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'रिटायरमेंट का वक्त करीब', कर्नाटक के CM के सियासी करियर पर उनके बेटे का बड़ा बयान, तेज हुई सियासी हलचल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र सिद्धारमैया ने अपने पिता के राजनीतिक करियर पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि सिद्धारमैया अपने राजनीतिक करियर के अंतिम चरण में हैं. उनके इस बयान से राज्य की सियासत में नई हलचल मच गई है. उनके इस बयान के बाद सिद्धारमैया के बाद सीएम कौन, की रेस रेस में शामिल नेता अचानक सक्रिय हो गए हैं.

रिटायरमेंट का वक्त करीब, कर्नाटक के CM के सियासी करियर पर उनके बेटे का बड़ा बयान, तेज हुई सियासी हलचल
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( Image Source:  siddaramaiah facebook )

कर्नाटक की राजनीति में उस समय हलचल मच गई, जब सीएम सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र सिद्धारमैया ने कहा कि उनके पिता का राजनीतिक सफर अब अपने अंतिम दौर में है. उन्होंने इशारा किया कि 2028 के बाद सिद्धारमैया सक्रिय राजनीति से संन्यास ले सकते हैं. उनका यह बयान ऐसे वक्त आया है जब कांग्रेस के अंदर नेतृत्व को लेकर चर्चा तेज है. सियासी हलचल इसलिए शुरू हो गई कि कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर समय समय पर अटकलों का बाजार गर्म होता रहता है.

जरकीहोली का 'मार्गदर्शक' बन जाएं सिद्धारमैया

इतना ही नहीं यतींद्र सिद्धारमैया ने आगे कहा कि प्रदेश के सीएम को अपने कैबिनेट सहयोगी सतीश जरकीहोली का 'मार्गदर्शक' बनना चाहिए. पिछले महीने ही सिद्धारमैया को आगे आकर उन खबरों का खंडन करना पड़ा था कि वह अपने उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के लिए मुख्यमंत्री पद छोड़ देंगे.

कर्नाटक की राजनीति में उस समय इस मामले में अटकलों को कांग्रेस सांसद एलआर शिवराम गौड़ा के एक बयान से बल मिला था, जिन्होंने पार्टी के शीर्ष नेताओं से इस मुद्दे पर भ्रम दूर करने का आह्वान किया था.गौड़ा ने कहा था, "शिवकुमार के अंततः मुख्यमंत्री बनने में कोई संदेह नहीं है, लेकिन अंतिम निर्णय आलाकमान का है.'

पांच साल तक रहूंगा CM

शिवराम गौड़ा ने दावा किया था कि डीके शिवकुमार जानते हैं कि पार्टी को कैसे प्रबंधित किया जाए और मुख्यमंत्री तथा उपमुख्यमंत्री, दोनों के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए. अंततः, कड़ी मेहनत हमेशा रंग लाती है." दूसरी तरफ सीएम सिद्धारमैया कई बार कह चुके हैं, "मैं पूरे पांच साल के कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री रहूंगा."

जारकीहोली सिद्धा के भरोसेमंद मंत्री

दरअसल, कर्नाटक कांग्रेस की राजनीति में दो अलग-अलग खेमे हैं. एक सिद्धारमैया का समर्थन कर रहा है और दूसरा शिवकुमार का. लोक निर्माण विभाग मंत्री सतीश जारकीहोली, सिद्धारमैया खेमे के साथ मजबूती से खड़े दिखाई दे रहे हैं.

सिद्धारमैया के बेटे के बयान पर पर्यवेक्षकों को आश्चर्य तब हुआ, जब सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री अपने करियर के अंतिम चरण में हैं और सुझाव दिया कि वह जारकीहोली जैसे किसी व्यक्ति को अपना मार्गदर्शक बनाएं.

बेलगावी में एक कार्यक्रम में बोलते हुए विधान परिषद सदस्य यतींद्र ने कहा, "मेरे पिता अपने राजनीतिक जीवन के अंतिम चरण में हैं. इस समय उन्हें एक मजबूत विचारधारा और प्रगतिशील सोच वाले नेता की जरूरत है, जिसके वे मार्गदर्शक बन सकें. जारकीहोली ऐसे व्यक्ति हैं जो कांग्रेस पार्टी की विचारधारा को कायम रख सकते हैं और पार्टी का प्रभावी नेतृत्व कर सकते हैं. जिस समय सीएम के बेटे ये बयान दे रहे थे उस समय मंच पर जरकीहोली भी मौजूद थे.

यतींद्र सिद्धारमैया ये भी कहा कि खुद वरुणा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के नेता हैं. उन्होंने यह भी कहा कि सिद्धारमैया ने हमेशा सिद्धांतों की राजनीति की है और अब वे धीरे-धीरे सक्रिय राजनीति से पीछे हटने की सोच रहे हैं. यतींद्र सिद्धारमैया ने कहा कि मेरा दृढ़ विश्वास है कि ऐसी वैचारिक दृढ़ता वाला नेता मिलना दुर्लभ है और मैं कामना करता हूं कि वे इस अच्छे काम को जारी रखें.

शिवकुमार के खेमे में भगदड़

राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि यतींद्र के बयान सोचे-समझे हो सकते हैं और उनका उद्देश्य शिवकुमार और उनके समर्थकों को यह संदेश देना है कि सत्ता सिद्धारमैया खेमे के पास ही रहेगी. यही वजह है कि शिवकुमार के खेमे में इस बयान के बाद हलचल मची है.

ऐसी बातों पर चर्चा की जरूरत नहीं

हालांकि, यतींद्र का बयान आने के बाद शिवकुमार ने जोर देकर कहा है कि उन्हें मुख्यमंत्री पद पर पदोन्नत होने की कोई जल्दी नहीं है और उन्होंने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को नेतृत्व परिवर्तन पर चर्चा न करने की चेतावनी भी दी है. उन्होंने आगे कहा "सत्ता के बंटवारे पर चर्चा कहां है? यह मैं ही कह रहा हूं. इस तरह की किसी भी बात पर चर्चा नहीं होनी चाहिए."

आने वाले समय में सत्ता संतुलन पर होगा असर

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यतींद्र का यह बयान आने वाले समय में सत्ता संतुलन पर असर डाल सकता है. कई लोग इसे 2028 के बाद की राजनीति का संकेत मान रहे हैं, जब सिद्धारमैया 80 वर्ष के करीब होंगे. बता दें कि कर्नाटक कांग्रेस में पहले से ही डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया कैंप के बीच खींचतान की खबरें आती रहती हैं. ऐसे में बेटे के इस बयान ने पार्टी के अंदर नेतृत्व को लेकर नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है.

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