50 से भी कम हथियार हुए फायर और Pak मांगने लगा पानी..., वायुसेना डिप्टी चीफ ने ऑपरेशन सिंदूर की नई फुटेज जारी कर मचाई सनसनी
भारतीय वायुसेना के डिप्टी चीफ ने ऑपरेशन सिंदूर की नई फुटेज जारी कर पाकिस्तान को चौंका दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक इस ऑपरेशन में 50 से भी कम हथियारों का इस्तेमाल हुआ और पाकिस्तान की हालत खराब हो गई. फुटेज सामने आने के बाद यह साफ हो गया है कि भारतीय वायुसेना ने सीमित संसाधनों से दुश्मन को घुटनों पर ला दिया. यह खुलासा न केवल पाकिस्तान की पोल खोलता है बल्कि भारतीय वायु शक्ति की ताकत और राजनीतिक शक्ति को भी साबित करता है.

भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के डिप्टी चीफ एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी ने 30 अगस्त 2025 को कथित 'ऑपरेशन सिंदूर' का नया फुटेज जारी का पाकिस्तान सहित दुनिया भर में सनसनी मचा दी है. इस ऑपरेशन को मई में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी शिविरों के खिलाफ भारतीय सेना ने अंजाम दिया था. भारतीय सेना की आश्चर्य में डालने वाली इस कार्रवाई ने सुपर पावर अमेरिका को चकित कर दिया था. भारतीय सेना यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले के बाद की थी. पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे.
एनडीटीवी डिफेंस समिट में एयर मार्शल तिवारी ने कहा, "विकल्पों की सूची में से, हमारे पास बड़ी संख्या में लक्ष्य थे और अंततः हम नौ पर पहुंच गए. हमारे लिए मुख्य बात यह है कि 50 से भी कम हथियारों के साथ, हम संघर्ष को समाप्त करने में सक्षम थे. इसलिए, यह वह महत्वपूर्ण बात है, जिसे मैं आपको समझाना चाहता हूं."
'हर खतरे से निपटने के लिए सेना थी तैयार'
उन्होंने आगे कहा, "ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह पहली बार है कि एक वायुसेना के तौर पर हम किसी सार्वजनिक मंच पर बोल रहे हैं. जब पहलगाम में हमला हुआ, उसके अगले ही दिन तीनों सेनाओं ने अपने-अपने मुख्यालयों में बैठक की और संभावित विकल्पों पर योजना बनाना शुरू कर दिया. इनमें से कुछ योजनाएं और आकस्मिक योजनाएं हम समय-समय पर तैयार करते रहते हैं. हम उन्हें ऐसी परिस्थितियों के लिए तैयार करते हैं, जब हमें तुरंत प्रतिक्रिया देनी होती है. इस योजना को लेकर 24 अप्रैल को एक उच्च-स्तरीय टीम के सामने प्रेजेंटेशन भी दिया गया था.
तारीख तय होते ही बोल दिया हमला
भारतीय वायुसेना के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि खास बात यह है कि ऑपरेशन सिंदूर को प्रभावी तरीके से अंजाम देने के लिए तीनों सेनाओं के अपने—अपने लक्ष्यों को तय किया और 29 अप्रैल के आसपास सामरिक योजना पर अमल शुरू हो गई थी. बस तारीख और समय तय करना बाकी था, जो अंततः 5 मई को तय हुआ. जैसा कि आप भली-भांति जानते हैं. 6, 7 और 9 तारीख को हमने लक्ष्यों पर हमला किया.
एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी ने कहा कि नई दिल्ली के शीर्ष निर्देशों के तीन स्पष्ट उद्देश्य थे. एक्शन प्रभावी और सीधे लक्ष्य पर होनी चाहिए, संदेश भविष्य के हमलों के विरुद्ध प्रतिरोधक ताकत के रूप में काम करने चाहिए और सशस्त्र बलों को पूर्ण परिचालन स्वतंत्रता प्राप्त होनी चाहिए. साथ ही पूर्ण पैमाने पर पारंपरिक संघर्ष में संभावित वृद्धि के लिए तैयार रहना चाहिए.
समझौते के लिए घुटनों पर आया पाकिस्तान
पाकिस्तानी आतंकवादियों हमले के विरुद्ध भारत का 'ऑपरेशन सिंदूर' 7 मई की सुबह आतंकवादी ढांचे पर 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत सटीक हमले से शुरू हुआ था. भारतीय कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया. भारतीय सेना ने कई पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों पर भीषण जवाबी हमला किया. चार दिनों तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद, भारत और पाकिस्तान 10 मई को संघर्ष समाप्त करने के लिए एक समझौते पर पहुंचे.
क्रांतिकारी बदलाव साबित होगा सुदर्शन चक्र - राजनाथ सिंह
इससे पहले, 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बोलते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वायु रक्षा कवच में किसी भी दुश्मन के खतरे से निपटने के लिए सुरक्षात्मक और आक्रामक, दोनों तरह के तत्व शामिल होंगे. उन्होंने कहा, "जैसा कि हमने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देखा, आज के युद्धों में वायु रक्षा क्षमता का महत्व काफी बढ़ गया है. ऐसे में, सुदर्शन चक्र मिशन निश्चित रूप से एक क्रांतिकारी बदलाव साबित होगा."
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के दिन अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस महत्वाकांक्षी वायु रक्षा परियोजना की घोषणा की थी. यह घोषणा पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर द्वारा कथित तौर पर भविष्य में दोनों देशों के बीच किसी भी सैन्य टकराव की स्थिति में सीमा पर भारतीय संपत्तियों को निशाना बनाने के संकेत देने के कुछ दिनों बाद हुई है.