FCRA लाइसेंस रद्द, CBI जांच शुरू... लेह हिंसा के लिए वांगचुक को ‘विच हंटिंग’ का शिकार बना रही सरकार? जानें अब तक क्या-क्या हुआ
लद्दाख के सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक पर विदेशी चंदा (FCRA) कानून उल्लंघन का आरोप लगाते हुए सीबीआई ने जांच शुरू की है. गृह मंत्रालय ने उनके संस्थान SECMOL का एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया है. वांगचुक का कहना है कि उनके संस्थान ने कोई विदेशी दान नहीं लिया बल्कि नवाचार संबंधी ज्ञान साझा करने के एवज में फीस प्राप्त की. उन्होंने इनकम टैक्स विभाग से समन मिलने और सरकार द्वारा ‘विच हंटिंग’ का शिकार बनाने का आरोप भी लगाया. यह विवाद उनके छठी अनुसूची और राज्य का दर्जा मांगते हुए भूख हड़ताल और लेह में हुए हालिया प्रदर्शनों के बीच गरमा गया है.

Sonam Wangchuk FCRA Controversy, Ladakh Protest: लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता और पर्यावरणविद सोनम वांगचुक एक बार फिर विवादों में हैं. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने उनकी संस्था स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) के खिलाफ विदेशी फंडिंग (FCRA) नियमों के उल्लंघन को लेकर जांच शुरू की है. वांगचुक ने CBI की पूछताछ का जवाब देते हुए साफ कहा कि उनकी संस्था ने कभी विदेशी दान नहीं लिया है और न ही उनका इरादा 'विदेशों से भीख मांगने' का है. उन्होंने दावा किया कि जो पैसा आया, वह डोनेशन नहीं बल्कि फीस थी, जो ज्ञान और प्रोजेक्ट्स साझा करने के बदले मिली.
वांगचुक ने उदाहरण देते हुए कहा, यूएन (संयुक्त राष्ट्र) की टीम ने उनकी Passive Solar Heated Building तकनीक को अफगानिस्तान ले जाने के लिए फीस दी. स्विट्ज़रलैंड और इटली की संस्थाओं ने आर्टिफिशियल ग्लेशियर से जुड़ी तकनीक और ज्ञान साझा करने के लिए फीस चुकाई. उन्होंने कहा कि यह सब टैक्स के साथ दर्ज हुआ है और इसे विदेशी चंदा बताना गलत है.
आईटी डिपार्टमेंट और गृह मंत्रालय की कार्रवाई
वांगचुक ने यह भी बताया कि आयकर विभाग ने उन्हें विदेशी लेन-देन को लेकर नोटिस भेजा है. उन्होंने इसे 'विच हंटिंग' (साजिश के तहत निशाना बनाने) की संज्ञा दी. गृह मंत्रालय ने बुधवार को लद्दाख में हुई हिंसक घटनाओं का ठीकरा वांगचुक पर फोड़ा. मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने 10 सितंबर से भूख हड़ताल शुरू की थी, छठी अनुसूची और राज्य का दर्जा मांगते हुए.
सरकार का दावा है कि Apex Body Leh और Kargil Democratic Alliance के साथ लगातार औपचारिक और अनौपचारिक बातचीत जारी थी, और कई मांगों पर प्रगति भी हुई थी—
- अनुसूचित जनजाति आरक्षण 45% से बढ़ाकर 84% करना,
- महिला आरक्षण 1/3 करना,
- भोटी और पुरगी भाषाओं को आधिकारिक भाषा घोषित करना,
- 1800 भर्तियां शुरू करना.
इसके बावजूद, मंत्रालय ने कहा कि कुछ 'राजनीतिक रूप से प्रेरित लोग' प्रगति से असंतुष्ट थे और वांगचुक ने लोगों को भड़काने के लिए अरब स्प्रिंग और नेपाल के Gen-G विरोध जैसी मिसालें दीं.
FCRA लाइसेंस रद्द
गुरुवार को गृह मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाते हुए वांगचुक की संस्था SECMOL का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया. अब यह संस्था विदेशी फंडिंग न तो ले सकेगी और न ही इस्तेमाल कर पाएगी. अधिकारियों के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2021-22 में संस्था ने 3.5 लाख रुपये FCRA खाते में जमा किए, जो कानून की धारा 17 का उल्लंघन था.
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लेह हिंसा में अब तक क्या-क्या हुआ?
- लद्दाख में सोनम वांगचुक ने 6th शेड्यूल और राज्य का दर्जा (Statehood) मांगते हुए भूख हड़ताल शुरू की.
- भूख हड़ताल में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए. वांगचुक ने लोगों से 'अरब स्प्रिंग स्टाइल आंदोलन' की अपील की.
- लेह में प्रदर्शन हिंसक हो गए, पुलिस और प्रदर्शनकारियों की झड़पें सामने आईं.
- लेह में 24 सितंबर 2025 को हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई और 80 से अधिक लोग घायल हो गए, जिनमें 40 से ज्यादा पुलिस और सीआरपीएफ जवान शामिल हैं.
- प्रदर्शनकारियों ने भाजपा कार्यालय में तोड़फोड़ की और पुलिस वाहनों को आग के हवाले किया, जिसके बाद पुलिस को आंसू गैस और गोलीबारी का सहारा लेना पड़ा.
- स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने कर्फ्यू लागू किया और पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया. अब तक 50 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
- गृह मंत्रालय (MHA) ने प्रेस रिलीज़ जारी कर वांगचुक पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया.
- CBI ने सोनम वांगचुक के संस्थान SECMOL पर FCRA उल्लंघन की जांच शुरू की.
- वांगचुक ने कहा, “हमने कभी विदेशी चंदा नहीं मांगा. केवल फीस ली थी.” उन्होंने साफ किया कि UN, स्विट्ज़रलैंड और इटली की संस्थाओं से आर्टिफिशियल ग्लेशियर और सोलर बिल्डिंग प्रोजेक्ट्स के लिए फीस मिली थी.
- आयकर विभाग (I-T) ने भी वांगचुक को नोटिस भेजा, जिस पर उन्होंने कहा, “ये सब मेरे खिलाफ Witch Hunt (चुड़ैल शिकार) चल रहा है.”
- गृह मंत्रालय ने बड़ा एक्शन लेते हुए SECMOL का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया. आरोप है कि 2021-22 में संस्था ने FCRA खाते में 3.5 लाख रुपये जमा किए, जो नियमों का उल्लंघन था.