ब्रह्मोस के लिए भारत का अगला मिशन क्या? पनडुब्बी से लॉन्च करने से लेकर मिनी वर्जन तक, ये है Future Plan
भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और PoK में ब्रह्मोस मिसाइलों से हमला किया. प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने दावा किया कि भारत ने रावलपिंडी एयरपोर्ट समेत कई ठिकानों को निशाना बनाया. ब्रह्मोस की तेज़ रफ्तार और सटीकता के आगे पाकिस्तान का चीनी एयर डिफेंस सिस्टम विफल रहा. इस मिशन में वायुसेना के Su-30MKI विमानों ने अहम भूमिका निभाई. भारत अब ब्रह्मोस के विस्तारित, हल्के और सबमरीन लॉन्च संस्करणों के विकास के साथ अपनी मिसाइल शक्ति और बढ़ा रहा है.

BrahMos Supersonic cruise missile: भारत का ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल सिस्टम एक बार फिर चर्चा में है. इसकी वजह है पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ का हालिया बयान, जिसमें उन्होंने दावा किया कि भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल किया.
एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान अज़रबैजान में बोलते हुए शरीफ ने कहा, "9-10 मई की रात हमने भारतीय आक्रामकता का जवाब देने के लिए तय किया था. हमारी सेना फज्र की नमाज़ के बाद सुबह 4:30 बजे कार्रवाई के लिए तैयार थी, लेकिन उससे पहले ही भारत ने एक बार फिर ब्रह्मोस मिसाइलों से हमला किया और रावलपिंडी के एयरपोर्ट समेत पाकिस्तान के कई प्रांतों को निशाना बनाया."
क्या है ब्रह्मोस मिसाइल?
- ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल है, जो ध्वनि की गति से तीन गुना तेज़ (Mach 3) उड़ती है और 400 किलोमीटर दूर तक लक्ष्य को भेद सकती है.
- यह मिसाइल भारत और रूस की संयुक्त परियोजना है, लेकिन इसका निर्माण पूरी तरह भारत में होता है.
ऑपरेशन सिंदूर में भूमिका
- 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंक के ठिकानों पर 'ऑपरेशन सिंदूर' नामक सैन्य कार्रवाई की.
- इस कार्रवाई में वायुसेना के Su-30MKI लड़ाकू विमानों से ब्रह्मोस की एयर-लॉन्च वैरिएंट का इस्तेमाल किया गया, जो तमिलनाडु स्थित स्क्वाड्रन से उड़ान भरते हैं.
- इसके बाद पाकिस्तान की सेना ने भारत के पश्चिमी इलाकों पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिन्हें भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने सफलतापूर्वक रोक लिया.
- जवाबी कार्रवाई में भारत ने पाकिस्तान के भीतर कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया.
ब्रह्मोस ने पाकिस्तानी रक्षा को चौंकाया
चीन की मदद से बनाए गए परतदार एयर डिफेंस सिस्टम के बावजूद पाकिस्तान ब्रह्मोस मिसाइलों को इंटरसेप्ट नहीं कर सका। इससे उसकी मिसाइल रोधी क्षमता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
ब्रह्मोस का बढ़ता दायरा
- अब 800 किमी रेंज वाला विस्तारित संस्करण तैयार किया जा रहा है.
- सबमरीन से लॉन्च किए जाने वाला वेरिएंट दोबारा परीक्षण के लिए तैयार है.
- राफेल जैसे हल्के लड़ाकू विमानों के लिए छोटा और हल्का ब्रह्मोस भी विकसित हो रहा है.
- एक हाइपरसोनिक ब्रह्मोस पर भी काम चल रहा है, जो इससे भी अधिक गति और मारक क्षमता देगा.
- भारत ने ब्रह्मोस मिसाइलें फिलीपींस को भी निर्यात की हैं. वियतनाम सहित कई दक्षिण-पूर्वी एशियाई और मध्य-पूर्वी देश भी इसमें रुचि दिखा रहे हैं.
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ब्रह्मोस की भूमिका ने न केवल भारत की सैन्य ताकत को प्रदर्शित किया, बल्कि यह भी दिखाया कि भारत अब अपनी मिसाइल क्षमताओं को वैश्विक रणनीतिक ताकत में बदलने की दिशा में अग्रसर है.