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अब Huntington's disease का हो सकता है सफल इलाज, नई जीन थेरेपी वरदान कैसे?

न्यू जीन थेरेपी (Gene Therapy) मेडिकल साइंस में एक क्रांतिकारी तकनीक मानी जा रही है. इसमें इंसानी कोशिकाओं के डीएनए ( DNA ) या जीन (Gene) को बदला, सुधारा या नया जीन डाला जाता है. ताकि बीमारी की जड़ को ठीक किया जा सके. इसका मकसद केवल रोग के लक्षणों को दबाना नहीं बल्कि बीमारी को जड़ से खत्म करना भी है.

अब Huntingtons disease का हो सकता है सफल इलाज, नई जीन थेरेपी  वरदान कैसे?
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( Image Source:  perplexity and Meta AI )

न्यू जीन थेरेपी ने हंटिंगटन रोग जैसी गंभीर और लाइलाज बीमारी के इलाज की नई उम्मीद के रूप में उभरकर सामने आई है. मेडिकल साइंस में इसे भविष्य का गेमचेंजर माना जा रहा है. दुनियाभर में वैज्ञानिक लंबे समय से हंटिंगटन रोग का इलाज खोजने में जुटे हैं. यह एक जेनेटिक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जो मरीज की याददाश्त, सोचने की क्षमता और शरीर के मूवमेंट को प्रभावित करता है. हाल ही में आई न्यू जीन थेरेपी ने मरीजों और डॉक्टरों दोनों को नई उम्मीद दी है.

न्यू जीन थेरेपी

जीन थेरेपी एक आधुनिक मेडिकल तकनीक है, जिसमें खराब जीन को बदलकर या ठीक करके बीमारी पर नियंत्रण पाया जाता है. इसे खासतौर पर उन बीमारियों के लिए विकसित किया जा रहा है जिनका इलाज पारंपरिक दवाओं या सर्जरी से संभव नहीं है.

हंटिंगटन रोग क्या है?

हंटिंगटन रोग एक अनुवांशिक (जेनेटिक) बीमारी है, जिसमें दिमाग की कोशिकाएं धीरे-धीरे नष्ट हो जाती हैं. इससे मरीज को याददाश्त कम होना, डिप्रेशन, अनियंत्रित मूवमेंट और सोचने की क्षमता में कमी जैसी समस्याएं होती हैं. यह रोग पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ता है.

न्यू जीन थेरेपी रोग को ठीक करने में अहम कैसे?

नई जीन थेरेपी तकनीक खराब जीन को सीधा टारगेट करके उसे ठीक करती है. रिसर्च में पाया गया है कि यह थेरेपी हंटिंगटन जीन (HTT gene) के असामान्य हिस्से को नियंत्रित कर सकती है, जिससे रोग की प्रगति धीमी हो सकती है और मरीज के जीवन की गुणवत्ता बेहतर हो सकती है. यह लाइलाज बीमारियों के लिए असरदार है. इसके जरिए सटीक और टारगेटेड इलाज संभव है. लंबे समय तक मरीज को राहत देने की क्षमता इस थेरेपी में संभव है. न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर पर कंट्रोल की संभावना है.

किन-किन बीमारियों के इलाज में सहायक?

फिलहाल, न्यू थेरेपी को लेकर रिसर्च और क्लीनिकल ट्रायल्स चल रहे हैं, लेकिन कुछ बीमारियों में इसके सकारात्मक परिणाम दिखे हैं. यानी न्यू जीन थेरेपी खासतौर पर उन बीमारियों के लिए कारगर मानी जा रही है जिनका कारण जीन में गड़बड़ी या आनुवंशिक दोष है.

आनुवांशिक (Genetic) रोग, हंटिंगटन रोग (Huntington’s Disease), सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic Fibrosis), मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (Muscular Dystrophy), थैलेसीमिया और सिकल सेल एनीमिया, ब्लड से जुड़ी बीमारियां, हीमोफीलिया (Hemophilia), बीटा-थैलेसीमिया, सिकल सेल रोग, नेत्र रोग (लिबर कॉन्जेनिटल अमॉरोसिस, रेटिनल डिसऑर्डर्स, न्यूरोलॉजिकल रोग, पार्किंसन रोग, स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी, कैंसर और CAR-T Cell Therapy के जरिए ल्यूकेमिया और लिंफोमा जैसे कैंसर का इलाज, संक्रामक रोग) का इलाज संभव है. इसके अलाव एचआईवी (HIV) और कुछ वायरल इंफेक्शन पर भी रिसर्च जारी है.

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