Irfaan Ali फिर चुने गए गुयाना के राष्ट्रपति, भारत से है कनेक्शन, देश के बजट को 4 गुना बढ़ाने वाले नेता के बारे में जानें
इरफान अली को दोबारा गुयाना का राष्ट्रपति चुना गया है. वह इस देश के युवा नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने अपने विजन के चलते देश के बजट को 4 गुना बढ़ाने में योगदान दिया है. इतना ही नहीं, इरफान अली का भारत से भी खास कनेक्शन है.;
गुयाना की राजनीति में 45 साल के इरफान अली का नाम अब हर जगह गूंज रहा है. जब देश अपने इतिहास में सबसे बड़े आर्थिक परिवर्तन के बीच खड़ा है, तेल के खजाने और वैश्विक भू-राजनीतिक दबाव के समय, इरफान अली ने दूसरा पांच साल का कार्यकाल जीतकर साबित कर दिया कि वे नए दौर के नेता हैं.
उनके नेतृत्व में देश न केवल अपनी आर्थिक दिशा बदलने की कोशिश कर रहा है, बल्कि एक नई पीढ़ी की उम्मीदों और आकांक्षाओं का भी प्रतीक बन रहा है. चलिए जानते हैं कौन है इरफान अली, जिनका भारत से भी कनेक्शन है.
कौन हैं इरफान अली?
इरफान अली ने अर्बन प्लैनिंग और अर्थशास्त्र में अपनी पढ़ाई पूरी की और इस ज्ञान का इस्तेमाल देश के विकास के लिए किया. लेकिन उनका सफर आसान नहीं था. उनकी पार्टी, पीपुल्स प्रोग्रेसिव पार्टी (PPP) ने इस चुनाव में 242,000 से अधिक वोट हासिल किए, और दस में से आठ जिलों में बहुमत जीता.
प्रोफेशनल करियर
इरफान अली ने अपने पेशेवर करियर की शुरुआत कैरेबियन डेवलपमेंट बैंक के प्रोजेक्ट इम्प्लीमेंटेशन यूनिट से की. वे वित्त मंत्रालय में काम कर चुके हैं और स्टेट प्लानिंग सचिवालय में सीनियर प्लानर के पद पर थे. यह एक्सपीरियंस उन्हें न केवल आर्थिक नीतियों की गहराई समझने में मदद करता है बल्कि प्रशासनिक नेतृत्व में भी दक्ष बनाता है.
राजनीतिक शुरुआत
2006 में अली ने गायना की नेशनल असेंबली में अपनी सीट पक्की की. जल्द ही उन्हें हाउसिंग और वाटर मंत्री और टूरिज्म इंडस्ट्री और कॉमर्स मंत्री के पदों पर अपॉइंट किया गया. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के कार्यों को अस्थायी रूप से संभाला. 2015 में जब पीपुल्स प्रोग्रेसिव पार्टी विपक्ष में गई, तब अली ने पब्लिक अकाउंट्स कमिटी और इकोनॉमिक सर्विसेज कमिटी में लीड किया. यह उनका अनुभव और राजनीतिक पकड़ दोनों मजबूत करने वाला समय था.
राष्ट्रपति पद की दौड़ और विवाद
19 जनवरी 2019 को अली को पीपीपी का राष्ट्रपति उम्मीदवार चुना गया. इस समय उनके खिलाफ 19 मामलों की साजिश और धोखाधड़ी की चार्जशीट SOCU द्वारा दायर की गई थी. अली के वकीलों का कहना था कि ये आरोप राजनीतिक प्रेरित और बिना आधार के हैं. साथ ही, उनकी एजुकेशन पर सवाल उठाए गए और आरोप थे कि उन्होंने अपने 20 के दशक में कुछ दस्तावेज़ों में गलत जानकारी दी. भूमि बिक्री के मामले में 19 आरोप लगे, जिसमें कथित तौर पर सरकारी जमीन को कम कीमत पर बेचा गया। हालांकि, 14 अगस्त 2020 को सभी आरोप खारिज कर दिए गए.
अर्थव्यवस्था और तेल क्षेत्र में विजन
अपने चुनावी अभियान में अली ने मुख्य रूप से आर्थिक सुधार और रोजगार सृजन को प्राथमिकता दी. उन्होंने वादा किया कि पांच सालों में 50,000 नई नौकरियां सृजित की जाएंगी. इसके साथ ही उन्होंने गुयाना के तेल क्षेत्र में पारदर्शिता और अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन सुनिश्चित करने की बात की. इरफान अली के नेतृत्व में गुयाना अब तेल की नई खोजों के दौर में है. एक्सॉनमोबिल द्वारा 2019 में तेल के विशाल भंडार खोजे जाने के बाद, देश का बजट चार गुना बढ़ गया और गुयाना दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया.
अंतरराष्ट्रीय सम्मान
इरफान अली के योगदान को सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी सराहा गया. भारत ने 2023 में उन्हें प्रवासी भारतीय सम्मान (Pravasi Bharatiya Samman) से नवाजा गया. बारबाडोस ने भी 2023 में Order of Freedom of Barbados से सम्मानित किया गया, उनके क्षेत्रीय सहयोग और सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान के लिए.
क्या है भारत से कनेक्शन?
मुस्लिम इंडो-गुयानी परिवार में जन्मे इरफान का जीवन संघर्ष और समर्पण की मिसाल रहा है. उनके पूर्वज 19वीं सदी में भारत से गुयाना आए थे, और उन्होंने देश की सांस्कृतिक और सामाजिक धारा में अपनी छाप छोड़ी.