कब थमेगा यह सिलसिला! बांग्लादेश में फिर मॉब लिंचिंग, दीपू चंद्र दास के बाद अब अमृत मंडल की पीट-पीटकर हत्या; सुरक्षा पर उठे सवाल
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंता और गहरी हो गई है. राजबाड़ी जिले में अमृत मंडल उर्फ सम्राट की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. यह घटना मयमनसिंह में हिंदू युवक दीपु चंद्र दास की लिंचिंग के कुछ ही दिनों बाद सामने आई है. पुलिस के अनुसार, अमृत मंडल पर पहले से आपराधिक मामले दर्ज थे और वह कथित रूप से रंगदारी वसूलने गया था, जिसके बाद गुस्साई भीड़ ने हमला कर दिया. लगातार हो रही ऐसी घटनाओं ने बांग्लादेश में कानून-व्यवस्था और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.;
Amrit Mandal Mob lynching in Bangladesh: बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. मयमनसिंह जिले में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की लिंचिंग के बाद अब राजबाड़ी जिले में अमृत मंडल उर्फ सम्राट की भी भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई है. यह घटना ऐसे समय सामने आई है जब देश पहले से ही राजनीतिक अस्थिरता और सामाजिक तनाव के दौर से गुजर रहा है.
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पुलिस के मुताबिक, सूचना मिलने के बाद जब टीम मौके पर पहुंची तो अमृत मंडल गंभीर रूप से घायल अवस्था में मिला. उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए राजबाड़ी सदर अस्पताल के मुर्दाघर में भेज दिया गया.
आपराधिक आरोप और स्थानीय लोगों का दावा
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अमृत मंडल के खिलाफ पांग्शा पुलिस स्टेशन में पहले से ही कम से कम दो आपराधिक मामले दर्ज थे, जिनमें एक हत्या का मामला भी शामिल था. स्थानीय लोगों का दावा है कि सम्राट ने एक आपराधिक गिरोह बना रखा था और लंबे समय से वसूली तथा अन्य अवैध गतिविधियों में शामिल था. बताया जा रहा है कि वह काफी समय तक भारत में छिपा हुआ था और हाल ही में बांग्लादेश लौटा था. लौटने के बाद उसने गांव के निवासी शाहिदुल इस्लाम से कथित तौर पर रंगदारी की मांग की थी.
कैसे भड़की हिंसा?
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, बीती रात सम्राट अपने साथियों के साथ शाहिदुल इस्लाम के घर रंगदारी वसूलने पहुंचा. इसी दौरान घर में मौजूद लोगों ने 'चोर-चोर' का शोर मचाया. आवाज सुनते ही आसपास के लोग मौके पर इकट्ठा हो गए और गुस्साई भीड़ ने सम्राट की जमकर पिटाई कर दी. इस हिंसा के दौरान उसके कुछ साथी मौके से फरार हो गए, जबकि एक सहयोगी मोहम्मद सलीम को लोगों ने पकड़ लिया. पुलिस ने सलीम के पास से एक पिस्तौल और एक सिंगल-शूटर बंदूक बरामद की है.
दीपू चंद्र दास की हत्या के बाद बढ़ी चिंता
यह घटना ऐसे समय हुई है, जब कुछ दिन पहले ही मयमनसिंह जिले में हिंदू युवक दीपु चंद्र दास को कथित ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था और बाद में उसका शव जला दिया गया था. उस घटना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारी आलोचना को जन्म दिया था.
अंतरिम सरकार की प्रतिक्रिया
मयमनसिंह लिंचिंग पर मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, “हम मयमनसिंह में एक हिंदू व्यक्ति की लिंचिंग की पूरी तरह निंदा करते हैं. नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है. इस जघन्य अपराध के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.” हालांकि, लगातार हो रही ऐसी घटनाओं ने अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदू समुदाय, की सुरक्षा को लेकर चिंताएं और गहरा दी हैं.
बढ़ता असंतोष और असुरक्षा का माहौल
लगातार दूसरी मॉब लिंचिंग की घटना सामने आने से साफ है कि बांग्लादेश में कानून-व्यवस्था और सामाजिक ताने-बाने पर दबाव बढ़ रहा है. धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ-साथ मीडिया संस्थानों पर हमलों को लेकर भी चिंता जताई जा रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि सरकार ने समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए, तो हालात और गंभीर हो सकते हैं.