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कौन हैं बिजनौर डीएम जसजीत कौर? जिनके खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जारी किया जमानती वारंट

विक्रम सिंह धनगर ने अदालत से आग्रह किया था कि उनके जाति प्रमाण पत्र को निरस्त करने का प्रशासनिक आदेश कानून के अनुसार नहीं था.

कौन हैं  बिजनौर डीएम जसजीत कौर? जिनके खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जारी किया जमानती वारंट
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( Image Source:  X : DistrictMagistrate )
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Updated on: 22 Nov 2025 8:20 AM IST

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले की जिलाधिकारी (डीएम) जसजीत कौर के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है. यह फैसला जस्टिस मनीष कुमार की अदालत ने तब दिया, जब डीएम कई बार बुलाए जाने के बावजूद कोर्ट में पेश नहीं हुईं. कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए बिजनौर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) को आदेश दिया है कि वह डीएम जसजीत कौर को हर हाल में 5 जनवरी 2026 को अदालत में पेश करें.

लखनऊ बेंच ने यह कड़ा कदम इसलिए उठाया क्योंकि डीएम ने कोर्ट के पहले दिए गए निर्देशों का पालन नहीं किया था. वह लगातार नोटिस और तलब के बावजूद व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित नहीं हुईं. यह मामला बिजनौर जिले के धामपुर कस्बे के रहने वाले विक्रम सिंह धनगर से जुड़ा है, जिन्होंने अपनी जाति धनगर से संबंधित प्रमाण पत्र को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की थी.

मामलों पर अनदेखी

विक्रम सिंह धनगर ने अदालत से आग्रह किया था कि उनके जाति प्रमाण पत्र को निरस्त करने का प्रशासनिक आदेश कानून के अनुसार नहीं था. इस पर कोर्ट ने पहले ही डीएम बिजनौर को निर्देश दिया था कि वे सुप्रीम कोर्ट के पुराने आदेशों और समाज कल्याण विभाग की विजिलेंस जांच रिपोर्ट के आधार पर उचित निर्णय लें. लेकिन डीएम जसजीत कौर ने इन दिशा-निर्देशों की अनदेखी करते हुए रिटायरमेंट से मात्र आठ दिन पहले विक्रम सिंह धनगर का जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिया.

फैसले को चुनौती

जब विक्रम सिंह ने डीएम के इस फैसले को चुनौती दी, तब मामला दोबारा हाई कोर्ट के सामने आया. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने डीएम को स्वयं उपस्थित होकर हलफनामा दाखिल करने को कहा था, लेकिन निर्धारित तारीखों पर डीएम स्वयं अदालत में नहीं आईं. उनकी तरफ से सिर्फ जिला समाज कल्याण अधिकारी उपस्थित होते रहे. इससे जस्टिस मनीष कुमार ने नाराजगी जताई और माना कि जिलाधिकारी जानबूझकर न्यायालय के निर्देशों की अवहेलना कर रही हैं.

जारी किया जमानती वारंट

स्टैडिंग काउंसिल से जब कोर्ट ने पूछा कि क्या डीएम ने कोई जवाब या हलफनामा दाखिल किया है, तो उन्हें बताया गया कि अब तक ऐसा कुछ नहीं हुआ है. इस पर अदालत ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए जमानती वारंट जारी कर दिया और सीजेएम बिजनौर को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि अगली सुनवाई की तारीख यानी 5 जनवरी 2026 को डीएम कोर्ट में हाजिर हों.

कौन हैं आईएएस जसजीत कौर

जसजीत कौर 2012 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की अधिकारी हैं. उनका मूल निवास पंजाब के अमृतसर में है. उनका जन्म 14 अक्टूबर 1984 को हुआ था. उन्होंने गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर से अर्थशास्त्र में बीएससी की डिग्री ली और उसके बाद यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास से कंप्यूटर साइंस में स्नातकोत्तर (PG) किया. वर्तमान में वे बिजनौर की डीएम के पद पर कार्यरत हैं. इससे पहले वे मेरठ में भी तैनात रह चुकी हैं और अपने प्रशासनिक कार्यों के लिए कई बार चर्चा में रही हैं.

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