खान सरनेम की वजह से नहीं हुआ सरफराज का सेलेक्शन? मोहम्मद शमा का गौतम पर 'गंभीर' आरोप से मचा बवाल! BJP बोली- ये महिला...
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहम्मद शमा ने मुंबई के बल्लेबाज सरफराज खान के सीनियर नेशनल टीम में न चुने जाने पर धर्म आधारित पक्षपात का आरोप लगाते हुए गौतम गंभीर को निशाना बनाया. उन्होंने सवाल किया कि क्या सरफराज का चयन उनके सरनेम 'खान' की वजह से नहीं हुआ. भाजपा ने शमा के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह महिला क्रिकेट को सांप्रदायिक और राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही है. इस विवाद ने सोशल मीडिया और क्रिकेट प्रेमियों के बीच गर्मागर्मी बढ़ा दी है, जबकि विपक्ष ने चयन प्रक्रिया और खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर भी सवाल उठाए हैं.

भारतीय क्रिकेट टीम के चयन को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है. कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता शमा मोहम्मद (Shama Mohamed) ने टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) पर धार्मिक पक्षपात का आरोप लगाते हुए सवाल उठाया है कि आखिर सरफराज खान (Sarfaraz Khan) जैसे प्रतिभाशाली बल्लेबाज को बार-बार क्यों नजरअंदाज किया जा रहा है? शमा मोहम्मद ने एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'क्या सरफराज खान को उनके सरनेम की वजह से टीम में नहीं चुना गया! #बस पूछ रही हूं. हमें पता है कि गौतम गंभीर इस मामले में कहां खड़े हैं.'
दरअसल, मंगलवार को भारत A टीम के लिए घोषित स्क्वॉड में सरफराज का नाम शामिल नहीं किया गया. टीम को दक्षिण अफ्रीका A के खिलाफ बेंगलुरु में सीरीज खेलनी है, और इस फैसले ने क्रिकेट प्रेमियों के बीच भारी असंतोष पैदा कर दिया है.
सरफराज खान का कसूर सिर्फ उनका नाम?
कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद के इस बयान ने सोशल मीडिया पर बवाल मचा दिया है. उन्होंने गौतम गंभीर की भाजपा पृष्ठभूमि का हवाला देते हुए चयन प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए. शमा ने लिखा कि एक खिलाड़ी को उसके धर्म या सरनेम के आधार पर आंकना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. यह पहली बार नहीं है जब शमा मोहम्मद ने क्रिकेट से जुड़े मुद्दों पर विवादित बयान दिया है. इससे पहले उन्होंने कप्तान रोहित शर्मा को “फैट और अनइम्प्रेसिव कप्तान” कहा था, जिस पर उन्हें काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी.
ओवैसी और AIMIM का भी सवाल- 'इतना औसत, फिर भी बाहर क्यों?'
इस विवाद में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और उनके प्रवक्ता वारिस पठान ने भी आवाज उठाई है. वारिस पठान ने कहा, “जब एक खिलाड़ी इतना औसत लेकर चल रहा है, तो उसे टीम में क्यों नहीं लिया जा रहा? इसमें जरूर कुछ और बात है. गौरतलब है कि सरफराज खान ने छह टेस्ट मैचों में 371 रन बनाए हैं, औसत करीब 40 का है. उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछली सीरीज में शानदार 150 रन की पारी भी खेली थी.
'राजनीति मत घुसाओ क्रिकेट में' - मोहसिन रज़ा
उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री मोहसिन रज़ा ने शमा मोहम्मद और ओवैसी पर पलटवार करते हुए कहा, “क्रिकेट में राजनीति मत घुसाओ. मुस्लिम खिलाड़ी शमी और सिराज भी टीम में हैं. ये कहना कि किसी का चयन धर्म देखकर होता है, खिलाड़ियों के साथ अन्याय है.”
बीसीसीआई चयन समिति के चेयरमैन अजीत अगरकर ने इस विवाद पर सफाई दी. उन्होंने बताया कि सरफराज को हाल ही में हुई क्वाड्रिसेप्स इंजरी (जांघ की मांसपेशी की चोट) के कारण बाहर रखा गया था. हालांकि, कई विशेषज्ञों का कहना है कि सरफराज को लगातार नज़रअंदाज करना उनके मनोबल पर असर डाल सकता है. अगरकर ने कहा था, “कभी-कभी चयन में कठिन फैसले लेने पड़ते हैं. करुण नायर ने हाल में बहुत रन बनाए हैं और टेस्ट का अनुभव भी है. हमें लगा इस समय उनका अनुभव टीम के लिए ज़रूरी है.”
लगातार नजरअंदाजी के बावजूद उम्मीद कायम
ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड दौरे पर भी सरफराज को इंडिया A टीम के साथ भेजा गया था, लेकिन उन्हें सीनियर टेस्ट टीम में मौका नहीं मिला. इंग्लैंड में उन्होंने कैंटरबरी में इंग्लैंड लायंस के खिलाफ 92 रनों की शानदार पारी खेलकर आलोचकों को जवाब दिया था. वह अब रणजी ट्रॉफी में अपनी दावेदारी फिर मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं. 56 फर्स्ट क्लास मैचों में 65.19 की औसत से रन बनाने वाले सरफराज भारत के सबसे स्थिर बल्लेबाजों में गिने जाते हैं.
शमा मोहम्मद के बयान पर क्या बोली भाजपा?
शमा मोहम्मद के बयान पर भाजपा नेता शहज़ाद पूनावाला ने ट्वीट कर लिखा कि, यह महिला और उसकी पार्टी पूरी तरह से बीमार हैं. रोहित शर्मा को मोटा कहने के बाद अब वह और उनकी पार्टी हमारी क्रिकेट टीम को भी सांप्रदायिक आधार पर बांटना चाहती हैं? क्या देश का बंटवारा करके मन नहीं भरा? वही टीम जिसमें मोहम्मद सिराज और खलील अहमद खेलेंगे! भारत को सांप्रदायिक और जातीय आधार पर बांटना बंद करें. दूसरे ट्वीट में लिखा कि, क्रिकेट से अपना गंदा राजनीतिक-सांप्रदायिक एजेंडा दूर रखें, शमा.