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EXCLUSIVE: लेह-लद्दाख को खून से ‘लाल’ करके फंसे सोनम वांगचुक, CBI की नजर 5 करोड़ ‘डोनेशन’ और पाकिस्तान यात्रा की डर्टी स्टोरी पर!

लेह-लद्दाख में हालिया हिंसा के मामले में सोनम वांगचुक पर CBI और ED ने जांच शुरू कर दी है. रिटायर्ड DGP जम्मू-कश्मीर एस.पी. वैद ने कहा कि वांगचुक ने निजी लाभ के लिए क्षेत्र में खून-खराबा कराया और लेह-लद्दाख को नुकसान पहुंचाया. उनके खिलाफ PSA लगाने में देरी पर वैद ने सवाल उठाया. पाकिस्तान यात्रा और 5 करोड़ रुपये की संदिग्ध डोनेशन भी जांच के केंद्र में हैं. वैद ने स्पष्ट किया कि सोनम वांगचुक जैसी गतिविधियां भारत के किसी हिस्से को अलग नहीं कर सकतीं.

EXCLUSIVE: लेह-लद्दाख को खून से ‘लाल’ करके फंसे सोनम वांगचुक, CBI की नजर 5 करोड़ ‘डोनेशन’ और पाकिस्तान यात्रा की डर्टी स्टोरी पर!
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संजीव चौहान
By: संजीव चौहान

Updated on: 26 Sept 2025 3:13 PM IST

बेहद शांत-खूबसूरत ‘लेह-लद्दाख’ को निजी-स्वार्थ की आग में झोंककर और कुछ लोगों का खून बहाने की आड़ में ‘हीरो’ बनने चला, बीते कल का पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक आज भारत का ‘विलेन’ कैसे बन गया? क्या लिंक या सोर्स है उसके खाते में आए 5 करोड़ जैसी मोटी-भारी-भरकम रकम का? अचानक लेह-लद्दाख और देश दुनिया में पर्यावरणविद् प्रेमी के रूप में मशहूर सोनम वांगचुक आखिर अचानक चंद घंटों के भीतर ही कैसे अपने ही लेह-लद्दाख को आग में फुंकवाने पर उतर आया?

इन्हीं तमाम अनसुलझे मगर सुलगते हुए सवालों के जवाब के लिए स्टेट मिरर हिंदी के एडिटर इनवेस्टीगेशन ने एक्सक्लूसिव बात की 1986 बैच के पूर्व वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और जम्मू कश्मीर राज्य के दबंग पुलिस महानिदेशक रहे शेष पॉल वैद (Ex IPS Shesh Paul Vaid, Retired DGP Jammu and Kashmir) से. शेष पॉल वैद कई साल पहले यानी अपनी आईपीएस सेवा के शुरूआती कार्यकाल में लेह-लद्दाख के पुलिस अधीक्षक भी रह चुके हैं. उन्होंने कहा, “अब मैं करीब तीन दशक आईपीएस की नौकरी करके रिटायर भी हो चुका हूं. मैंने पुलिस सेवा के 35 साल उसके बाद पुलिस सेवा से रिटायर होने के बाद से अब और पुलिस सेवा से पहले के अपने पूरे जीवन काल में कभी कल्पना नहीं की थी कि कोई सोनम वांगचुक नाम का सिरफिरा इंसान भी लद्दाख की भूमि पर जन्मेगा, जो खुद ही अपनी जेबें भरने के की खातिर, लद्दाख के ही बेगुनाहों के खून से लद्दाख की पवित्र जमीन को रंगकर कुरूप करने में भी नहीं शरमाएगा.”

