उसपर काला जादू था, दो लोग आए मार के चले गए...... Sushant Singh Rajput की बहन Shweta Singh का सनसनीखेज खुलासा
श्वेता ने इंटरव्यू में कई सवाल उठाए उन्होंने बहुत आसान और साफ भाषा में समझाया कि ऐसी परिस्थितियों में आत्महत्या करना नामुमकिन लगता है. श्वेता ने कहा, 'आत्महत्या कैसे हो सकती है? जिस पंखे से लटकने की बात कही जाती है और जिस बिस्तर पर सुशांत सोते थे, उनके बीच इतनी भी दूरी नहीं थी कि कोई व्यक्ति अपने पैर लटका सके.
 
  दिवंगत बॉलीवुड स्टार सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की बड़ी बहन श्वेता सिंह कीर्ति (Shweta Singh Kirti) ने अपने भाई की मौत को लेकर कुछ बहुत ही चौंकाने वाले नए दावे किए हैं. उनका साफ कहना है कि यह आत्महत्या बिल्कुल नहीं थी, बल्कि हत्या थी. हाल ही में पत्रकार शुभंकर मिश्रा (Shubhankar Mishra) के साथ एक इंटरव्यू में श्वेता ने यह बातें खुलकर बताईं. उन्होंने कहा कि दो अलग-अलग मनोवैज्ञानिकों (जिन्हें अंग्रेजी में साइकिक भी कहते हैं) ने उनसे संपर्क किया और बताया कि सुशांत की हत्या दो लोगों ने मिलकर की थी. इनमें से एक साइकोलोजिस्ट अमेरिका में रहता है और दूसरा मुंबई में.
14 जून 2020 को सुशांत सिंह राजपूत की मौत की खबर आई थी. उस समय पूरा देश सदमे में डूब गया था. मीडिया में खूब हंगामा हुआ और कई बड़ी जांच एजेंसियों ने इस मामले की तहकीकात शुरू की. मुंबई पुलिस, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जैसी एजेंसियों ने लंबी जांच की. सभी एजेंसियों ने अंत में यही निष्कर्ष निकाला कि सुशांत ने आत्महत्या की थी और इसमें कोई गड़बड़ी या साजिश नहीं थी. लेकिन श्वेता सिंह कीर्ति इन निष्कर्षों से बिल्कुल सहमत नहीं हैं. वह आज भी मानती हैं कि उनके भाई की हत्या हुई थी और आधिकारिक रिपोर्ट गलत है.
आत्महत्या कैसे हो सकती है?
श्वेता ने इंटरव्यू में कई सवाल उठाए उन्होंने बहुत आसान और साफ भाषा में समझाया कि ऐसी परिस्थितियों में आत्महत्या करना नामुमकिन लगता है. श्वेता ने कहा, 'आत्महत्या कैसे हो सकती है? जिस पंखे से लटकने की बात कही जाती है और जिस बिस्तर पर सुशांत सोते थे, उनके बीच इतनी भी दूरी नहीं थी कि कोई व्यक्ति अपने पैर लटका सके. वहां जगह ही नहीं थी कि कोई फंदा बना सके और खुद को लटका ले.' उन्होंने आगे बताया, 'अगर कोई व्यक्ति सच में आत्महत्या करना चाहता है, तो वह स्टूल, कुर्सी या कोई ऊंची चीज का इस्तेमाल करता है. वह उस पर चढ़ता है, रस्सी या दुपट्टा बांधता है और फिर कूदता है. लेकिन सुशांत के कमरे में कोई स्टूल, कुर्सी या ऐसा कुछ भी नहीं मिला जिसकी मदद से कोई ऊपर चढ़ सके.'
गले पर निशान दुपट्टे जैसे नहीं थे
श्वेता ने सबसे अहम बात कही कि सुशांत के गले पर जो निशान थे, वे दुपट्टे या कपड़े के नहीं लगते थे. उन्होंने कहा, 'अगर आप निशान ध्यान से देखें, तो पता चलेगा कि वह दुपट्टे का निशान बिल्कुल नहीं है. वह तो एक पतली चेन या धातु जैसी चीज का निशान था. कपड़े से ऐसा गहरा और पतला निशान नहीं बन सकता.' इन सब बातों से श्वेता का कहना है कि आत्महत्या की कहानी में बहुत सारी खामियां हैं और यह हत्या की ओर इशारा करती हैं.
