बाढ़ राहत के पैसों से मुरीदके के मरकज तैयबा को फिर से बना रहा पाकिस्तान? OP सिंदूर में हुआ था बर्बाद
Lashkar-e-Taiba: पाकिस्तान सरकार ने मई में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नष्ट किए गए लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के ठिकानों के पुनर्निर्माण के लिए सार्वजनिक रूप से वित्तीय सहायता देने का वादा किया था. अब बाढ़ के पैसों से इसे दोबारा बनाया जा रहा है, जिससे आतकंवादियों को पनाह मिल सके.

Lashkar-e-Taiba: भारतीय सेना ने 7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के पंजाब स्थित मुरीदके मुख्यालय मरकज तैयबा को ध्वस्त कर दिया था. अब पाकिस्तान बाढ़ के नाम पर विदेशों से आ रही राहत राशि को इसके पुननिर्माण में खर्च कर रहा है. इसकी बहुत सी तस्वीरें सामने आई हैं.
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार ने इस पुनर्निर्माण कार्य में वित्तीय सहायता प्रदान की है, जिसमें बाढ़ राहत और भूकंप सहायता के लिए आवंटित धन का भी दुरुपयोग किया गया है. LeT के प्रमुख प्रशिक्षक मौलाना अबूजर और ऑपरेशनल कमांडर यूनुस शाह भुखारी की देखरेख में मरकज तैयबा का पुनर्निर्माण किया जा रहा है.
बाढ़ के पैसे का गलत इस्तेमाल
पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकानों को दोबारा बसाने के लिए मरकज तैयबा को फिर से बनाया जा रहा है. इस पुनर्निर्माण का उद्देश्य 5 फरवरी 2026 तक इसे पूरा करना है. क्योंकि उस दिन वार्षिक जिहादी सभा का आयोजन होने वाला है, जो कि मरकज तैयबा में ही आयोजित करने का प्लान है.
कई वीडियो आए सामने
मरकज तैयबा के दोबारा निर्माण के वीडियो भी सामने आए हैं. मलबे को हटाया जा रहा है और भारी मशीन को तैनात किया गया. 4 सितंबर को उम्म-उल-कुरा का पीला ब्लॉक धूल में मिल गया. यह इस्लामाबाद ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तबाह हुए मरकज को सार्वजनिक रूप से वित्तीय सहायता देने का वादा किया था.
पाकिस्तान सरकार ने अगस्त में LeT को मरकज के लिए 4 करोड़ पाकिस्तानी रुपये (लगभग 1.25 करोड़ रुपये) प्रदान किए थे. इन ठिकानों की बहाली की कुल लागत 15 करोड़ पाकिस्तानी रुपये (लगभग 4.7 करोड़ रुपये) से अधिक हो सकती है.
ऑपरेशन सिंदूर में कई ठिकानों तबाह
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को आतंकी हमला हुआ. इस दौरान 26 पर्यटकों को आतंकवादियों ने निशाना बनाया. ऑपरेशन का बदला लेने के लिए भारत ने 7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर चलाया और कई आतंकी ठिकानों पर हमला बोला. ऑपरेशन सिंदूर के तहत मुरिदके स्थित मरकज तैयबा को निशाना बनाकर उसे पूरी तरह से नष्ट कर दिया था.
इस हमले में कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन के कैंप भी शामिल थे. अब संगठन ने पाकिस्तान सरकार की सहायता से अपनी गतिविधियों को फिर से शुरू किया है. इससे यह स्पष्ट होता है आतंकी संगठनों को वित्तीय और अन्य सहायता प्रदान करता है.