रेजा-रेजा हो गए… मसूद अजहर का परिवार बहावलपुर हमले में टुकड़ों में बंट गया, जैश कमांडर का कबूलनामा | Video

भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था. अब जैश-ए-मोहम्मद कमांडर मसूद इलियास कश्मीरी ने पहली बार स्वीकार किया है कि इस हमले में मसूद अजहर का परिवार टुकड़ों में बंट गया. बहावलपुर के ठिकाने पर हुए हमले ने जैश के नेटवर्क को हिला दिया और अजहर के करीबी रिश्तेदार मारे गए.;

Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On :

भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन ‘सिंदूर’ ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों के ठिकानों को बुरी तरह तबाह कर दिया था. अब कई महीनों बाद जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के टॉप कमांडर मसूद इलियास कश्मीरी ने पहली बार स्वीकार किया है कि इस हमले में आतंकी सरगना मसूद अजहर का परिवार भी मारा गया था.

सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में मसूद इलियास कश्मीरी ने कहा कि 7 मई को बहावलपुर में भारतीय सेना की कार्रवाई के दौरान मसूद अजहर के परिवार के सदस्य “रेजा-रेजा होकर टुकड़ों में बंट गए.” उसने स्वीकार किया कि इस हमले ने जैश की कमर तोड़ दी और अजहर के करीबी रिश्तेदार मारे गए.

मसूद इलियास कश्मीरी ने क्या कहा?

जैश-ए-मोहम्मद के टॉप कमांडर मसूद इलियास कश्मीरी ने एक वायरल वीडियो में स्वीकार किया कि 7 मई को बहावलपुर स्थित आतंकी अड्डे पर भारत के ऑपरेशन सिंदूर में मसूद अजहर का परिवार बुरी तरह मारा गया. उसने कहा, “उस दिन अजहर का परिवार रेज़ा-रेज़ा होकर टुकड़ों में बंट गया. हमने दिल्ली, काबुल और कंधार में लड़ाई लड़ी, लेकिन आखिरकार भारतीय सेना ने हमारे गढ़ पर हमला कर सब खत्म कर दिया.”

आतंकियों के गढ़ पर सीधा प्रहार

ऑपरेशन सिंदूर को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के कुछ हफ्तों बाद अंजाम दिया गया था, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी. जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में फैले जैश और लश्कर-ए-तैयबा के नौ ठिकानों को ध्वस्त किया. इन ठिकानों में बहावलपुर, कोटली और मुरिदके जैसे आतंकी गढ़ शामिल थे.

बहावलपुर बना तबाही का केंद्र

पाकिस्तान का 12वां सबसे बड़ा शहर बहावलपुर लंबे समय से जैश-ए-मोहम्मद का ऑपरेशनल हब माना जाता है. यहां मौजूद जमिया मस्जिद सुभान अल्लाह, जिसे उस्मान-ओ-अली कैंपस के नाम से भी जाना जाता है, से संगठन की आतंकी गतिविधियां संचालित होती थीं. भारतीय सेना की कार्रवाई ने इस ठिकाने को बुरी तरह झकझोर दिया.

आतंकी नेटवर्क पर पड़ा असर

कश्मीरी ने स्वीकार किया कि ऑपरेशन सिंदूर ने जैश की संरचना को गहरा नुकसान पहुंचाया है. कई महीनों तक संगठन अपने ठिकानों को फिर से खड़ा नहीं कर सका. वहीं पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट में भी कहा गया था कि मसूद अजहर ने एक बयान जारी कर अपने 10 परिवारजनों की मौत की पुष्टि की थी.

आतंक के सरगना की खामोशी

मसूद अजहर खुद सालों से पाकिस्तान में छिपा हुआ है. पाकिस्तान सरकार उसकी मौजूदगी से अनजान होने का दावा करती रही है. यहां तक कि पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी कहा था कि अगर भारत ठोस सबूत दे तो पाकिस्तान उसे गिरफ्तार करने के लिए तैयार है.

दो दशकों से फैला खौफ

गौरतलब है कि 2000 के शुरुआती दशक में बने जैश-ए-मोहम्मद ने भारत पर कई बड़े आतंकी हमले किए हैं. संसद हमले से लेकर पुलवामा तक, इस संगठन का नाम आतंक की जड़ों में गहराई से जुड़ा रहा है. मगर ऑपरेशन सिंदूर ने इसके नेटवर्क को गहरी चोट पहुंचाई है.

सबक या नई साजिश?

विशेषज्ञ मानते हैं कि यह ऑपरेशन भारत की सख्त नीति और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की मिसाल है. लेकिन सवाल यह भी है कि क्या मसूद अजहर और उसके संगठन ने इस तबाही से सबक लिया है या फिर वह किसी नए षड्यंत्र की तैयारी कर रहा है?

Similar News