Begin typing your search...

पाकिस्तान के पूर्व SSG कमांडो मूसा ने पहलगाम में बरपाया था कत्लेआम, ISI की साजिश का कैसे हुआ खुलासा?

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. मुख्य आतंकी हाशिम मूसा, पाकिस्तान सेना के स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) का पूर्व पैरा कमांडो रहा है. मूसा अब लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम कर रहा है और भारत में दहशत फैलाने की साजिश रच रहा है. जांच में मूसा की सैन्य ट्रेनिंग और ISI के समर्थन की पुष्टि हुई है, जो पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का नया प्रमाण है.

पाकिस्तान के पूर्व SSG कमांडो मूसा ने पहलगाम में बरपाया था कत्लेआम, ISI की साजिश का कैसे हुआ खुलासा?
X
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 29 April 2025 6:40 AM IST

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. जांच एजेंसियों ने हमले में शामिल एक आतंकी हाशिम मूसा की पहचान की है, जो पाकिस्तान सेना के स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) का पूर्व पैरा कमांडो रहा है. यह खुलासा भारत की सुरक्षा व्यवस्था पर एक नए खतरे की घंटी बजा रहा है, क्योंकि मूसा अब लश्कर-ए-तैयबा जैसे कुख्यात आतंकी संगठन के लिए काम कर रहा है.

सूत्रों के अनुसार, मूसा को पाकिस्तान स्थित लश्कर सरगनाओं ने विशेष तौर पर जम्मू-कश्मीर भेजा था ताकि गैर-स्थानीय नागरिकों और सुरक्षाबलों के बीच भय और अस्थिरता फैलाई जा सके. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट बताती है कि मूसा की तैनाती सिर्फ एक आतंकी हमले तक सीमित नहीं रही, बल्कि वह अक्तूबर 2024 में गगनगीर और बारामुल्ला के बूटा पथरी में हुए हमलों में भी शामिल रहा था, जिनमें कई सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों की जान गई थी.

गुप्त ऑपरेशनों में है माहिर

भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि मूसा को 'उधार' के तौर पर लश्कर को देकर पाकिस्तान ने सीधे तौर पर कश्मीर घाटी में आतंक को बढ़ावा देने की रणनीति अपनाई है. यह बात एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट की कि मूसा का एसएसजी से जुड़ा सैन्य प्रशिक्षण उसे बेहद खतरनाक बनाता है, क्योंकि वह गुप्त ऑपरेशनों, हैंड-टू-हैंड कॉम्बैट और कठिन परिस्थितियों में जीवित रहने के गुर में पारंगत है.

कैसे खुली पोल?

पहलगाम हमले के बाद गिरफ्तार किए गए 15 स्थानीय ओवरग्राउंड वर्करों (OGW) से पूछताछ के दौरान मूसा के सेना से जुड़े होने की पुष्टि हुई. इन वर्करों ने हमलावरों को रसद, आश्रय और जमीनी मदद पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी. मूसा की सैन्य पृष्ठभूमि ने जांच एजेंसियों को इस हमले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की गहरी भूमिका के संकेत दिए हैं, जो सीधे तौर पर पाकिस्तान के राज्य प्रायोजित आतंकवाद की पोल खोलता है.

भारत के सामने है चुनौती

गौरतलब है कि मूसा अकेला नहीं था. गगनगीर और बूटा पथरी हमलों में मूसा के साथ दो अन्य स्थानीय आतंकवादी जुनैद अहमद भट और अरबाज मीर भी सक्रिय थे. हालांकि, नवंबर और दिसंबर 2024 में भारतीय सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ों के दौरान दोनों आतंकियों को ढेर कर दिया था. मूसा का जीवित रहना और पहलगाम हत्याकांड में उसकी भूमिका एक बार फिर भारत के सामने चुनौती के रूप में उभरी है, जिसे पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जरूरत को रेखांकित करता है.

आतंकी हमलापाकिस्तान
अगला लेख