लंदन में बैठकर 4 साल तक यूपी सरकार से सैलरी ले रहा था मौलाना, 3-4 बार गया था पाकिस्तान; एटीएस ने कैसे किया खुलासा?

आजमगढ़ जिले में मदरसा शिक्षक के रूप में तैनात एक मौलाना द्वारा लंदन की नागरिकता लेने के बावजूद चार साल तक यूपी सरकार से वेतन लेता रहा. मामले गरमाने के बाद अब 4 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है. मौलाना ने साल 2013 में भारतीय नागरिकता छोड़ दी थी.;

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उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में मदरसा शिक्षक के रूप में तैनात एक मौलाना द्वारा लंदन की नागरिकता लेने के बावजूद चार साल तक वेतन लेने का मामला बड़ा रूप ले चुका है. सरकार ने इसे गंभीर अनियमितता मानते हुए तत्काल प्रभाव से उस अवधि में तैनात चार जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. मामले में एटीएस की रिपोर्ट ने इसे और संवेदनशील बना दिया है, जिसमें मौलाना की संदिग्ध गतिविधियों और पाकिस्तान सहित कई देशों की लगातार यात्राओं का उल्लेख है.

संत कबीर नगर के खलीलाबाद निवासी मौलाना शमशुल हुदा खान ने 2013 में भारतीय नागरिकता छोड़कर लंदन की नागरिकता ले ली थी, परंतु इसके बावजूद वह मदरसा प्रबंधन और विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से जुलाई 2017 तक वेतन, पेंशन और GPF तक लेता रहा. अब इस बड़े घोटाले में सरकार ने विभागीय स्तर पर कठोर कार्रवाई शुरू कर दी है.

4 अधिकारियों पर गिरी गाज

शेषनाथ पांडे- ज्वाइंट डायरेक्टर, अल्पसंख्यक कल्याण

साहित्य निकश सिंह- जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, गाजियाबाद

प्रभात कुमार- जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, अमेठी

लालमन- जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, बरेली

ये सभी 2014 से 2017 के बीच आजमगढ़ में तैनात थे, जब मौलाना शमशुल हुदा को लगातार वेतन मिलता रहा.

लंदन की नागरिकता लेने के बाद भी 4 साल तक वेतन

मौलाना शमशुल हुदा खान मदरसा अशरफिया मिस्बाह-उल-उलूम में शिक्षक थे. 19 दिसंबर 2013 को उन्होंने भारत की नागरिकता छोड़कर लंदन की नागरिकता ले ली. इसके बावजूद जुलाई 2017 तक वेतन लेते रहे वीआरएस लेकर उन्होंने पेंशन और GPF भी हासिल कर लिया. जब मामला प्रकाश में आया तो जनवरी 2022 में ADM प्रशासन आजमगढ़ ने 16.59 लाख रुपये की रिकवरी का आदेश जारी किया था.

एटीएस की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे

यूपी एटीएस की वाराणसी यूनिट की रिपोर्ट ने मामले को और गंभीर बना दिया है। रिपोर्ट में कहा गया मौलाना ने शिक्षक रहते हुए ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, सिंगापुर, श्रीलंका सहित कई देशों की यात्रा की. मौलाना 3 से 4 बार पाकिस्तान भी गया. पाकिस्तान और कश्मीर के कई लोगों से उसके संपर्क मिले. रिपोर्ट में कहा गया कि उसकी गतिविधियां संदिग्ध पाई गईं. इसी आधार पर संत कबीरनगर जिला पुलिस ने मौलाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई.

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