EXCLUSIVE: भारत सतर्क रहे, शरीफ उस्मान हादी की मौत को 'भुनाने' की तैयारी में मो. यूनुस; चीन-पाक बर्बाद कर रहे हैं बांग्लादेश को!
1971 में भारत की मदद से बने बांग्लादेश में बीते एक साल से हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं. हिंदुओं पर हिंसा, राजनीतिक अराजकता और कट्टरपंथी ताकतों के उभार ने देश को अस्थिरता की आग में झोंक दिया है. पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत में शरण लिए हुए हैं, जबकि अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस पर हालात काबू में करने में विफल रहने के आरोप लग रहे हैं. कट्टरपंथी नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद हालात और विस्फोटक हो गए. मीडिया संस्थानों पर हमले हुए और हिंसा तेज हो गई. भारतीय सेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल जसिंदर सिंह सोढ़ी का मानना है कि आज का बांग्लादेश भारत के लिए गंभीर सामरिक खतरे की ओर बढ़ रहा है और चीन-पाकिस्तान के प्रभाव में भारत-विरोधी मोहरे की तरह इस्तेमाल हो सकता है.
Bangladesh Violence: अब से 54 साल पहले 16 दिसंबर 1971 को पूर्वी पाकिस्तान से काटकर भारत द्वारा पैदा किया गया बांग्लादेश बीते एक साल से आग में झुलस रहा है. हिंदुओं का कत्ल-ए-आम हो रहा है. वहां की पूर्व प्रधानमंत्री और अवामी लीग पार्टी की प्रमुख शेख हसीना जान बचाकर भारत में राजनीतिक शरण लिए पड़ी हैं. देश को रबर स्टैंप की मानिंद काम कर रहे वहां के अंतरिम राजनीतिक सलाहकार मोहम्मद युनूस के हवाले कर दिया गया है.
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मोहम्मद युनूस कुर्सी पर बैठने के बाद से ही देश में बेगुनाहों का कत्ल-ए-आम और आग में झुलसते मरते-खपते लोगों को देख रहे हैं. सेना और पुलिस का कहीं अता-पता नहीं है. जो अवामी लीग बांग्लादेश की बेहद मजबूत राजनीतिक पार्टी होती थी उसे पाबंद कर दिया गया है. मतलब, फरवरी 2026 में बांग्लादेश में होने वाले आम-चुनाव में अवामी लीग की अनुपस्थिति में कट्टरपंथियों की ही सरकार वहां बनना तय है.
शरीफ उस्मान बिन हादी की मौत से जलने लगा बांग्लादेश
रही सही कसर 18 दिसंबर 2025 को तब पूरी हो गई, जब बांग्लादेश में शेख हसीना के कट्टर विरोधी युवा नेता और हसीना को बांग्लादेश छोड़ने के लिए छेड़े गए छात्र आंदोलन की अगुवाई करने वाले युवा चरमपंथी नेता शरीफ उस्मान बिन हादी उर्फ उस्मान हादी की, सिंगापुर में इलाज के दौरान मौत हो गई. हादी की मौत की खबर फैलते ही एक बार फिर बांग्लादेश जलने लगा. इससे बौखलाए चरमपंथियों ने अपने देश के नामी-गिरामी मीडिया हाउसों को आग के हवाले करके उन्हें स्वाहा कर दिया.
बांग्लादेश जा किस दिशा में रहा है?
एक हिंदू युवक को कत्ल करके सर-ए-आम लटका कर चरमपंथियों ने सिद्ध कर दिया कि अब, आज का बांग्लादेश भारत द्वारा पैदा और यहां रहने वाले हिंदुओं के तो कतई हित का नहीं रहा है. ऐसे में सवाल पैदा होता है कि आखिर एक साल से रुक-रुक कर धधक रहा भारत का पड़ोसी देश बांग्लादेश जा किस दिशा में रहा है? कमजोर या बर्बाद होते बांग्लादेश का भारत पर आइंदा क्या असर पड़ेगा? इन्हीं तमाम अहम सवालों के माकूल जबाव के लिए 'स्टेट मिरर हिंदी' के एडिटर क्राइम इनवेस्टीगेशन ने 19 दिसंबर 2025 को एक्सक्लूसिव बात की भारतीय सेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल जसिंदर सिंह सोढ़ी (ले. कर्नल जे एस सोढ़ी) से.
