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दिल्ली में बांग्लादेश हाई कमीशन के बाहर बवाल, ढाका ने भारतीय दूत को तलब किया; हिंदू लिंचिंग से बढ़ा तनाव- 10 Updates

भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव उस वक्त और बढ़ गया जब दिल्ली में बांग्लादेश हाई कमीशन के बाहर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए और इसके जवाब में ढाका ने भारतीय उच्चायुक्त को तलब कर लिया. मयमनसिंह में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की कथित ईशनिंदा के आरोप में मॉब लिंचिंग और ढाका में उस्मान हादी की हत्या के बाद दोनों देशों के रिश्तों में खटास बढ़ी है. बांग्लादेश में छात्र नेताओं पर हमले, वीज़ा सेवाओं का निलंबन और चुनावी प्रक्रिया को लेकर आरोपों ने हालात और गंभीर कर दिए हैं, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता पर भी सवाल खड़े हो गए हैं.

दिल्ली में बांग्लादेश हाई कमीशन के बाहर बवाल, ढाका ने भारतीय दूत को तलब किया; हिंदू लिंचिंग से बढ़ा तनाव- 10 Updates
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( Image Source:  ANI )
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 23 Dec 2025 1:39 PM IST

भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में एक बार फिर तनाव गहराता नजर आ रहा है. बांग्लादेश में कथित ईशनिंदा के आरोप में एक हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की भीड़ द्वारा हत्या और इसके बाद ढाका में भड़की हिंसा ने हालात को विस्फोटक बना दिया है. इस बीच भारत की राजधानी दिल्ली में बांग्लादेश हाई कमीशन के बाहर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए, जिससे कूटनीतिक स्तर पर भी हलचल तेज हो गई है.

स्थिति तब और गंभीर हो गई जब बांग्लादेश ने भारत में अपने मिशनों की सुरक्षा को लेकर भारतीय दूत को तलब कर लिया. उधर, बांग्लादेश के भीतर छात्र नेताओं पर हमले, अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और चुनावी प्रक्रिया पर मंडराते खतरे ने अंतरिम सरकार की चुनौतियों को कई गुना बढ़ा दिया है. आइए जानते हैं अबतक क्या-क्या हुआ?

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1. भारतीय उच्चायुक्त तलब

बांग्लादेश ने भारत में अपने दूतावासों और मिशनों की सुरक्षा को लेकर भारतीय उच्चायुक्त को ढाका तलब किया है. यह कदम दिल्ली में बांग्लादेश हाई कमीशन के बाहर हुए प्रदर्शनों के बाद उठाया गया, जिससे कूटनीतिक तनाव साफ झलकता है.

2. दिल्ली में बांग्लादेश हाई कमीशन के बाहर जबरदस्त प्रदर्शन

दिल्ली में Bangladesh High Commission के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई. Vishva Hindu Parishad और अन्य हिंदू संगठनों ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों और दीपू दास की मॉब लिंचिंग के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. बहुस्तरीय बैरिकेडिंग कर किसी भी अप्रिय घटना को रोका गया.

3. उस्मान हादी की मौत से भड़के बांग्लादेशी प्रदर्शन

ढाका में युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हुए. हादी पिछले साल के जुलाई विद्रोह का प्रमुख चेहरा था और भारत विरोधी रुख के लिए जाना जाता था. उसकी मौत ने भारत–बांग्लादेश संबंधों में एक और दरार डाल दी.

4. हिंदू युवक की लिंचिंग ने डाला आग में घी

मयमनसिंह में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की कथित ईशनिंदा के आरोप में भीड़ द्वारा हत्या के बाद हालात और बिगड़ गए. ढाका के नेशनल प्रेस क्लब के बाहर अल्पसंख्यक संगठनों और धार्मिक समूहों ने प्रदर्शन कर इसे धार्मिक कट्टरता और प्रशासनिक चूक का नतीजा बताया.

5. झूठे आरोपों का दावा, भारत की चिंता

प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि दीपू दास एक फैक्ट्री कर्मचारी था, जिसे हाल ही में प्रमोशन मिला था और उस पर झूठा आरोप लगाकर हत्या कर दी गई. भारत ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, कूटनीतिक मिशनों की हिफाजत और “भ्रामक नैरेटिव” पर गंभीर चिंता जताई.

6. वीज़ा सेवाएं निलंबित

बढ़ते तनाव के बीच बांग्लादेश ने नई दिल्ली, त्रिपुरा और सिलीगुड़ी स्थित अपने मिशनों में वीज़ा सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दीं. इससे पहले भारत ने भी चटगांव में अपने मिशन पर हमले की कोशिश के बाद वीज़ा सेवाएं रोकी थीं.

7. अमेरिका ने यूनुस से की बातचीत

अंतरिम सरकार के प्रमुख Muhammad Yunus ने अमेरिका के विशेष दूत Sergio Gor से करीब 30 मिनट बातचीत की. बातचीत में हालिया हिंसा, लोकतांत्रिक संक्रमण और 12 फरवरी को चुनाव कराने की प्रतिबद्धता दोहराई गई.

8. छात्र नेताओं पर हमले जारी

हादी की मौत के बाद उसके संगठन Inqilab Moncho ने 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया. इसी बीच NCP के छात्र नेता मोतालेब सिकदर को खुलना में सिर में गोली मार दी गई. पुलिस ने जांच शुरू की है, लेकिन हमलावरों और मकसद को लेकर स्थिति साफ नहीं है.

9. चुनावी प्रक्रिया पर खतरे का दावा

यूनुस ने कहा कि अंतरिम सरकार निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन आरोप लगाया कि अपदस्थ अवामी लीग समर्थक करोड़ों डॉलर खर्च कर चुनाव को पटरी से उतारने की कोशिश कर रहे हैं और एक फरार नेता विदेश से हिंसा भड़का रहा है.

10. शेख हसीना का पलटवार

भारत में निर्वासन में रह रहीं पूर्व प्रधानमंत्री Sheikh Hasina ने मौजूदा हालात के लिए यूनुस को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने आरोप लगाया कि अंतरिम सरकार चरमपंथियों को बढ़ावा दे रही है, अल्पसंख्यकों की रक्षा में विफल रही है और भारत के साथ रिश्तों को नुकसान पहुंचा रही है.

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