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लेह में कैसे भड़की हिंसा, सोनम वांगचुक को क्यों किया गया गिरफ्तार और क्या पाक से है कोई कनेक्शन? जानिए लद्दाख DGP की जुबानी

लद्दाख में राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर प्रदर्शन हिंसक हो गया. लेह में 5-6 हजार लोगों ने सरकारी दफ्तरों और बीजेपी दफ्तर को निशाना बनाया, गाड़ियां जला दीं और पथराव किया. झड़प में 17 सीआरपीएफ जवान और 70 से ज्यादा लोग घायल हुए, वहीं पुलिस फायरिंग में 4 की मौत हो गई. पुलिस ने अब तक 44 लोगों को गिरफ्तार किया है और सोनम वांगचुक को एनएसए के तहत हिरासत में लिया गया है. इस मामले में अब डीजीपी का बड़ा बयान सामने आया है.

लेह में कैसे भड़की हिंसा, सोनम वांगचुक को क्यों किया गया गिरफ्तार और क्या पाक से है कोई कनेक्शन? जानिए लद्दाख DGP की जुबानी
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( Image Source:  ANI )

Ladakh DGP SD Singh Jamwal on Leh violence Sonam Wangchuk Pakistan Link: लद्दाख में राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर बुधवार (24 सितंबर) को लेह की सड़कों पर हालात बेकाबू हो गए. करीब 5 से 6 हजार प्रदर्शनकारी जुटे और देखते ही देखते प्रदर्शन हिंसक रूप ले बैठा. सरकारी इमारतों को नुकसान पहुंचाया गया, वाहनों में आग लगा दी गई और बीजेपी कार्यालय पर भी हमला हुआ.

उपद्रव रोकने के लिए सुरक्षा बलों को आंसू गैस, लाठीचार्ज और फायरिंग तक करनी पड़ी. इस झड़प में 17 सीआरपीएफ जवान घायल हुए, जबकि 70 से ज्यादा आम नागरिकों को चोटें आईं.

डीजीपी ने सोनम वांगचुक पर लगाए गंभीर आरोप

लद्दाख के डीजीपी एसडी सिंह जमवाल ने स्थिति पर प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि प्रदर्शन की आड़ में हिंसा फैलाने की कोशिश हुई और पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक इसमें अहम भूमिका निभा रहे थे. उन्होंने आरोप लगाया कि वांगचुक की भूख हड़ताल को हिंसा का मंच बना दिया गया, जहां बाहरी तत्वों को आमंत्रित किया गया.

डीजीपी ने दावा किया कि सरकार पहले से ही लेह एपेक्स बॉडी और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) से बातचीत कर रही है, लेकिन वांगचुक और अन्य संगठनों ने इस प्रक्रिया को 'हाईजैक' करने की कोशिश की.

पाकिस्तान लिंक की जांच में जुटी पुलिस

डीजीपी ने बताया कि पुलिस ने हाल ही में एक पाकिस्तानी पीआईओ (Person of Indian Origin) को गिरफ्तार किया है, जो वांगचुक के संपर्क में था और पाकिस्तान को रिपोर्ट भेज रहा था. उनके मुताबिक, वांगचुक पहले भी पाकिस्तान के 'डॉन' इवेंट में हिस्सा ले चुके हैं और बांग्लादेश भी गए थे. उन्होंने कहा कि वांगचुक पर एफसीआरए नियमों के उल्लंघन और संदिग्ध फंडिंग की भी जांच चल रही है.

हिंसा में 4 की मौत, सैकड़ों घायल

जमवाल ने बताया कि 5000-6000 की भीड़ ने सरकारी दफ्तरों और पार्टी ऑफिसों को निशाना बनाया. झड़प के दौरान सीआरपीएफ के जवानों को बुरी तरह पीटा गया, एक जवान की रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट आई. एक इमारत में मौजूद 4 महिला पुलिसकर्मियों पर भी जानलेवा हमला हुआ. हालात काबू से बाहर होने पर आत्मरक्षा में फायरिंग की गई, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई. 70-80 सुरक्षा बल और उतनी ही संख्या में नागरिक घायल हुए. एक गंभीर रूप से घायल लड़की को इलाज के लिए दिल्ली एयरलिफ्ट करना पड़ा.

मुझ पर भी हमला हुआ: डीजीपी

डीजीपी ने खुलासा किया कि खुद उन पर भी हमला किया गया था, लेकिन वे मामूली चोटों के साथ बच निकले. उन्होंने कहा कि पहले दिन ही 32 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे, जिनमें 17 सीआरपीएफ और 15 लद्दाख पुलिस के जवान थे.

44 गिरफ्तार, सोनम वांगचुक पर NSA

अब तक पुलिस ने 44 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मुख्य आरोपी भी शामिल हैं. सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत हिरासत में लिया गया है. डीजीपी ने साफ किया कि यह कार्रवाई खुफिया इनपुट्स के आधार पर की गई है, ताकि स्थिति और बिगड़ने से रोकी जा सके.

लद्दाख में हालात फिलहाल तनावपूर्ण बने हुए हैं. राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर चल रहा यह आंदोलन अब राजनीतिक, कानूनी और सुरक्षा बहस का बड़ा मुद्दा बन गया है.

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