“भारत यह गलतफहमी दूर कर दे कि उसने बांग्लादेश का उदय कराया था”
लेफ्टिनेंट कर्नल सोढ़ी भारतीय सेना के अभियंता कोर से सेवानिवृत्त हुए हैं. वे एनडीए खड़कवासला और आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र हैं. जे एस सोढ़ी ने स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में एम टेक के अलावा एमबीए व एलएलबी भी किया है. लंबी विशेष बातचीत के दौरान स्टेट मिरर हिंदी के एक सवाल के जवाब में जसिंदर सिंह सोढ़ी ने कहा, “आज तो बांग्लादेश में हो रहा है. इसका खामियाजा भारत को ही आइंदा भुगतना पड़ सकता है. हालांकि भारत आज के बांग्लादेश के मौजूदा बदतर हालातों पर पैनी नजर रखे हैं. मगर नजर रखने में भारत काफी लेट हो चुका है. अब मैं तो यही कहूंगा कि भारत यह गलतफहमी दूर कर दे कि उसने अब से 54 साल पहले पूर्वी पाकिस्तान को काटकर बांग्लादेश का उदय कराया था. ”
सोढ़ी ने कहा कि आज के बदले परिदृष्य में अब बांग्लादेश ही भारत का सबसे बड़ा भीतरघाती-विश्वासघाती देश होता जा रहा है. भारत के पास अभी भी 5 साल का वक्त है कि, जब तक बांग्लादेश के कंधे पर पांव रखकर पाकिस्तान-चीन भारत की ओर अपने कदम बढ़ायें, उससे पहले ही भारत इन तीनों (पाक, चीन और बांग्लादेश) से निपटने की कुव्वत अपने अंदर पैदा कर ले.”
“हमें हमेशा बांग्लादेश को शक की नजर से देखना चाहिए था”
पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल जे एस सोढ़ी कहते हैं, “हमें हमेशा बांग्लादेश को शक की नजर से देखना चाहिए था... तो आज बांग्लादेश भारत को टेढ़ी नजर से और चीन-पाकिस्तान को ललचाई नजरों से न देख रहा होता. भारत हमेशा से इसी गफलत में रहा कि बांग्लादेश का उदय जब पाकिस्तान को काटकर हम ही ने किया है तो भला वह (बांग्लादेश) भारत के खिलाफ कैसे जा सकेगा? भारत की यह गलतफहमी आज भारत के खिलाफ बांग्लादेश के रूप में चीन और पाकिस्तान का सबसे बड़ा हथियार बन चुकी है.”
'दुश्मन को कभी कमजोर नहीं आंकना चाहिए'
जे एस सोढ़ी ने कहा कि दुश्मन को कभी कमजोर नहीं आंकना चाहिए. सामरिक, विदेश, कूटनीटिक, सैन्य-सुरक्षा की नजर से कभी भी कोई देश किसी का हमेशा दुश्मन या दोस्त नहीं रहता है. बांग्लादेश भी अब चीन और पाकिस्तान की ओर ढुलक कर यही साबित कर रहा है... और हम (भारत) हैं कि आज भी यही राग अलाप रहे हैं कि बांग्लादेश का उदय जब हमने ही कराया तो फिर बांग्लादेश भारत से अलग कैसे हो सकता है? जबकि ऐसा हो चुका है. आज का बांग्लादेश भारत का दुश्मन और पाकिस्तान व चीन का दोस्त बन चुका है. भले ही इसके पीछे कारण कुछ भी रहे हों. चाहे बांग्लादेश को चीन ने पैसे का लालच दिया हो या फिर सैन्य साज-ओ-सामान (हथियार, जेट गोला बारूद इत्यादि) मुहैया कराने का लालच दिया हो.
“बांग्लादेश अब भारत का नहीं, चरमपंथियों-कट्टरपंथियों का हो चुका है”
पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल ने कहा, “आज के हालात और बांग्लादेश का बदला रवैया इस बात की तस्दीक के लिए काफी हैं कि बांग्लादेश अब भारत का नहीं, चरमपंथियों-कट्टरपंथियों का हो चुका है. आइंदा क्या होगा यह कहना फिलहाल मुश्किल और जल्दबाजी होगा. हां, इतना तय है कि अब जिस तरह से बांग्लादेश जल रहा है. बांग्लादेश में लगी आग की लपटें और उससे उठता डरावना धुंआ भारत के बादलों पर भी मंडराया, इसमें शक नहीं है, क्योंकि इस वक्त बांग्लादेश में कोई भी ऐसा लीड लाइन का लीडर नहीं है, जो भारत और बांग्लादेश के पुराने या जन्मजात संबंधों की शर्म खाए.
'भारत-बांग्लादेश के बर्बाद हो चुके रिश्तों में मिठास की उम्मीद करना सरासर बेईमानी होगी'
जे एस सोढ़ी ने कहा कि जिस देश का अंतरिम राजनीतिक सलाहकार मोहम्मद युनूस जैसा हो, उस देश की काम-चलाऊ हुकूमत से भारत बांग्लादेश के बर्बाद हो चुके रिश्तों में मिठास की उम्मीद करना सरासर बेईमानी होगी... क्योंकि इस वक्त बांग्लादेश अपने दिमाग से नहीं बल्कि भारत विरोधी (चीन और पाकिस्तान) के दिमाग से चलकर उन्हीं के हाथों में खेल रहा है. पाकिस्तान-बांग्लादेश जैसे और हमेशा दूसरे की रोटियों पर पलने वाले अस्थाई देश कभी भी भारत जैसे बड़े लोकतांत्रिक देश के शुभचिंतक नहीं हो सकते हैं. यह बात न सिर्फ मैं कह रहा हूं. इसको आज का भारत और उसके हुक्मरान व हमारी एजेंसियां भी समझती हैं.





