ABVP के दबाव में झुका सेंट जेवियर्स कॉलेज, स्टेन स्वामी पर होने वाला स्पीच रद्द; भीमा कोरेगांव से क्या है कनेक्शन?
एबीवीपी (ABVP) ने कॉलेज प्रशासन को एक पत्र लिखकर स्टेन स्वामी स्मृति व्याख्यान कार्यक्रम के खिलाफ सख्त ऐतराज जताया था. एबीवीपी ने राज्य सरकार से इस कार्यक्रम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. पत्र में कहा था, "यह व्याख्यान उस व्यक्ति का महिमामंडन करता है जिसे एल्गार परिषद-भीमा कोरेगांव मामले में मुख्य आरोपी था."
सेंट जेवियर्स कॉलेज मुंबई ने रक्षाबंधन के दिन (9 अगस्त 2025) को अपना वार्षिक स्टेन स्वामी स्मृति व्याख्यान रद्द कर दिया. कॉलेज प्रबंधन ने यह फैसला अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) द्वारा लिखित में आपत्ति जताने के बाद लिया. एबीवीपी का आरोप था कि इसमें एल्गार परिषद-भीमा कोरेगांव मामले में एक आरोपी व्यक्ति का महिमामंडन किया जाता है.
सेंट जेवियर्स कॉलेज मुंबई के अंतर-धार्मिक अध्ययन विभाग (डीआईआरएस) द्वारा आयोजित यह व्याख्यान पोंटिफिकल ग्रेगोरियन विश्वविद्यालय में धर्मशास्त्र संकाय के एसोसिएट लेक्चरर, फादर प्रेम जालक्सो द्वारा वर्चुअल रूप से दिया जाना था. उन्हें "आजीविका के लिए प्रवास दुखों के बीच आशा" विषय पर व्याख्यान देना था.
भीमा कोरेगांव केस में आरोपी था स्टेन स्वामी
इस सप्ताह की शुरुआत में एबीवीपी ने कॉलेज प्रशासन को एक पत्र लिखकर इस कार्यक्रम के खिलाफ सख्त ऐतराज जताया था. एबीवीपी ने राज्य सरकार से इस कार्यक्रम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. पत्र में कहा गया है, "यह व्याख्यान उस व्यक्ति का महिमामंडन करता है जिसे एल्गार परिषद-भीमा कोरेगांव मामले में मुख्य आरोपी था और जिसके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम 1967 के तहत आरोप दर्ज किए गए थे और जिसकी मृत्यु हो चुकी है."
कौन था स्टेन स्वामी?
फादर स्टेन स्वामी झारखंड स्थित एक जेसुइट पादरी और आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता था. उन्हें 7 अक्टूबर, 2019 को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गिरफ्तार किया था और 2021 में मुंबई के एक अस्पताल में उनकी मृत्यु होने तक वे राज्य की हिरासत में रहा.
सेंट जेवियर्स कॉलेज के फादर कीथ डिसूजा ने बताया कि ये व्याख्यान आमतौर पर 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित किए जाते हैं. उन्होंने कहा, "हमारा वार्षिक स्टेन स्वामी स्मारक व्याख्यान उन प्रतिष्ठित विद्वानों द्वारा दिया जाता है जिन्होंने दुनिया भर में आदिवासी लोगों के इतिहास और विकास के क्षेत्र में शोध किया है. इस वर्ष का विषय प्रवासन था। हालांकि, व्याख्यान आदिवासी जीवन से संबंधित कई विषयों पर हैं (जिन पर किसी ने आपत्ति नहीं जताई है).
एबीवीपी ने कार्यक्रम के नाम पर उठाए थे सवाल
एबीवीपी की आपत्ति के बाद विवाद स्टेन स्वामी के नाम पर व्याख्यान श्रृंखला के नामकरण को लेकर था. हालांकि, एक जेसुइट दृष्टिकोण से फादर स्टेन स्वामी एक भारतीय नागरिक थे, जिन पर आरोप तो लगे थे, लेकिन उनके निधन तक उन्हें उनके कथित अपराधों के लिए दोषी नहीं ठहराया गया था. हमारे भारतीय आपराधिक न्यायशास्त्र के अनुसार, कोई व्यक्ति तब तक निर्दोष होता है जब तक कि उसे दोषी साबित न कर दिया जाए."
सेंट जेवियर के लिए विवाद शुभ संकेत नहीं
फादर डी. सूजा ने आगे कहा, "हम अन्य दृष्टिकोणों और चिंताओं का सम्मान करते हैं, साथ ही हम दूसरों से भी सम्मान का पारस्परिक दृष्टिकोण प्राप्त करने की आशा करते हैं. इस तरह का विवाद अंतरराष्ट्रीय उच्च शिक्षा संबंधों के लिए शुभ संकेत नहीं है."





