Bondi Beach Attack में बड़ा खुलासा, आतंकी पिता-पुत्र भारतीय पासपोर्ट पर गए थे फिलीपींस; ISIS कनेक्शन ने खोली साजिश की परतें
सिडनी के बॉन्डी बीच आतंकी हमले में बड़ा खुलासा हुआ है. आरोपी साजिद अकरम और उसका बेटा नावीद अकरम हमले से पहले फिलीपींस गए थे और उन्होंने कथित तौर पर भारतीय पासपोर्ट का इस्तेमाल किया. जांच में ISIS से जुड़े झंडे, IED और मिलिट्री-स्टाइल ट्रेनिंग के संकेत मिले हैं. 15 लोगों की मौत वाले इस हमले ने अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और फर्जी पहचान से जुड़े गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.;
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित बॉन्डी बीच पर हुआ आतंकी हमला सिर्फ एक आतंकी वारदात नहीं था, बल्कि अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क, फर्जी पहचान और कट्टर विचारधारा की खतरनाक कड़ी का संकेत देता है. जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे इस हमले से जुड़े ऐसे तथ्य सामने आ रहे हैं, जो सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा रहे हैं.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अब इस मामले में फिलीपींस, पाकिस्तान और भारत के नाम जुड़ने से जांच का दायरा और बड़ा हो गया है. पिता-पुत्र की जोड़ी द्वारा अलग-अलग देशों की यात्रा, भारतीय पासपोर्ट का इस्तेमाल और ISIS से जुड़े संकेत इस हमले को केवल ऑस्ट्रेलिया तक सीमित नहीं रहने देते, बल्कि इसे वैश्विक आतंकवाद के फ्रेम में खड़ा कर देते हैं.
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नवंबर में सिडनी गए थे पिता-पुत्र
बॉन्डी बीच हमले के आरोपी 50 वर्षीय साजिद अकरम और उसका 24 साल का बेटा नावीद अकरम पिछले महीने फिलीपींस गए थे. फिलीपींस के इमिग्रेशन अधिकारियों के मुताबिक दोनों 1 नवंबर को वहां पहुंचे और 28 नवंबर को देश छोड़कर सिडनी के लिए रवाना हुए. यह यात्रा अब जांच एजेंसियों के लिए अहम कड़ी बन गई है.
भारतीय पासपोर्ट पर की थी यात्रा
सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह है कि दोनों आरोपियों ने फिलीपींस की यात्रा भारतीय पासपोर्ट पर की थी. इमिग्रेशन रिकॉर्ड के अनुसार उन्होंने डावाओ को अंतिम गंतव्य बताया था, जिसके बाद वे डावाओ से मनीला होते हुए सिडनी पहुंचे. फिलीपींस की एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि भारतीय पासपोर्ट कैसे और किन हालात में इस्तेमाल किए गए.
ट्रेनिंग का शक और ISIS के संकेत
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हमले से पहले दोनों फिलीपींस में “मिलिट्री-स्टाइल ट्रेनिंग” के लिए गए थे. न्यू साउथ वेल्स पुलिस ने बताया कि नावीद के नाम पर रजिस्टर्ड वाहन से इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) और ISIS से जुड़े दो झंडे बरामद किए गए हैं. इससे हमले के पीछे कट्टर आतंकी विचारधारा की आशंका और गहरी हो गई है.
घरवालों से बोला झूठ
पुलिस के अनुसार दोनों ने अपने परिवार को बताया था कि वे वीकेंड पर मछली पकड़ने जा रहे हैं. लेकिन असल में वे सिडनी के कैंप्सी इलाके में एक शॉर्ट-टर्म रेंटल प्रॉपर्टी में ठहरे हुए थे, जहां कथित तौर पर हमले की प्लानिंग की जा रही थी. बाद में काउंटर-टेररिज्म टीम ने उस जगह से दो हथियार भी बरामद किए.
सिक्योरिटी अलर्ट नहीं हुआ था ट्रिगर
NSW पुलिस कमिश्नर मल लैन्यन ने कहा कि फिलीपींस यात्रा के दौरान कोई सिक्योरिटी अलर्ट ट्रिगर नहीं हुआ था और इसे इंटेलिजेंस फेलियर नहीं माना जा सकता. हालांकि यह सवाल जरूर उठ रहा है कि इतनी बड़ी तैयारी के बावजूद दोनों एजेंसियों की नजर से कैसे बचे रहे?
नफरत की विचारधारा से कट्टरता
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ ने पहली बार संकेत दिया कि आरोपी “नफरत की विचारधारा” से कट्टर हो चुके थे. उन्होंने कहा कि शुरुआती संकेत ISIS की विचारधारा की ओर इशारा करते हैं. नावीद अकरम 2019 में ऑस्ट्रेलियाई खुफिया एजेंसी के संपर्क में आया था, लेकिन उस समय उसे तात्कालिक खतरा नहीं माना गया था.
आगे की जांच जारी
इस हमले में यहूदी समुदाय को निशाना बनाया गया, जिसमें 10 साल की बच्ची, ब्रिटिश मूल के रब्बी, एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी और एक होलोकॉस्ट सर्वाइवर समेत 15 लोगों की मौत हो गई. 25 लोग अब भी अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें छह की हालत गंभीर है. बॉन्डी बीच इलाका अभी भी जांच के घेरे में है और फॉरेंसिक व बैलिस्टिक जांच जारी है. यह मामला अब अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद और पहचान की सुरक्षा से जुड़े बड़े सवाल खड़े कर रहा है.