कौन हैं कांग्रेस के पार्षद फुटसोग स्टेनज़िन त्सेपाग, जिसे भाजपा ने बताया लद्दाख हिंसा का आरोपी? जानें Viral दावे की हकीकत
लद्दाख में 24 सितंबर 2025 को हुई हिंसा के बाद कांग्रेस पार्षद फुंटसोग स्टेनज़िन त्सेपाग का नाम सामने आया. भाजपा ने उन पर भीड़ को उकसाने और भाजपा कार्यालय व हिल काउंसिल सचिवालय को निशाना बनाने का आरोप लगाया. त्सेपाग ने आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि उन्हें राजनीति से प्रेरित झूठे आरोपों का सामना करना पड़ रहा है. हिंसा में चार लोगों की मौत और 90 से अधिक घायल हुए. कांग्रेस ने न्यायिक जांच की मांग की है.

लद्दाख में राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर भड़की हिंसा ने पूरे क्षेत्र का राजनीतिक माहौल गर्म कर दिया है. बीजेपी ने कांग्रेस के पार्षद फुंटसोग स्टैंजिन त्सेपाग पर हिंसा भड़काने का गंभीर आरोप लगाया है. पार्टी ने उनके वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर जारी कीं, जिनमें उन्हें भीड़ को उकसाते देखा गया. इस हिंसा में चार लोगों की मौत हुई और 90 से अधिक लोग घायल हुए. हालांकि कांग्रेस की ओर से फुंटसोग स्टैंजिन त्सेपाग पर लगाया गया आरोप फर्जी है.
पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने 15 दिनों का अनशन समाप्त कर दिया है, लेकिन गृह मंत्रालय ने उन पर भीड़ को भड़काने का आरोप लगाया है. आईटीबीपी, सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस को तैनात किया गया है और लेह जिले में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है.
बीजेपी का आरोप और वायरल फुटेज
बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर कहा, 'ऊपरी लेह वार्ड के कांग्रेस पार्षद त्सेपाग दंगे के दौरान भीड़ को उकसाते और भाजपा कार्यालय व हिल काउंसिल को निशाना बनाते हुए देखे गए.' इसके साथ ही उन्होंने राहुल गांधी को भी निशाने पर लिया.संबित पात्रा ने भी स्टैंजिन त्सेपाग पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया. पुलिस ने अब तक 50 लोगों को हिरासत में लिया है और पार्षद के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. बुधवार को गुस्साई भीड़ ने बीजेपी कार्यालय और हिल काउंसिल सचिवालय को आग के हवाले कर दिया. सीबीआई ने सोनम वांगचुक के खिलाफ भी जांच शुरू कर दी है, जिसमें विदेश से मिलने वाली राशि की जांच की जा रही है.
कांग्रेस का जवाब और सफाई
कांग्रेस ने दो दिन तक खामोशी साधने के बाद अब सफाई जारी की. मीडिया विभाग प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा, 'कांग्रेस पार्षद स्टैंजिन त्सेपाग का कोई भी वीडियो या फोटो गलत तरीके से पेश किया जा रहा है. हम सभी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे जिन्होंने हमारी पार्टी को बदनाम करने की कोशिश की.' साफ़ है कि जिस दिन हिंसा हुई, उसी दिन से पार्षद का नाम सोशल मीडिया पर वायरल रहा. अब कांग्रेस और पार्षद दोनों ने इस पर प्रतिक्रिया दी है और पत्रकारों के खिलाफ कानूनी नोटिस की धमकी दी है.
फुटेज की जांच और सुरक्षा उपाय
सरकारी सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने हिंसा में शामिल लोगों की पहचान के लिए ‘फेस रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर’ का इस्तेमाल शुरू कर दिया है. सभी उपलब्ध फुटेज की बारीकी से जांच की जा रही है. फिलहाल पुलिस जाँच का पूरा विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया है. इस पूरे घटनाक्रम ने लद्दाख के राजनीतिक और सामाजिक माहौल को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही इस मामले में अपना पक्ष रख रहे हैं, जबकि प्रशासन स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए पूरी सतर्कता बरत रहा है.
फुटसोग स्टेनज़िन त्सेपाग कौन हैं?
फुटसोग स्टेनज़िन त्सेपाग अपर लेह के पार्षद हैं और लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद में प्रतिनिधि के रूप में कार्यरत हैं. इस परिषद में पांच सदस्यीय कार्यकारी परिषद के साथ कुल 30 पार्षद शामिल हैं. त्सेपाग ने 2020 में कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में लेह चुनाव जीता था. उन पर 24 सितंबर को लेह और लद्दाख में विरोध प्रदर्शनों को भड़काने और भड़काऊ भाषण देने के आरोप लगे. इस मामले में पुलिस ने उनके खिलाफ नाथमिकी (पुलिस मामला) दर्ज किया है. लद्दाख स्वायत्त ज़िला संगठन की स्थापना 1995 में हुई थी और वर्तमान में लेह जिले का प्रशासन इसी संगठन के तहत संचालित होता है. परिषद के सदस्यों का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है और ये क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों से प्रत्यक्ष मतदान के माध्यम से चुने जाते हैं.