब उन्हें कड़ाई से ताड़ना शुरू किया तो सबके पास अपनी अपनी गर्दन बचाने के लिए, अपने-अपने ‘मजबूत-बहाने’ थे. इन बहानों में एक “हम थे तो कश्मीर घाटी में ही मौजूद. चूंकि बैसारन पर्यटन स्थल बहुत ऊंचाई पर है. वहां कोई आसानी से आ-जा नहीं सकता है. आने-जाने का कोई साधन भी वहां मौजूद नहीं है. उधर सिर्फ भारतीय पर्यटक ही आते जाते हैं. इसलिए हम उधर (22 अप्रैल 2025 बीते मंगलवार को) ध्यान देने से चूक गए. क्योंकि वो जगह (पहलगाम की बैसारन घाटी) हमेशा सूनी ही रहती है. वहां सिर्फ कुछ पर्यटक ही पहुंचते हैं. इसलिए उस पर नजर रखने में हमसे चूक हो गई.”

'बेचारी' रॉ, आईबी, एनआईए और कश्मीर पुलिस

बात भी सही है जब पाकिस्तानी आतंकवादी, जिन्हें भारतीय एजेंसियों घटना से पहले तक अपनी काबिलियत के सामने कुछ ‘आँक’ ही नहीं रही थीं, और अब जब वे ही आतंकवादी पहलगाम घाटी में भारतीय एजेंसियों के निकम्मेपन के चलते 26-28 निहत्थे-निर्दोष लोगों को कत्ल करके सुरक्षित भाग भी चुके हैं. तो ऐसे में हिंदुस्तानी जांच, खुफिया एजेंसियों और जम्मू कश्मीर पुलिस को सिवाय शर्म से अपने-अपने सिर नीचे लटकाने के सिवाए, और कुछ बताने-सुनाने को बाकी बचा भी क्या है? इतने पर भी इन एजेंसियों के लापरवाह आला-हुक्मरानों की ‘गर्दनें’ बख्श दे, तब तो समझिए किसी कयामत से कम नहीं होगा.

जवाबदेही ‘फिक्स’ हो गर्दनें झुका लेने से क्या होगा?

पहलगाम में भारतीय खुफिया और जांच एजेंसियों सहित स्थानीय पुलिस के पूरी तरह फेल हो जाने से, जम्मू कश्मीर राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक शेष पाल वैद्य (Ex DGP Jammu and Kashmir IPS SP Vaid ) भी खासे नाराज हैं. जम्मू कश्मीर में मौजूद राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक नई दिल्ली में मौजूद स्टेट मिरर हिंदी के एडिटर क्राइम से एक्सक्लूसिव बात करते हुए कहा, “रॉ, आईबी, सेंट्रल आर्म्ड फोर्स, जम्मू कश्मीर पुलिस या फिर एनआईए हो. इतने बड़े नरसंहार के लिए जिम्मेदार इन सबके लापरवाह अफसरों-टीम लीडर्स के खिलाफ सख्त कठोरतम एक्शन हो. ताकि इनकी आने वाली पीढ़ियों के लिए नजीर बन जाए. उसके बाद आइंदा फिर कभी इतनी बड़ी घटना घटित कराने के लिए जाने-अनजाने, इन एजेंसियों के कर्ता-धर्ता सोते रहने की हिमाकत ही न कर सकें.”

पहलगाम कांड ने अमरनाथ यात्रा बचा ली...!

स्टेट मिरर हिंदी से बातचीत में जम्मू कश्मीर के पूर्व पुलिस महानिदेशक पूछते हैं, “3 जुलाई 2025 से अमरनाथ यात्रा शुरू हो रही है. सोचिए कि अगर यही आतंकवादी हमारी सुस्त एजेंसियों के चलते उस यात्रा में घुसने में कामयाब हो गए होते, तब तबाही या नुकसान का पैमाना क्या होता? पहलगाम कांड में 26-28 बेकसूरों ने अपनी जान देकर समझिए, हमारी एजेंसियों को गहरी नींद से जगाकर, अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित करने के लिए अलर्ट कर दिया है. अगर यह कहूं तो गलत नहीं होगा.

IB, RAW, NIA, CAPF, J&K Police सब लाइन लगाएं

जम्मू कश्मीर के पूर्व पुलिस महानिदेशक अपनी बात जारी रखते हुए आगे कहते हैं, “इसका मतलब यह नहीं कि एजेंसियां जाग चुकी हैं तो उन्हें पहलगाम कांड के लिए बख्श दिया जाए. मेरे हिसाब से तो पहलगाम कांड में सोती रही भारतीय एजेंसियों चाहे फिर वह रॉ, आईबी, सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स, एनआईए या जम्मू कश्मीर पुलिस में सो कोई हो, इन सबके लापरवाह सुस्त अफसर कर्मचारियों को यानी टॉप टू बॉटम के खिलाफ हिंदुस्तानी हुकूमत उस हद का सख्त एक्शन करे, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए नजीर बन जाए.”

पहले आतंकवादी, फिर अपनी एजेंसियों को घेरो

एक सवाल के जवाब में घाटी के रिटायर्ड पुलिस महानिदेशक कहते हैं, “पहलगाम कांड जिस दिन हुआ उसके तुरंत बाद ही, हिंदुस्तानी हुकूमत ने आईबी, रॉ, जम्मू कश्मीर पुलिस, केंद्रीय पुलिस और अर्धसैनिक बल, एनआईए आदि के सुस्त अफसरों की तगड़ी ‘क्लास’ लगा ली होगी. इन सबके अफसरों ने अपनी अपनी गर्दन बचाने के लिए निसंदेह सौ-सौ बहाने बनाए होंगे. हालांकि, भारतीय हुकूमत ने ताड़-समझ लिया होगा कि पुलवामा नरसंहार के लिए भारतीय एजेंसियों में कौन-कौन जिम्मेदार है? फिलहाल मेरा कहना है और सरकार भी यही कर रही होगी कि सबसे पहले, पहलगाम के दुश्मनों को घेरा जाए. उसके बाद भारतीय सुरक्षा, जांच और खुफिया एजेंसियों के उन अफसर को घेरा जाए, जो प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से इस नरसंहार के वक्त सोते रहे थे.”

आतंकी हमलापाकिस्तान
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