Begin typing your search...

मायानगरी में गजल सिंगर बनने आए थे Danny Denzongpa, फिर बने हिंदी सिनेमा के खूंखार विलेन

70 और 80 के दशक के मशहूर विलेन डैनी डेन्जोंगपा की कहानी भी कुछ ऐसी ही थी. वह गजल सिंगर बनने के लिए अपनी जेब में केवल 1500 रुपये लेकर मुंबई आए थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था

मायानगरी में गजल सिंगर बनने आए थे Danny Denzongpa, फिर बने हिंदी सिनेमा के खूंखार विलेन
X
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Updated on: 25 Feb 2025 8:03 AM IST

हर साल कई लोग फिल्मी दुनिया में अपनी किस्मत आजमाने के लिए मुंबई आते हैं. हालांकि, हर कोई बड़े पर्दे पर सफल नहीं हो सकता. बॉलीवुड में नाम कमाने के लिए किस्मत और मेहनत दोनों का मेल जरूरी है. बॉलीवुड में आज जितने भी बड़े और सफल एक्टर हैं उनमें से ज्यादातर को काफी स्ट्रगल करना पड़ता था. कई सितारे मुंबई आए और अपनी किस्मत चमकाई.

70 और 80 के दशक के मशहूर विलेन डैनी डेन्जोंगपा (Danny Denzongpa) की कहानी भी कुछ ऐसी ही थी. वह गजल सिंगर बनने के लिए अपनी जेब में केवल 1500 रुपये लेकर मुंबई आए थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था और वह बॉलीवुड के सबसे खतरनाक खलनायकों में से एक बन गए. 1984 से 1990 के दशक तक, डैनी डेन्जोंगपा ने अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, धर्मेंद्र, जीतेंद्र, मिथुन चक्रवर्ती, विनोद खन्ना, अनिल कपूर और सनी देओल सहित उस समय के सभी सुपरस्टारों के साथ लीड निगेटिव किरदार निभाए.

इंडस्ट्री के खूंखार विलेन

साल 1990 तक अपने करियर के 20 साल पूरे करने से पहले डैनी 190 फिल्में कर चुके थे और लगभग हर फिल्म में खूंखार विलेन की भूमिका में नजर आते थे. कई बार तो उनकी बेहतरीन एक्टिंग फिल्म के लीड एक्टर पर भी भारी पड़ गई. कांचा चीना, बख्तावर और खुदा बख्श जैसे यादगार किरदार निभाकर वह बॉलीवुड के सबसे खतरनाक खलनायकों में से एक के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल रहे.

हमेशा से नहीं थे खलनायक

भले ही डैनी डेन्जोंगपा को उनके निगेटिव रोल के लिए पहचान मिली लेकिन उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक पॉजिटिव किरदार से की थी. डैनी डेन्जोंगपा ने पहली बार 1971 में (1972 में रिलीज़) बीआर इशारा की 'जरूरत' में काम किया, जो उनकी पहली फिल्म थी. लेकिन, फ़िल्म इंडस्ट्री में उन्हें सफलता गुलज़ार की 'मेरे अपने' (1971) से मिली. उन्होंने पहली बार 1973 की फिल्म 'धुंध' में खलनायक भूमिका निभाई, जहां उन्होंने एक अपंग और निराश पति की भूमिका निभाई थी.

जया बच्चन ने बदला नाम

1948 में सिक्किम में शेरिंग फिंटसो डेन्जोंगपा के रूप में जन्मे एक्टर को अपना नाम बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि लोगों को इसका उच्चारण करने में कठिनाई होती थी. उनका पूरा नाम शेरिंग फिंटसो डेन्जोंगपा है. लेकिन लोग इसे सही से नहीं बोल पाते थे. फिर अमिताभ बच्चन की पत्नी और बॉलीवुड की दिग्गज सुपरस्टार जया बच्चन थीं, जिन्होंने उनसे अपना नाम बदलकर डैनी डेन्जोंगपा रखने के लिए कहा था ताकि लोगों को याद रखने और उच्चारण करने में आसानी हो. डैनी डेन्जोंगपा की भारतीय सेना में शामिल होना चाहते थे, लेकिन उन्होंने फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई), पुणे में शामिल होने के लिए आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज, पुणे से एडमिशन वापस ले लिया.

फिल्म ऊंचाई में आए थे नजर

2003 की शुरुआत में, डैनी डेन्जोंगपा ने फिल्मों से ब्रेक लेने का फैसला किया और 2003 और 2009 के बीच केवल 10 फिल्मों में दिखाई दिए। उन्हें आखिरी बार 2022 में अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म 'उंचाई' में एक कैमियो भूमिका निभाते हुए देखा गया था. भारतीय सिनेमा में उनके यो

bollywoodbollywood movies
अगला लेख