बच्चे अब टेंशन फ्री होकर देंगे एग्जाम! CBSE बोर्ड ने कक्षा 9 के लिए ओपन-बुक असेसमेंट दी परमिशन, छात्रों को होंगे ये फायदे
CBSE Board: CBSE ने 2026–27 शैक्षणिक सत्र से कक्षा 9 में ओपन-बुक असेसमेंट लागू करने का प्रस्ताव मंज़ूर किया है. यह निर्णय जून 2025 में हुई बोर्ड की गवर्निंग बॉडी की बैठक में लिया गया, जिसमें शिक्षकों के समर्थन के आधार पर यह कदम उठाया गया.
CBSE Board: माध्यमिक शिक्षा केंद्रीय बोर्ड (CBSE) ने कक्षा 9 के स्टूडेंट्स के लिए बड़ा फैसला लिया है. बोर्ड ने ओपन-बुक असेसमेंट को 2026–27 शैक्षणिक वर्ष से लागू करने का प्रस्ताव मंजूर किया है. यह कदम एक पायलट अध्ययन के आधार पर उठाया गया, जिसमें शिक्षकों ने इस तरीके का समर्थन किया.
द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, जून में सीबीएसई बोर्ड की एक अहम बैठक हुई थी, जिसमें गवर्निंग बॉडी ने फैसला लिया. नए नियम के तहत कक्षा 9 में हर सत्र के तीन मुख्य पेपर-पेन परीक्षाओं के अंतर्गत ये ओपन-बुक टेस्ट होंगे. जिनमें भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे विषय शामिल होंगे.
ओपन-बुक परीक्षा को अनुमति
सीबीएसई बोर्ड अब कक्षा 9वीं ओपन-बुक परीक्षा कराने को तैयार हो गया है. हालांकि ये सभी विषयों के लिए नहीं होगा. यह पहल राष्ट्रीय पाठ्यक्रम ड्राफ्ट 2023 (NCFSE 2023) और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) की दिशा में एक कदम है.
NCFSE में ओपन-बुक टेस्ट को एक प्रभावी मूल्यांकन का रूप बताया गया है, जहां छात्र संदर्भ सामग्री जैसे पाठ्यपुस्तकें, कक्षा नोट या पुस्तकालय की किताबें खोलकर प्रश्नों के उत्तर दे सकते हैं. इससे सिर्फ रटने की बजाय जानकारी को समझकर उपयोग करने और लागू करने की क्षमता पर ध्यान केंद्रित होता है. कोविड के दौरान स्कूल-कॉलेज के ओपन बुक परीक्षाओं का ही आयोजन किया था.
क्यों लिया फैसला?
पायलट अध्ययन में पाया गया कि छात्रों के स्कोर 12% से 47% के बीच रहे, जिससे यह पता चला कि अधिकतर छात्र संसाधनों का सही उपयोग नहीं कर पाए. उन्हें विषयों के बीच संबंध समझने में समस्या हुई. इसके बावजूद शिक्षकों ने इस परीक्षा प्रणाली का सकारात्मक स्वागत किया और कहा कि यह मूल्यांकन की गुणवत्ता, संदर्भ सामग्री के उपयोग और मूल संरचनात्मक समझ को बढ़ावा देती है. लेकिन इसके लिए छात्रों को सही मार्गदर्शन की आवश्यकता होगी.
हालांकि ओपन-बुक एग्जाम जो स्कूल अपनाना चाहेंगे उनके लिए ही होगा. इसका उद्देश्य बच्चों की एग्जाम की टेंशन को कम करना, ज्ञान का वास्तविक जीवन में उपयोग बढ़ाना, रटने के बजाय सैद्धांतिक समझ, समस्या समाधान, और मूल्यांकन पर केंद्रित शिक्षा को अपनाना है.
पहले भी किए थे प्रयास
ओपन बुक एग्जाम में बच्चों को रटा मारने की जगह समझ बढ़ाने के लिए ऐसा किया जा रहा है. बता दें कि इससे पहले साल 2014 में सीबीएसई बोर्ड ने रटने की आदत को कम करने के लिए ओपन टेक्स्ट बेस्ड असेसमेंट (OTBA) शुरू किया था. तब इसे 9वीं कक्षा में हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के लिए लागू किया था.





