नेपाल में Gen Z आंदोलन में फूट, नेतृत्व विवाद को लेकर दो गुटों में मारपीट, सेना मुख्यालय बना अखाड़ा
नेपाल में Gen Z प्रदर्शनकारियों के बीच नेतृत्व विवाद अब खुलकर सामने आ गया है. इसको लेकर काठमांडू स्थित सेना मुख्यालय के बाहर दो गुटों के बीच झड़प होने की सूचना है. बालेन शाह और सुशीला कार्की के समर्थक गुटों में प्रदर्शनकारियों का बंटने इस आंदोलन की छवि को धक्का लगा है. दूसरी तरफ कुछ नेता बैकडोर से इस आंदोलन में कमजोर करने में जुट गए हैं.;
नेपाल में हाल ही में उभरे Gen Z आंदोलन ने देश की राजनीतिक अस्थिरता के बीच युवाओं को सड़क पर उतार दिया, लेकिन आंदोलन अब आंतरिक कलह का शिकार होता दिख रहा है. भद्रकाली स्थित सेना मुख्यालय के बाहर 11 सितंबर को प्रदर्शन करने पहुंचे दो गुटों के बीच नेतृत्व विवाद को लेकर हाथापाई हो गई, जिससे इलाके में हालात बिगड़ गए. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार दोपहर पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की और काठमांडू के मेयर बालेन शाह के समर्थक सेना परिसर के बाहर आपस में भिड़ गए. सेना मुख्यालय के बाहर एक समूह अपने नेता को आंदोलन का चेहरा बनाने की मांग कर रहा था?. जबकि दूसरे गुट ने इसे खारिज करते हुए सामूहिक नेतृत्व पर जोर दिया. इसी बहस के दौरान दोनों पक्षों में तीखी नोकझोंक शुरू हो गई, जो देखते-देखते हाथापाई में बदल गई.
दूसरी तरफ, सेना मुख्यालय के सामने कुछ प्रदर्शनकारी भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और बेरोजगारी की व्यापक शिकायतों के बाद नेतृत्व के सवाल पर तीखी बहस करते देखे गए. फिलहाल, मीडिया रिपोर्टिंग के जरिए इस घटना की एक तस्वीर सामने आई है. तस्वीर में दोनों गुटों के प्रदर्शनकारी सेना मुख्यालय के बाहर आपस में ही प्रदर्शन करते हुए दिखाई दे रहे हैं. इस तस्वीर की अभी किसी ने पुष्टि नहीं की है.
सेना मुख्यालय इलाके में तनाव
रिपोर्ट के अनुसार नेपाली सेना मुख्यालय के सामने मुख्य सड़क पर तब झड़प शुरू हुई जब युवाओं के एक समूह ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश कार्की के अंतरिम प्रधानमंत्री बनने के विरोध में नारे लगाए. इसके बाद सुशीला कार्की के समर्थक और काठमांडू के मेयर बालेन शाह का समर्थन करने वाले लोग मारपीट पर उतर आए. इस बीच धरान के मेयर हरका संपांग के साथ एक छोटा समूह भी इस झड़प में शामिल हो गया. नारेबाजी के साथ यह झड़प जल्द ही हाथापाई और गिरोह-नुमा झगड़ों में बदल गई, जिसकी वजह से क्षेत्र में अशांत क्षेत्र में तब्दील हो गया.
पुलिस-सेना के दखल से मामला हुआ शांत
रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि जैसे-जैसे झड़पें फैलती गईं, नेपाली सेना के जवान स्थिति को नियंत्रण करते हुए दिखाई दिए. इस दौरान कई प्रदर्शनकारी चोटिल भी हुए. सुरक्षा बलों ने हालात काबू में करने के लिए इलाके में अतिरिक्त जवान तैनात कर दिए हैं. इससे पहले, एक सैन्य प्रवक्ता ने न्यूज एजेंसी को को बताया कि सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिगडेल ने बुधवार को प्रमुख हस्तियों और 'जनरेशन जेड' के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की थी.
आंतरिक फूट बड़ा झटका
Gen Z आंदोलन का नेतृत्व करने को लेकर गुटबाजी ने आंदोलन की एकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. विश्लेषकों का मानना है कि यदि यह कलह बढ़ती रही तो आंदोलन कमजोर पड़ सकता है. सरकार के लिए राहत की स्थिति बन जाएगी. जनरल जेड (Gen Z) प्रदर्शनकारियों का यह आंदोलन राजनीतिक नेतृत्व में पारदर्शिता, रोजगार के अवसर और भ्रष्टाचार खत्म करने की मांग को लेकर शुरू हुआ था. युवाओं का कहना है कि पुरानी राजनीतिक जमातें देश को अस्थिरता से बाहर नहीं निकाल पा रही हैं, इसलिए नई पीढ़ी को आगे आने की जरूरत है. बता दें कि भ्रष्टाचार के विरोध में शुरू हुए प्रदर्शनों में अब तक हिंसक कार्रवाई में कम से कम 19 लोग मारे जा चुके हैं. सूचना ये भी है कि आंदोलन के दौरान देश भर की जेलों से 13,500 से ज्यादा कैदी भागने में कामयाब रहे.