POK में आतंकियों का बहिष्कार! ऑपरेशन महादेव में मारे गए आतंकी ताहिर का निकला जनाजा, लश्कर कमांडर पर क्यों भड़के लोग?
Operation Mahadev: भारतीय सेना के चलाए गए ऑपरेशन महादेव में लश्कर का आतंकवादी ताहिर हबीब मारा गया. ताहिर के अंतिम संस्कार करने से उसके माता-पिता ने मना कर दिया. परिजन काफी नाराज दिखे. परिजन से अंतिम संस्कार करने की जबरदस्ती की तो स्थानीय लोग गुस्से में आ गए.
Operation Mahadev: भारतीय सेना ने पहलगाम आतंकी हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों के खात्मे के लिए ऑपरेशन महादेव चलाया. इस दौरान आतंकवादी ताहिर हबीब भी मारा गया. उसका जनाजा-ए-गायब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी POK स्थित खाई गांव में पहुंचा. ऐसा शव न होने की स्थिति में किया जाता है.
जानकारी के अनुसार, ताहिर पाकिस्तान सेना का पूर्व जवान था. बाद में वह लश्कर-ए-तैयबा के साथ काम करने लगा. उसने पहलगाम में 26 पर्यटकों को मारने वाले मिशन में अहम भूमिका निभाई थी. उसकी मौत की पुष्टि होने पर पहलगान पीड़ितों ने खुशी जाहिर की.
परिजन ने नहीं किया अंतिम संस्कार
ताहिर के अंतिम संस्कार करने से उसके माता-पिता ने मना कर दिया. परिजन काफी नाराज दिखे, हालांकि लश्कर का कमांडर रिजवान हनीफ वहां आया था. रिजवान ने परिजन से अंतिम संस्कार करने की जबरदस्ती की तो स्थानीय लोग गुस्से में आ गए. लश्कर के आतंकी ने बंदूक चालने की धमकी देकर लोगों को डराने लगे, जिससे पूरा गांव आक्रोश में आ गया.
एक व्यक्ति ने बताया कि लोग अब आतंकियों के खिलाफ सार्वजनिक बहिष्कार की योजना बना रहे हैं. यह पाकिस्तान के आंतक तंत्र को खत्म करने का एक प्रयास है. क्योंकि आतंकवाद का असर पाक की आम जनता के जनजीवन पर भी पड़ता है.
इस विरोध से पता चलता है कि पहलगाम हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता थी. बेशक वो कितना ही इनकार कर ले, सच यही है.
क्या है ऑपरेशन महादेव?
28 जुलाई 2025 को जम्मू‑कश्मीर के दाचीगाम के आसपास भारतीय सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन महादेव चलाया. यह एक विस्तृत आतंकवाद-विरोधी अभियान था. इसमें भारतीय सेना (24 RR एवं 4 PARA), CRPF व जम्मू‑कश्मीर पुलिस ने मिलकर लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों-सुलेमान उर्फ सुलेमान शाह (hashim musa), जिब्रान व यासिर (या हमजा अफगानी) को घेर कर मार गिराया.
जिन्हें 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 पर्यटकों की हत्या में शामिल माना जाता है. वायुसेना की तरफ से जारी अभियान ऑपरेशन महादेव को चिनार कोर ने पुष्टि की. इस कार्रवाई में सुरक्षा बलों को कोई हानि नहीं हुई व भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए.
गृह मंत्री ने दी जानकारी
गृह मंत्री अमित शाह ने 29 जुलाई को लोकसभा में बताया कि तीनों आतंकियों की पहचान IB और सेना के डेटाबेस व स्थानीय गवाहों द्वारा की गई, जो बाद में पाकिस्तान के नागरिक पाए गए. उन्होंने हमला भयानक बताया और जिम्मेदारों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया. एक पीड़ित महिला की पत्नी ने कहा कि यह कार्रवाई न्याय दिलाने जैसा था और इससे आतंकियों को यह संदेश गया कि भारत किसी को क्षमा नहीं करेगा.





