Jammu Kashmir: क्या है इंडियन आर्मी का 'ऑपरेशन अखाल' जो आतंकियों के लिए साबित हो रहा महाकाल, जानें सब कुछ
जम्मू कश्मीर घाटी के कुलगाम में भारतीय सेना द्वारा 'ऑपरेशन अखाल' चलाने के पीछे मुख्य मकसद घाटी से आतंकियों को समूल नाश करना है. इस कार्रवाई में भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मिलकर तेजी से मोर्चा संभाला और फिर जो हुआ, उसने पाकिस्तान परस्त आतंकियों को बता दिया कि सीमा पार कर जो आएगा वो सिर्फ ढेर होगा.
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में सुरक्षाबलों ने 'ऑपरेशन अखाल' के तहत एक और पाक परस्त आतंकी को मार गिराया. बीते कुछ हफ्तों से कश्मीर में चल रही आतंक विरोधी मुहिम का यह हिस्सा है. ऑपरेशन अखाल के तहत अब तक दर्जनों आतंकी ढेर किए जा चुके हैं. भारतीय सेना की चिनार कोर ने अपने आधिकारिक 'एक्स' हैंडल पर पोस्ट कर बताया कि रात भर रुक-रुक कर और तीव्र गोलीबारी जारी रही. सतर्क सैनिकों ने सटीक गोलीबारी की और संपर्क बनाए रखते हुए घेराबंदी कड़ी कर दी. अब सेना के ऑपरेशन अखाल को लेकर तर तरह के सवाल पूछे रहे हैं कि 'ऑपरेशन अखाल' किस बला का नाम है, जो आतंकियों को सीधे ऊपर पहुंचा देता है.
क्या है ऑपरेशन अखाल?
ऑपरेशन अखाल' के तहत भारतीय सेना पिछले कुछ महीनों से घाटी में सक्रिय आतंकियों को निशाना बना रही है. हाल ही में इसी ऑपरेशन के तहत कई बड़े आतंकियों को ढेर किया गया था. इसका मकसद साफ है, 'कश्मीर घाटी में डर का माहौल खत्म करना और शांति बहाल करना.'
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि सीमा पार से आतंकी लगातार घुसपैठ की कोशिशों में लगे हुए हैं। लेकिन इस बार भारतीय फोर्सेस हर मोर्चे पर तैयार हैं. ऑपरेशन अखाल उसी तैयार जमीनी रणनीति का हिस्सा है, जिसमें आतंकी न छुप सकते हैं, न बच सकते हैं.
ऑपरेशन अखाल के तहत सेना की पिछले सात दिनों में आतंकियों के साथ यह तीसरी बड़ी मुठभेड़ है. इससे पहले बुधवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास घुसपैठ की कोशिश के बाद सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में ऑपरेशन शिव शक्ति के दौरान दो आतंकवादी मारे गए थे. यह मुठभेड़ मंगलवार रात कलसियां-गुलपुर इलाके में शुरू हुई जब भारतीय सेना ने सीमा पर घुसपैठ की कोशिश कर रहे आतंकवादियों के एक समूह को रोका.
28 जुलाई को श्रीनगर के बाहरी इलाके हरवान के पास लिडवास के जंगली इलाके में एक मुठभेड़ के दौरान तीन पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गए थे. 'ऑपरेशन महादेव' नामक इस अभियान में 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के पीछे के आतंकवादियों का सफाया करना था.
लश्कर से है मारे गए आतंकियों का लिंक
एक आतंकवादी की पहचान पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड सुलेमान के रूप में हुई, जबकि अन्य की पहचान अफगान और जिबरान के रूप में हुई. अभियान में मुठभेड़ में मारे गए सभी आतंकवादी पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित समूह लश्कर-ए-तैयबा के वरिष्ठ सदस्य थे.