दो अलग साइकोलोजिस्ट पर बात एक
श्वेता ने बताया कि सुशांत की मौत के ठीक बाद दो अलग-अलग साइकोलोजिस्ट ने उनसे संपर्क किया. ये लोग बहुत गहरे ध्यान (मेडिटेशन) की अवस्था में जाकर भूत-भविष्य या छिपी हुई बातें देखने का दावा करते हैं. दोनों ने बिल्कुल एक जैसी बात बताई, जो श्वेता को बहुत हैरान करने वाली लगी. श्वेता की एक करीबी अमेरिकी दोस्त के जरिए वहां की एक महिला साइकोलोजिस्ट से संपर्क हुआ. यह महिला सुशांत या उनके परिवार के बारे में कुछ भी नहीं जानती थी. फिर भी उसने गहरे ध्यान में जाकर कहा, 'सुशांत की हत्या हुई है दो लोग उनके घर आए थे और उन्होंने यह काम किया.' यह महिला अमेरिकी थी और उसे कोई पूर्व जानकारी नहीं थी. इसके कुछ समय बाद मुंबई से एक दूसरा साइकोलॉजिस्ट श्वेता के पास पहुंचा. श्वेता को इसके बारे में भी कुछ नहीं पता था. लेकिन इस व्यक्ति ने भी बिल्कुल वही बात दोहराई- 'दो लोग आए थे और सुशांत का मर्डर करके चले गए.' श्वेता ने हैरानी जताते हुए कहा, 'दो अलग-अलग देशों के दो अलग लोग, जिन्हें एक-दूसरे के बारे में कुछ नहीं पता, एक ही बात कैसे कह सकते हैं? दोनों ने कहा कि दो लोग थे यह कोइंसिडेन्स नहीं हो सकता.'
उसे इमोशनली तोड़ा गया
श्वेता सिंह कीर्ति ने अपने भाई सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद हुए एक खास साइकिक सेशन की बातों को याद करते हुए अपनी बात शुरू की. यह सेशन उस समय हुआ था जब परिवार सदमे में था और हर तरफ से तरह-तरह की बातें सुनने को मिल रही थी. श्वेता ने बताया कि उस मनोवैज्ञानिक ने उन्हें कुछ ऐसी बातें बताईं जो सुनकर उनका दिल दहल गया. श्वेता के अनुसार, उस मनोवैज्ञानिक ने डीप मेडिडेशन की अवस्था में जाकर देखा और बताया कि सुशांत की ज़िंदगी में एक खास इंसान को जानबूझकर 'प्लांट' किया गया था. यानी किसी ने सोच-समझकर उस व्यक्ति को सुशांत के करीब भेजा था. इसका मकसद सिर्फ एक था, 'सुशांत को इमोशनली रूप से पूरी तरह तोड़ देना, उसका कॉन्फिडेंस खत्म कर देना और उसे मानसिक रूप से कमजोर बना देना.'
पहले ही मिल गई थी परिवार को चेतावनी
श्वेता ने एक और चौंकाने वाली बात बताई. उन्होंने कहा कि सुशांत की मौत से कुछ समय पहले उनकी बड़ी बहन (यानी परिवार की सबसे बड़ी दीदी) को एक अज्ञात नंबर से फ़ोन आया था. उस फ़ोन में कॉल करने वाले ने बहुत डरावनी चेतावनी दी थी. उसने कहा था कि सुशांत पर काला जादू किया जा रहा है और मार्च महीने के बाद वह ज़िंदा नहीं बचेंगे. श्वेता ने यह बात याद करते हुए कहा, 'पता है, एक दिन मेरी बड़ी दीदी के पास एक फ़ोन आया फ़ोन करने वाला कोई अजनबी था. उसने दीदी से कहा, ‘सुशांत पर काला जादू चल रहा है. मार्च का महीना खत्म होने के बाद वह इस दुनिया में नहीं रहेंगे.' हमने तब विश्वास नहीं किया क्योंकि हम लोग काले जादू में विश्वास नहीं करते.' उन्होंने आगे कहा, 'हमने सोचा कि शायद कोई पागल या सुशांत की लोकप्रियता से जलने वाला इंसान मजाक कर रहा है या डराने की कोशिश कर रहा है. हमने इसे नजरअंदाज कर दिया. लेकिन आज जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूं, तो लगता है कि शायद वह फ़ोन कोई संकेत था, कोई चेतावनी थी जिसे हम समझ नहीं पाए.







