बांग्लादेश में हालात बेकाबू! उस्मान हादी की मौत के बाद ढाका में हिंसा और आगजनी, हिंदू और मीडिया निशाने पर- TOP UPDATES
बांग्लादेश में कट्टरपंथी छात्र नेता उस्मान हादी की मौत के बाद देशभर में हिंसक प्रदर्शन भड़क उठे हैं. राजधानी ढाका में मीडिया दफ्तरों पर हमले, अल्पसंख्यकों पर हिंसा और आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं. हालात की गंभीरता को देखते हुए अमेरिका ने सुरक्षा एडवाइजरी जारी की है, जबकि भारत में बांग्लादेश हाई कमीशन की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. भारत के राजनीतिक नेताओं ने चिंता जताई है. वहीं, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है.;
Bangladesh Violence: बांग्लादेश इस वक्त गंभीर राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है. कट्टरपंथी छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद देशभर में भड़के विरोध-प्रदर्शन अब हिंसक रूप ले चुके हैं. राजधानी ढाका से लेकर अन्य शहरों तक अल्पसंख्यकों पर हमले, मीडिया संस्थानों में आगजनी और भारत विरोधी नारेबाजी ने हालात को और संवेदनशील बना दिया है. इस पूरे घटनाक्रम पर भारत समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें टिकी हुई हैं.
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पवन कल्याण ने जताया शोक, अल्पसंख्यकों पर हिंसा की निंदा
आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने ढाका में मारे गए दीपू चंद्र दास की मौत पर गहरा दुख जताया. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर उन्होंने लिखा कि इतिहास बलिदान को याद रखता है, लेकिन यह दुखद है कि जिस भूमि को भारतीयों के खून से आज़ादी मिली, वहीं आज निर्दोष अल्पसंख्यकों की हत्या हो रही है. उन्होंने अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की कड़ी निंदा की.
कोलकाता पुलिस अलर्ट, भारत में बढ़ाई गई सतर्कता
बांग्लादेश के हालात को देखते हुए कोलकाता पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है. पुलिस कमिश्नर मनोज वर्मा ने बताया कि सभी थानों को सतर्क कर दिया गया है और क्रिसमस व न्यू ईयर को देखते हुए गश्त और निगरानी बढ़ा दी गई है. वहीं, नई दिल्ली स्थित बांग्लादेश हाई कमीशन के बाहर भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
US Embassy की एडवाइजरी, भारत में चिंता
ढाका स्थित अमेरिकी दूतावास ने अपने नागरिकों के लिए देशव्यापी सुरक्षा एडवाइजरी जारी की है. इसमें बड़े जमावड़ों और प्रदर्शन स्थलों से दूर रहने की सलाह दी गई है. यह एडवाइजरी उस समय आई है, जब उस्मान हादी का पार्थिव शरीर सिंगापुर से ढाका लाया गया है और अंतिम संस्कार से पहले प्रार्थना सभाओं और प्रदर्शनों की घोषणा की गई है.
उस्मान हादी का पार्थिव शरीर ढाका पहुंचा
युवा नेता उस्मान हादी के शव के ढाका पहुंचते ही हालात और तनावपूर्ण हो गए. शनिवार दोपहर 2:30 बजे संसद भवन परिसर के साउथ प्लाज़ा में उनकी प्रार्थना सभा आयोजित की जानी है. प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से बैग, भारी सामान और ड्रोन ले जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया है.
मीडिया पर हमले, लोकतंत्र पर चोट
प्रदर्शनकारियों ने ढाका में प्रमुख अखबार प्रोथोम आलो और डेली स्टार के दफ्तरों में तोड़फोड़ और आगजनी की. हालात इतने बिगड़ गए कि दोनों अखबारों का प्रिंट संस्करण प्रकाशित नहीं हो सका और ऑनलाइन सेवाएं भी ठप हो गईं. एक पत्रकार ने जलते दफ्तर में फंसे होने का भयावह अनुभव सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया.
अंतरिम सरकार का बयान
मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने मयमनसिंह में एक हिंदू व्यक्ति की lynching की कड़ी निंदा की है. सरकार ने कहा कि ‘न्यू बांग्लादेश’ में सांप्रदायिक नफरत और भीड़ की हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. साथ ही आगजनी और अराजकता फैलाने वालों को सख्त चेतावनी दी गई है.
भारत में राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बांग्लादेश में भारत विरोधी बयानों पर चिंता जताते हुए कहा कि 1971 में भारत की भूमिका को नजरअंदाज कर भारत विरोधी माहौल बनाना बेहद खतरनाक है. वहीं,भाजपा नेता अमित मालवीय ने इसे इस्लामिक कट्टरपंथ से जुड़ी हिंसा करार देते हुए पश्चिम बंगाल की स्थिति से तुलना की.
‘युद्ध’ की धमकी और समुद्री तनाव
नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) ने भारत से उस्मान हादी के कथित हत्यारों को सौंपने की मांग करते हुए खुद को 'भारत के खिलाफ युद्ध की स्थिति' में बताया है. इसी बीच बंगाल की खाड़ी में बांग्लादेशी मछली पकड़ने वाली नौकाओं के भारतीय जलक्षेत्र में प्रवेश की घटनाओं ने समुद्री तनाव भी बढ़ा दिया है.
ढाका में जारी हिंसा सिर्फ बांग्लादेश की आंतरिक समस्या नहीं रह गई है, बल्कि इसका असर भारत-बांग्लादेश संबंधों, क्षेत्रीय सुरक्षा और लोकतांत्रिक मूल्यों पर भी पड़ता दिख रहा है. आने वाले दिनों में हालात किस दिशा में जाएंगे, इस पर पूरी दुनिया की नजर बनी हुई है.