सोनम वांगचुक को लद्दाख-लेह का जितना नुकसान करना था कर चुका

स्टेट मिरर हिंदी के एक सवाल के जवाब में लद्दाख के पूर्व पुलिस अधीक्षक और जम्मू कश्मीर राज्य के रिटायर्ड पुलिस महानिदेशक बोले, “दरअसल सोनम वांगचुक को जो कुछ और जितना घटियापन या कहिए कि लद्दाख-लेह का नुकसान करना था वह कर चुका. इस गफलत में कि उसकी काली करतूतों पर भारत सरकार की नजर कभी नहीं पड़ेगी. सच यह है कि यही उसकी सबसे बड़ी गलतफहमी अब उसके भविष्य के लिए एक बदनुमा दाग भी बन जाएगी. वह दाग जिसे दुनिया की किसी भी रबर से कोई नहीं मिटा सकेगा. दो चार दिन का इंतजार कीजिए. केंद्र सरकार की एजेंसियों से मिले इनपुट के आधार पर सोनम वांगचुक की करतूतों के भंडाफोड़ के लिए, प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई जैसी मजबूत भरोसेमंद जांच एजेसिंयों ने अपना काम शुरू कर दिया है. जल्दी ही पता चल जाएगा कि वे कौन सी वजहें या कारण रहे जिनसे अपनी स्वार्थ-सिद्धि में अंधे हो चुके सोनम वांगचुक ने पर्यावरणविद का चोगा उतार फेंका और वह अपने ही खूबसूरत बेहद शांत लेह-लद्दाख को आग के हवाले करके वहां तबाही मचाने पर उतर आया था.”

Image Credit: ANI

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सोनम वांगचुक के पीछे कोई विदेश ताकत तो नहीं?

लेह लद्दाख और सोनम वांगचुक जैसों की रग-रग से बखूबी वाकिफ रहे राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक स्टेट मिरर हिंदी के साथ विशेष बातचीत में कहते हैं कि, “मुझे अपने पुलिस सेवाकाल के अनुभव से लगता है लेह लद्दाख को आग के हवाले करके वहां कुछ लोगों की जान लेने का और 70 से भी ज्यादा लोगों को बुरी तरह जख्मी करवाने की शर्मनाक घटना में, सोनम वांगचुक तो सामने मौजूद चेहरा था. सोनम वांगचुक के पीछे शायद भारत-विरोधी किसी ताकतवर देश का हाथ हो सकता है. अगर ऐसा नहीं है तो फिर सवाल यह पैदा होता है कि आखिर सोनम वांगचुक ने अपनी संस्था इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स लद्दाख (HIAL) के कुल 7 अकाउंट खोले थे. इनमें से उसने 3-4 खातों की कोई जानकारी सरकार को क्यों नहीं दी? बीते साल तक उसकी संस्था को मिले डोनेशन की जो रकम 6 करोड़ थी वह अचानक 15 करोड़ तक कैसे पहुंच गई?” इस संदिग्ध चंदे की रकम में से भी करीब डेढ़ करोड़ की कथित मदद (विदेशी रकम) बिना FCRA पंजीकरण के ही मंगवाई गई है. इतना ही नहीं अब अपनी ही काली-करतूतों और भारत विरोधी गतिविधियों में चारों ओर से फंस चुका सोनम वांगचुक, अतीत में हमेशा कार्पोरेट सेक्टर की आलोचना ही करता रहता था. जबकि उसी के एनजीओ के रिकॉर्ड इसके ठीक उलटा साबित करते हैं. जिसके मुताबिक इसकी संस्थाओं ने कई बड़ी कंपनियों और सराकरी पीएसयू से भी CSR फंड लिया है.

सोनम वांगचुक के खिलाफ पीएसए लगाने में क्‍यों की जा रही देरी?

लेह-लद्दाख को जलाने-जलवाने और वहां मारकाट मचवाने के कोहराम में जब यही सोनम वांगचुक खड़ा दिखाई दिया और इसने खुद को चारों ओर से घिरता हुआ देखा तो दलील दे रहा है कि, उसे “बलि का बकरा” बनाया जा रहा है. हालांकि इन सब दलीलों का सरकारी मशीनरी पर अब जब लेह-लद्दाख जल ही चुका है, तो कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. इसीलिए सरकार ने सोनम वांगचुक की गहरी जड़ों को खोदने के लिए सीबीआई, ईडी को जांच सौंप दी है. जम्मू कश्मीर राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक शेष पॉल वैद तो सरकार से ही सवाल करते हैं कि, “इस तरह के बे-गैरत, देश विरोधी कामों में लिप्त सोनम वांगचुक के खिलाफ आखिर पब्लिक सेफ्टी एक्ट यानी पीएसए (PSA) जैसा सख्त कानून लगाने में इतनी देरी क्यों की जा रही है?”

Image Credit: ANI

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पाकिस्‍तान से लौटे सोनम वांगचुक पर एजेंसियों ने क्‍यों नहीं रखी नजर?

