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EXCLUSIVE: ऑपरेशन सिंदूर के ‘जोश’ में होश न खोएं, PAK का ‘दोस्त’ अमेरिका का ‘दुश्मन’ भारतीय सीमाएं ‘सूंघ’ रहा है!

रिटायर्ड मेजर जनरल सुधाकर जी ने स्टेट मिरर हिंदी से बातचीत में बताया कि ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान भले ही चुप हो, लेकिन चीन, अमेरिका और तुर्की भारत के खिलाफ सक्रिय रणनीति में जुटे हैं. चीन बांग्लादेश में एयरस्ट्रिप बना रहा है और गुजरात सीमा के पास मकान की छत पर तोपनुमा चीज़ें तैनात कर भारत को भड़काने की कोशिश कर रहा है. भारत को इन चालबाज देशों से चौकन्ना रहने की ज़रूरत है.

EXCLUSIVE: ऑपरेशन सिंदूर के ‘जोश’ में होश न खोएं, PAK का ‘दोस्त’ अमेरिका का ‘दुश्मन’ भारतीय सीमाएं ‘सूंघ’ रहा है!
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संजीव चौहान
By: संजीव चौहान

Updated on: 26 May 2025 8:32 PM IST

‘चीन, पाकिस्तान, अमेरिका या फिर तुर्की. यह सब एक ही थैली के चट्टे-बट्टे और मौका-मतलबपरस्त हैं. कूटनीतिक, सैन्य-सामरिक, सुरक्षा, विदेश और आर्थिक नीतियों पर जबरदस्त तरीके से आगे बढ़ते भारत पर, इन चारों के साथ दुनिया के कुछ और भी विश्वासघाती देशों की चोर-नजरें लगी हैं. फिलहाल ऑपरेशन सिंदूर की मार से पस्त पाकिस्तान की खामोशी को, तूफान आने से पहले की शांति मानकर भारत को इन चारों से सतर्क रहना होगा.

6-7 मई 2025 को आधी रात के बाद ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) की मार भले ही पाकिस्तान पर पड़ी हो. पाकिस्तान भारत से बदला लेने की भी औकात नहीं रखता है. इन सबके बावजूद यह तो है ही न कि ऑपरेशन सिंदूर में मार पड़ने से केवल पाकिस्तान ही नहीं, उसके दोस्त अमेरिका (America), तुर्की (Turkey) और चीन (China) भी बौखलाए बैठे हैं. ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) से बेहाल हुआ पड़ा पाकिस्तान, बदले के लिए भारत के सामने अपना पहले से ही छलनी सीना अड़ाने की कुव्वत न कर सके. मगर अमेरिका, चीन और तुर्की जैसे देश तो भारत को घेरने की नाकाम कोशिश कर ही सकते हैं.’

पिटा PAK खामोश होगा मगर चीन नहीं

यह तमाम बेबाक और बेहद अंदर की संभावित जानकारियां दी हैं भारतीय थलसेना (Indian Army) के रिटायर्ड मेजर जनरल सुधाकर जी (Retired Major General Sudhakar Jee) ने. अमेरिका में मौजूद मेजर जनरल सुधाकर जी, नई दिल्ली में मौजूद स्टेट मिरर हिंदी के एडिटर (क्राइम इनवेस्टीगेशन) से एक्सक्लूसिव बात कर रहे थे. एक सवाल के जवाब में पूर्व मेजर जनरल सुधाकर जी ने कहा, “पाकिस्तान धूर्त देश है. दुनिया के सबसे बड़े मौकापरस्त अमेरिका, चीन, तुर्की उसके दोस्त हैं. ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय फौजों के हाथों बुरी तरह पिटा बैठा पाकिस्तान अगर खामोश है. तो इसका मतलब यह नहीं है कि हमेशा से भारत का कट्टर दुश्मन और पाकिस्तान का दोस्त चीन भी ऑपेरशन सिंदूर के बाद से खामोश या शांत बैठा होगा.”

