4 किलो सोने की चोरी, फिर होलसेल ड्रग यूनिट्स का ऑपरेटर, यूपी के कॉन्सटेबल ने खड़ा किया 5 करोड़ का महल
एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने शुक्रवार को कोडिन बेस्ड कफ सिरप के अवैध रैकेट की जांच के तहत कई जगहों पर छापेमारी की. इस दौरान लखनऊ का एक भव्य महल खासा सुर्खियों में आया, जहां सस्पेंडेड कॉन्स्टेबल आलोक प्रताप सिंह रह रहे थे.
यूपी के एक कॉन्स्टेबल की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं लगती है. कभी 4 किलो सोने की चोरी के मामले में गिरफ्तार हुआ यह पुलिसकर्मी अब कोडिन बेस्ड कफ सिरप रैकेट में शामिल होने के आरोपों में फंस गया है. जांच एजेंसियों की छापेमारी के बाद लखनऊ के बाहर बना उसका करीब 5 करोड़ रुपये की लागत वाला आलीशान महल सुर्खियों में आ गया है, जिसने उसकी अवैध कमाई पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं.
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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जांच में सामने आया है कि यह कॉन्स्टेबल पहले भी विवादों से घिरा रहा और दो बार सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है. इसके बावजूद उसने कथित तौर पर ड्रग यूनिट का ऐसा नेटवर्क खड़ा किया, जिसमें उत्तर प्रदेश और झारखंड जैसे राज्य शामिल थे. कोडिन बेस्ड कफ सिरप के अवैध रैकेट मामले में कॉन्स्टेबल आलोक प्रताप को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया गया था और वह 55 घंटे की पुलिस रिमांड में जेल में बंद हैं.
7,000 स्क्वायर फीट में बना है महल
ईडी ने लखनऊ-सुलतानपुर हाइवे के पास, गोल्ड सिटी थाने के इलाके में स्थित आलोक के अहमामऊ वाले दो मंजिला घर की तलाशी ली. करीब 7,000 स्क्वायर फीट में फैला यह आलीशान मकान ऊंचे खंभों, सुंदर रेलिंग, बड़ी बालकनी और पोर्च से सजा हुआ है. घर में स्पाइरल सीढ़ियां, ढकी हुई पार्किंग और बाहर सजा-धजा गेट व पौधों की कतार भी है. अधिकारियों ने यहां करीब पांच घंटे तक छानबीन की और इस दौरान कई अहम दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक सामान अपने कब्जे में लिया.
5 करोड़ रुपये में बनवाया बंगला
शुरुआती जानकारी के मुताबिक, इस आलीशान घर को बनाने में करीब 5 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, जिसमें जमीन की कीमत शामिल नहीं है. ED ने एक सरकारी इवाल्यूटर को अपॉइंट किया है, जो घर के निर्माण और लग्जरी इंटीरियर पर हुए खर्च का सही आकलन करेगा. इससे यह पता लगाया जाएगा कि इस संपत्ति में कितना अवैध पैसा लगाया गया है.
ड्रग यूनिट करता था ऑपरेट
आलोक को 2 दिसंबर को यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने उनके घर के पास से गिरफ्तार किया था. पुलिस का कहना है कि वह एक अवैध रैकेट से जुड़ा हुआ था और उत्तर प्रदेश व झारखंड में दो थोक ड्रग यूनिट्स चलाता था. उसकी भूमिका तब सामने आई, जब इस मामले में पकड़े गए दूसरे आरोपी अमित कुमार सिंह से पूछताछ की गई। इसके बाद ED ने भी केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी.
4 किलो सोने के चोरी
आलोक प्रताप सिंह चंदौली के रहने वाले हैं और उनका नाम पहले भी कई विवादों में आ चुका है. साल 2006 में SOG में तैनाती के दौरान उन्हें 4 किलो सोना चोरी करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिसमें कुछ अन्य पुलिसकर्मी भी शामिल थे. बाद में सबूतों के अभाव में सभी को बरी कर दिया गया और कोर्ट के आदेश पर आलोक को दोबारा नौकरी मिल गई.
2 बार सर्विस
लेकिन सर्विस में लौटने के बाद भी उन पर लापरवाही और बदसलूकी के आरोप लगते रहे. इन मामलों के चलते 2019 में उन्हें दूसरी बार पुलिस सर्विस से हटा दिया गया. इसके बाद आलोक ने कॉन्ट्रैक्ट का काम शुरू किया और अक्सर राजनीतिक रूप से प्रभावशाली लोगों के साथ नजर आने लगे.
कोडिन सिरप रैकेट की बड़ी तस्वीर
पिछले साल फरवरी में यूपी सरकार ने इस मामले की जांच के लिए STF और FSDA की एक संयुक्त टीम बनाई थी. आरोप है कि कोडिन बेस्ड सिरप और दूसरी नशीली दवाओं का बड़े पैमाने पर अवैध भंडारण और कारोबार किया जा रहा था. अब तक प्रदेश के 31 जिलों में 128 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं और 32 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जांच के दौरान पुलिस ने करीब 3.5 लाख बोतलें कोडिन सिरप बरामद की हैं, जिनकी बाजार कीमत लगभग 4.5 करोड़ रुपये बताई जा रही है. इस पूरे नेटवर्क का मुख्य आरोपी शुभम जैसवाल बताया जा रहा है, जो जांच शुरू होते ही दुबई फरार हो गया.





