कानपुर में Barawafat जुलूस के दौरान 'I Love Muhammad' बोर्ड से पैदा हुआ तनाव, 24 लोगों पर FIR दर्ज; अब तक क्या-क्या हुआ?

कानपुर के सैयद नगर इलाके में बारावफात (पैगंबर मुहम्मद के जन्मोत्सव) के अवसर पर एक लाइट बोर्ड 'I LOVE MUHAMMAD' लगाने से सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया. पुलिस ने इसे 'शत्रुता बढ़ाने' और साम्प्रदायिक सौहार्द भंग करने की कोशिश बताया और FIR दर्ज की. पुलिस के अनुसार, मोहल्ला सैयद नगर में जाफर वाली गली के सामने लगाया गया यह बोर्ड मुस्लिम समुदाय की ओर से 'नई परंपरा' शुरू करने का deliberate प्रयास था. यूपी सरकार के निर्देशों के अनुसार धार्मिक जुलूसों के दौरान पारंपरिक मार्ग और रिवाजों का पालन अनिवार्य होता है.;

( Image Source:  Sora_ AI )
Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 18 Sept 2025 10:01 PM IST

I Love Muhammad Board Controversy Kanpur: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में  बारावफात उत्सव (पैगंबर मुहम्मद का जन्मोत्सव) के दौरान सार्वजनिक सड़क पर बोर्ड और टेंट लगाकर सांप्रदायिक सौहार्द भंग करने के आरोप में दो दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. पुलिस के अनुसार, यह मामला 9 सितंबर को Syed Nagar क्षेत्र में Rawatpur थाने में दर्ज किया गया. इसमें नौ नामजद और 15 अज्ञात व्यक्तियों को शामिल किया गया, जिन्होंने कथित तौर पर 'I Love Muhammed' लिखे बोर्ड लगाए और सड़क पर टेंट खड़ा किया. इस पर हिंदू संगठनों ने आपत्ति जताई और इसे 'नई प्रवृत्ति' व जानबूझकर उत्तेजना का प्रयास बताया.

डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (वेस्ट) दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने यह बोर्ड और टेंट उस गेट के पास लगाए, जहां से राम नवमी का जुलूस निकलती है. पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की कि सार्वजनिक सड़कों पर नई गतिविधियां अनुमति नहीं हैं, लेकिन शुरुआती प्रयास असफल रहे. इसके बाद पुलिस ने बोर्ड और टेंट को हटा कर शांति बहाल की.

FIR में शराफत हुसैन, बाबू अली, मोहम्मद सिराज, रहमान, इकराम अहमद, इकबाल, बंटी, कुनू ‘कबड्डी’ और सहनूर आलम के नाम शामिल हैं, साथ ही दो वाहन चालक और 15 अज्ञात लोग भी आरोपी बताए गए. पुलिस ने कहा कि CCTV फुटेज से उनकी भूमिका साबित हुई है.

'जानबूझकर शांति भंग करने का किया गया प्रयास'

Rawatpur के SHO K K मिश्रा ने कहा कि यह एक 'जानबूझकर शांति भंग करने का प्रयास' था. फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तलाशी जारी है.

कानपुर Barawafat जुलूस विवाद: कब क्या हुआ?

  • 4 सितंबर: मोहल्ला सैयद नगर, Rawatpur में Barawafat जुलूस की तैयारियों के दौरान एक लाइट बोर्ड लगाया गया, जिस पर लिखा था- I LOVE MUHAMMED. स्थानीय हिन्दू समुदाय ने इस पर विरोध जताया, जबकि मुस्लिम समुदाय ने बोर्ड को बरकरार रखने की कोशिश की. वरिष्ठ अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद दोनों समुदायों को अलग किया गया. बोर्ड को हटाकर सुरक्षित स्थान पर रखा गया ताकि साम्प्रदायिक तनाव को कम किया जा सके.
  • 5 सितंबर: जुलूस के दौरान कुछ अज्ञात मुस्लिम युवाओं ने हिन्दू समुदाय के धार्मिक पोस्टरों को स्टिक से नुकसान पहुंचाया. यह घटना इलाके में अतिरिक्त तनाव का कारण बनी.
  • 10 सितंबर: पुलिस ने CCTV और वीडियो फुटेज के आधार पर 24 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की. इसमें 9 नामजद और 15 अज्ञात लोग शामिल हैं. FIR में आरोप हैं- धर्म, जाति और क्षेत्र के आधार पर शत्रुता फैलाना (Section 196 BNS) और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना (Section 299 BNS).
  • आरोपी और आयोजक: FIR में शराफत हुसैन, सबनूर आलम, बाबू अली, मोहम्मद सिराज, फ़ज़ू रहमान, इक़राम अहमद और इ़क़बाल के नाम शामिल हैं.
  • पुलिस का बयान: अतिरिक्त उप पुलिस आयुक्त कपिल देव सिंह ने कहा कि FIR इसलिए दर्ज की गई क्योंकि जुलूस में नई प्रथाएं (बोर्ड और पोस्टर) लागू करने की कोशिश की गई, जिससे साम्प्रदायिक शांति को खतरा पैदा हुआ.

Rawatpur में हुई यह घटना दर्शाती है कि धार्मिक जुलूस में छोटे बदलाव भी बड़े साम्प्रदायिक तनाव का कारण बन सकते हैं. प्रशासन की समय पर कार्रवाई ने बड़े हिंसक संघर्ष को टाल दिया, लेकिन FIR और जांच अभी जारी हैं.

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