चीन ‘आपदा’ को ‘अवसर’ न बना डाले

स्टेट मिरर द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में मेजर जनरल सुधाकर जी कहते हैं, “देखिए अमेरिका हो या फिर पाकिस्तान या बांग्लादेश. किसी भी मोर्चे पर जब-जब भारत खुद को बे-वजन महसूस करता है. तब-तब हमारा दुश्मन नंबर-1 चीन खुद को भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की ओर ले जाने के लिए व्याकुल होने लगता है. ऑपरेशन सिंदूर में भले ही पाकिस्तान को तबियत से भारतीय फौजों ने धो डाला हो. उसके आतंकवादी कैंप तबाह कर दिए हों. मगर भारत-पाकिस्तान के बीच इस ‘आपदा’ को चीन भला ‘अवसर’ में बदलने से कैसे और क्यों चूकेगा?”

PAK ठेकेदार और रंगपुर में चीन की ‘एयरस्ट्रिप’

मैने करीब 40 साल भारतीय फौज की सेवा की है. इस लंबे अनुभव से कह सकता हूं कि, “बांग्लादेश का जो रंगपुर इलाका है, उधर चीन ने एक एयरस्ट्रिप (हवाई पट्टीनुमा) बनाने के ठेके का टेंडर जारी कर दिया है. यह एयरस्ट्रिप पाकिस्तान का ही ठेकेदार बना रहा है. बांग्लादेश की हद में मौजूद जिस रंगपुर इलाके में चीन यह एयरस्ट्रिप बना रहा है, वह भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा के बेहद करीबी है. इससे चीन को क्या फायदा होगा? इस बारे में मैं नहीं जानता हूं.”

एक मकान की छत पर चीनी तोप का रहस्य?

चीन कैसे भारत के लिए उसकी राह का रोड़ा है? इस सवाल का जवाब देते हुए भारतीय थलसेना के पूर्व मेजर जनरल सुधाकर जी एक और मजबूत उदाहरण देते हुए सवाल खड़ा करते हैं. उनके मुताबिक “सरक्रीक एरिया में जब कच्छ (गुजरात) के साथ-साथ आगे बढ़ते हैं तो वहां पर हमारा चीन के साथ मतभेद है. इसके भी बेहद करीब चीन की एक सिविल कंपनी ने महज एक मकान बनाकर उसकी छत के ऊपर गन सी दिखाई देने वाली (तोप जैसी) रख ली है.

BSF के मुंह के ऊपर तोप या गन का क्या मतलब?

यह तोप एक अकेले मकान की छत के ऊपर रखी है. अगर चीन का मंशा मैली नहीं है तो फिर उसने, अपनी सीमा में भारत के एकदम करीब लाकर, एक अदद मकान बनाकर उसकी छत पर आखिर तोप या गन जैसी दिखाई देने वाली कोई चीज क्यों रखी है? इससे चीन भारत को क्या संदेश देना चाहता है? भारत को यह बहुत जल्दी ताड़ना होगा. यह मैने एक गूगल इमेज में देखा है. इस जगह से हमारी सीमा सुरक्षा-बल यानी बीएसएफ की पोस्ट की दूरी महज 8-10 किलोमीटर है.”

चीन जानबूझकर भारत से भिड़ने पर आमादा

बकौल मेजर जनरल सुधाकर जी, “सितंबर-अक्टूबर 1965 में हुए युद्ध के दौरान इस इलाके का तो मसलहा सुलझ चुका है. यूनाइटेड नेशन को बीच में लाकर इस जगह का झगड़ा तभी जब खतम किया जा चुका है. जब यह हिस्सा (जिसमें एक मकान बनाकर उसके ऊपर तोप या गन सी कोई चीज रखी है) चीन के पास है ही. तब फिर उसमें बीएसएफ की चौकी के सामने मकान बनाकर उसके ऊपर तोप या गननुमा कोई चीज लाकर रखने की क्या जरूरत है चीन को? इससे तो चीन की मंशा साफ-साफ जाहिर होती है कि, इस गन को लेकर ही भारत उससे भिड़ने लगे. और बैठे-बिठाए भारत से साथ भिड़ने का चीन को मौका मिल सके. कोई बड़ी बात नहीं है कि इस काम में चीन और पाकिस्तान दोनों मिलकर दबे पांव भारत की ओर बढ़ने की जुर्रत कर रहे हों. अब जैसे ही भारत इस पर आपत्ति करेगा, वैसे ही चीन इस हिस्से को भी विवादित बना डालेगा.”

ऑपरेशन सिंदूरस्टेट मिरर स्पेशल
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