Divya Bharti से बनी सना, मौत से पहले आधी-अधूरी रही ये 14 फिल्में, 18 की उम्र में बन गई थी सबसे बड़ी स्टार
दिव्या भारती 1988 में मुंबई के एक स्कूल में नाइन्थ क्लास में पढ़ रही थीं जब उन्हें नंदू तोलानी ने साइन किया था. जबकि उनकी प्लानिंग शुरुआत सफल नहीं रही, गोविंदा के भाई कीर्ति कुमार ने उन्हें देखा और उन्हें एक फिल्म में साइन कर लिया. उसे फिर से रिप्लेस कर दिया गया.

90 का वो दशक जब ज्यादातर 18 साल से कम उम्र की टीनऐजर आंखों में सपने लिए बॉलीवुड में एक्ट्रेस बनने की चाह लेकर आई थी. कुछ एक्ट्रेस जिन्हें डेब्यू फिल्म करते ही इंडस्ट्री में पहचान मिल गई, वहीं कुछ को काफी समय लगा. लेकिन 90 के उस दौर में एक ऐसी मासूम अदाओं वाली लड़की ने इंडस्ट्री में कदम रखा था. जिसने महज 18 साल की उम्र में नाम,पैसा, शोहरत कमाया और हिंदी सिनेमा की बड़ी स्टार बन गईं.
हम बात करें हैं दिव्या भारती (Divya Bharti) कि जिन्होंने 16 साल की उम्र में तमिल फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की थी. अफसोस की बात है कि एक साल के अंदर ही उनकी मौत हो गई, जिससे बॉलीवुड में एक अधूरी विरासत और एक खालीपन आ गया, जिसके कारण कई नए चेहरों का उदय हुआ.
तेलुगू फिल्म से शुरू किया करियर
दिव्या भारती 1988 में मुंबई के एक स्कूल में नाइन्थ क्लास में पढ़ रही थीं जब उन्हें नंदू तोलानी ने साइन किया था. जबकि उनकी प्लानिंग शुरुआत सफल नहीं रही, गोविंदा के भाई कीर्ति कुमार ने उन्हें देखा और उन्हें एक फिल्म में साइन कर लिया. उसे फिर से रिप्लेस कर दिया गया. आखिरकार, दिव्या ने 1990 में वेंकटेश के साथ तेलुगु फिल्म 'बोब्बिली राजा' से अपनी शुरुआत की. यह फिल्म हिट रही, और उसके बाद उनकी तमिल पहली फिल्म 'निला पेन्ना' फिर से हिट रही. 1991 के अंत तक, दिव्या साउथ में बॉक्स ऑफिस पर केवल एक्ट्रेस विजयशांति से पीछे थीं.
बन चुकी थी नंबर वन एक्ट्रेस
अपनी चुलबुली अदाओं से सबका दिल जीतने वाली दिव्या ने हिंदी सिनेमा का रुख किया. 1992 में आई राजीव राय के निर्देशन में आई विश्वात्मा में दिव्या ने सनी देओल और नसीरुद्दीन शाह के साथ काम किया. इस फिल्म से दिव्या ने डेब्यू किया था और कुछ ही महीनों में दिव्या इंडस्ट्री नंबर वन एक्ट्रेस बन गई हर डायरेक्टर और प्रोड्यूसर सिर्फ दिव्या के साथ काम करना चाहता था.
सबसे ज्यादा चार्ज करती थी फीस
1992 में, उन्होंने विश्वात्मा के अलावा , 'शोला और शबनम', 'दीवाना' और 'बलवान' जैसी हिट फ़िल्में दी. इस दौर में उन्होंने आज के साथ बड़े स्टार शाहरुख़ खान के साथ 'दीवाना' और सुनील शेट्टी के साथ भी काम किया. 1993 की शुरुआत तक दिव्या अपने स्टारडम के पीक पर थी. उन दिनों इतनी कम उम्र में सफलता की बुलंदियों पहुंचाना बड़ी थी वो एक फीमेल एक्ट्रेस होने के नाते. कहा जाता है दिव्या अपनी बढ़ती सफलता के चलते पर फिल्म का 50 लाख रुपये से अधिक चार्ज कर रही थी, इसलिए दिव्या 90 के दशक की सबसे हाईएस्ट पेड एक्ट्रेस में से थी.
दिव्या से बनी सना
दिव्या ने अपने करियर पीक पर फिल्म निर्माता साजिद नाडियावाला से शादी कर ली थी. डीएन की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों की मुलाकात गोविंदा ने करवाई थी. साजिद को दिव्या पसंद आ गई थी इसलिए वह हर रोज एक्ट्रेस से मिलने सेट पर पहुंच जाते थे. लेकिन उन दिनों दिव्या दूसरे को-स्टार्स से अपना नाम जुड़ने से परेशान थी. साजिद ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि अफवाहों से बचने के लिए दिव्या ने शादी की ठान ली थी. हमने दिव्या की हेयर स्टाइलिस्ट और उसके पति की मौजदूगी में शादी कर ली. यह शादी साजिद के तुलसी फ्लैट में हुई थी. जहां काजी ने निकाह पढ़ाया था और दिव्या ने इस्लाम कबूलते हुए खुद का नाम सना रख लिया था. वहीं साजिद ने बताया कि दिव्या उन सबसे डिमांडेड एक्ट्रेस थी उसका करियर दांव था. लेकिन वह सबको हमारी शादी के बारें में बताना चाहती थी. उन्होंने अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा था कि यह मेरी गलती थी मैंने उसे शादी छुपाने को कहा.
5वीं मंजिल से गिरकर मौत
'क्षत्रिय' की सफलता के साथ दिव्या के लिए 1993 की शुरुआत अच्छी रही, लेकिन उनकी अचानक उनकी मौत ने सबको हिलाकर रख दिया था. एक्ट्रेस के निधन से पहले यह उनकी आखिरी रिलीज़ थी. अप्रैल 1993 में, दिव्या की 5वीं मंजिल के अपार्टमेंट की बालकनी से गिरने से मौत हो गई. जबकि आज भी उनकी मौत एक पहेली बनी हुई है. कुछ लोगों ने इसे एक दुर्घटना से ज्यादा हत्या की आशंका जताई. हालांकि बाद में दिव्या के परिवार ने रिपोर्टों का खंडन किया था.
14 फिल्मों काम कर रही दिव्या
अपनी मौत के समय दिव्या 14 फिल्मों में काम कर रही थीं, जो पूरी होने के अलग-अलग फेज में थी. इनमें से दो 1993 में रिलीज़ हुईं, जबकि 12 अन्य में एक्ट्रेस की जगह ले ली गई, जिनके बड़े हिस्से शूट नहीं किए गए थे. इनमें 'लाडला' (जहां श्रीदेवी ने उनकी जगह ली थी) भी शामिल थी. 'मोहरा', 'दिलवाले' में रवीना टंडन, 'हलचल' में काजोल, 'विजयपथ' में तब्बू, 'कर्तव्य' में जूही चावला और 'धनवान' में करिश्मा कपूर ने उनकी जगह ली. इनमें से ज्यादातर फ़िल्में सफल रहीं और इन एक्ट्रेस को अन्य प्रोजेक्ट्स और कॉन्फिडेंस मिला.