एक सवाल के जवाब में राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक खुद ही जवाब देने के बजाए सवाल करते हैं, “सोनम वांगचुक छह फरवरी 2025 को पाकिस्तान गया था. वहां उसने इस्लामाबाद में आयोजित Breath Pakistan क्लाइमेट कांफ्रेंस में शिरकत की थी. इसका आयोजन किसी डॉन मीडिया की ओर से पाकिस्तान में हुआ था. जिसका विषय था ग्लेशियल मेल्ट: अ सस्टेनेबल स्ट्रैटेजी फॉर द वॉटर टावर्स ऑफ साउथ एशिया. उस आयोजन में जिस सोनम वांगचुक ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ के पुल बांधे थे, उसी सोनम वांगचुक को भारत लौटते ही किस बला ने घेर लिया कि आज वह लेह-लद्दाख को फुंकवाने पर उतर आया. जैसे ही वह पाकिस्तान से वापस लौटा तभी से उस पर एजेंसियों की पैनी नजर क्यों नहीं रही? अगर पैनी नजर थी तब फिर वही सवाल कि 24 सितंबर 2025 को आखिर यही सोनम वांगचुक लेह लद्दाख को जलवाने में कैसे सफल हो गया?”

सोनम वांगचुक जैसे लोग लद्दाख को नेपाल नहीं बना सकते

जम्मू में मौजूद जम्मू कश्मीर राज्य के पुलिस महानिदेशक एस पी वैद स्टेट मिरर हिंदी के साथ विशेष बातचीत के अंत में बोले, “लेह लद्दाख का जो नुकसान होना था हो चुका है. सोनम वांगचुक की मंशा थी कि वे केंद्र शासित राज्य को आग के हवाले करवाकर, नेपाल बना डालेंगे. ऐसा मगर हुआ नहीं. न ही सोनम वांगचुक जैसे मतलबपरस्त लोग कभी भारत के किसी हिस्से को नेपाल, श्रीलंका या बांग्लादेश बनवा पाने की हैसियत अपनी बना सकेंगे. यह भारत है यहां जंगलराज नहीं है. बेशक लेह लद्दाख को आग के हवाले करवा कर सोनम वांगचुक अपनी ही नजरों में हीरो बने घूम रहे हों. मगर अब हिंदुस्तानी हुकूमत जब मय सवाह और सबूत के लद्दाख-लेह का विलेन साबित करेगी, तब इन्ही सोनम वांगचुक को कहीं मुंह छिपाने की जगह नहीं मिलेगी. सोनम वांगचुक को हिंदुस्तानी हुकूमत यह समझाने में पूर्ण रुपेण सक्षम है कि, सोनम वांगचुक जैसों को उनका सही स्थान दिखाने में भारत को महारत हासिल है.”

सरकार की कार्रवाई और सोनम वांगचुक की धमकी

सोनम वांगचुक के खिलाफ जैसे ही केंद्र सरकार ने सीबीआई, ईडी को जांच सौंपी है, वैसे ही उसने धमकी दी है कि अगर उसे (सोनम वांगचुक) गिरफ्तार करके जेल में डाला गया तो लेह-लद्दाख के हालात और ज्यादा बिगड़ जाएंगे? इसमें कितना दम है? पूछे जाने पर जम्मू कश्मीर राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक एस पी वैद बोले, “अब भारत सरकार, लेह लद्दाख का और कुछ नहीं बिगड़ेगा. गफलत या किसी के उकसावे में आकर सोनम वांगचुक को जो करना था वह सब वे कर चुके हैं. अब वे भूल जाएं कि उनकी गिरफ्तारी से लद्दाख फिर उनके समर्थन में और भारत सरकार के विरोध में जल उठेगा. अब जिस तरह से हर कोने से पैनी नजर रखकर भारतीय एजेंसियां हाथ में मौजूद इनपुट के सहारे जांच को आगे बढ़ा रही हैं, उस सबसे तय है कि सोनम वांगचुक खुद को लद्दाख-लेह के लोगों का संघर्षशील नेता और अपने डूबते भविष्य को उबारने की भी ताकत खो बैठेंगे. क्योंकि यह पहली बार देखने को मिलेगा जब केंद्र सरकार इन्हीं सोनम वांगचुक को कानूनी तरीके से घेर कर सजा तक पहुंचाएगी. इनकी संस्था स्टूडेंट्स एजूकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (सेकमोल) का विदेशी फंडिग (एफसीआरए) का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से भारत सरकार द्वारा रद्द करना तो अभी पहला ही कदम है.”

स्टेट मिरर स्पेशल
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