जेल में मुलाकात और फिर शादी, परोल पर छूटने के बाद 6 साल से थे फरार; 15 साल पुराने हत्या कांड के दोषी प्रेमी जोड़े की हुई गिरफ्तारी
गुजरात पुलिस ने 15 साल पुराने हत्या मामलों में दोषी ठहराए गए एक प्रेमी जोड़े को फिर से गिरफ्तार कर लिया है. परोल और फरलो पर बाहर आने के बाद दोनों पिछले छह सालों से फरार थे. अपने पति-पत्नी की हत्या के आरोप में दोनों जेल काट रहे हैं.
गुजरात पुलिस ने 15 साल पुराने हत्या मामलों में दोषी ठहराए गए एक प्रेमी जोड़े को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है. दोनों सजा काटते समय जेल में मिले थे, जहां दोस्ती के बाद उनका रिश्ता प्यार में बदल गया और बाद में दोनों ने शादी कर ली. परोल और फरलो पर बाहर आने के बाद दोनों पिछले छह सालों से फरार थे और छिपकर जीवन बिता रहे थे.
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स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (SOG) ने कॉल डेटा रिकॉर्ड (CDR) की मदद से उनकी लोकेशन ट्रेस कर बुधवार को उन्हें दबोच लिया. गिरफ्तार जोड़े की पहचान 38 वर्षीय मोहम्मद रियाज मंसुरी और 36 वर्षीय किन्नरी पटेल के रूप में हुई है. दोनों को सूरत सेंट्रल जेल वापस भेज दिया गया है, जबकि उनके 5 वर्षीय बेटे को जेल परिसर में बने एक अलग कमरे में रखा गया है.
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जेल में हुई मुलाकात
पुलिस के अनुसार मोहम्मद रियाज मूल रूप से बिहार का रहने वाला है, जबकि किन्नरी पटेल गुजरात के वालसाड की निवासी है. दोनों अपने-अपने जीवनसाथी की हत्या के मामलों में सजा काट रहे थे. रियाज को 2008 में अपनी पत्नी पर केरोसिन डालकर आग लगाने के जुर्म में दोषी पाया गया था. इस मामले में उसकी मां भी सह-आरोपी थी. वहीं किन्नरी पटेल को 2010 में अपने पति हितेश पटेल की हत्या में दोषी ठहराया गया था. इस हत्या में उसका प्रेमी मनोज पटेल और एक आरोपी वासु भी शामिल थे. मनोज की मौत घटना के दौरान ही हो गई थी, जबकि वासु अब भी फरार बताया जाता है.
कैसे दिया गया था हत्या का अंजाम
29 दिसंबर 2010 को किन्नरी अपने पति हितेश, प्रेमी मनोज और वासु के साथ कार में यात्रा कर रही थी. पुलिस जांच में सामने आया कि मनोज ने कुल्हाड़ी से हितेश पर कई वार किए फिर किन्नरी ने पति पर मिर्च पाउडर फेंका था. हत्या के बाद कार एक फार्महाउस की बाड़ से टकरा गई, टक्कर के बाद मनोज को दिल का दौरा पड़ा और उसकी मौके पर मौत हो गई. इसके बाद किन्नरी और वासु घटना स्थल से फरार हो गए.
6 साल से फरार, CDR तकनीक से पकड़े गए
2018 में परोल और फरलो पर बाहर आए दोनों जेल वापस नहीं लौटे और छिपकर रहने लगे. SOG टीम ने उनकी कॉल लोकेशन, संपर्कों और डिजिटल एक्टिविटी को ट्रेस कर उन्हें पकड़ने में सफलता पाई. अधिकारियों ने बताया कि फरार होने के बाद दोनों विभिन्न शहरों में रहकर अपनी पहचान छिपाते रहे और अक्सर ठिकाने बदलते थे.
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बेटे के साथ जेल वापस भेजे गए दोनों
गिरफ्तारी के बाद दोनों को दोबारा सूरत सेंट्रल जेल भेज दिया गया है। नियमों के अनुसार, नाबालिग बच्चे को मां के साथ जेल में रहने की अनुमति है, इसलिए उसे अलग कमरे में रखा गया है. पुलिस अब दोनों की फरारी के दौरान मिली शरण, आर्थिक स्रोत और संभावित मददगारों की भी जांच कर रही है.





