हरदोई के चाइल्ड हॉस्पिटल में लगी भीषण आग, सीढ़ी लगाकर मरीजों को किया गया रेस्क्यू; लोगों ने भागकर बचाई जान-VIDEO
उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में स्थित कीर्ति कृष्णा चाइल्ड हॉस्पिटल में बुधवार को भीषण आग लग गई, जिससे अफरातफरी मच गई. आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है. घटना की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. सीढ़ियों के जरिए मरीजों और तीमारदारों को सुरक्षित बाहर निकाला गया. अस्पताल में भर्ती छोटे बच्चों को भी सुरक्षित निकाल लिया गया। गनीमत रही कि किसी की जान नहीं गई.;
Children’s hospital fire Hardoi: उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में बुधवार को एक बड़ा हादसा टल गया, जब कीर्ति कृष्णा चाइल्ड हॉस्पिटल में अचानक भीषण आग लग गई। घटना शहर कोतवाली क्षेत्र के नघेटा रोड स्थित अस्पताल की है, जहां आग लगते ही पूरे परिसर में हड़कंप मच गया. मरीजों और तीमारदारों में अफरातफरी फैल गई, खासतौर पर इसलिए क्योंकि यह अस्पताल बच्चों का था और वहां कई छोटे मरीज भर्ती थे.
अस्पताल स्टाफ ने बिना देरी किए पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी, जिसके बाद दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाने का प्रयास शुरू किया. स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन भी चलाया गया, जिसमें मरीजों और उनके परिजनों को सुरक्षित बाहर निकाला गया.
शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी आग
फायर ब्रिगेड की टीम ने सीढ़ियों की मदद से दूसरी मंजिल पर फंसे लोगों को निकाला. बताया गया कि आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट है, संभवतः बेसमेंट में लगी बैटरी के ब्लास्ट से यह हादसा हुआ. जैसे ही अस्पताल के विभिन्न हिस्सों में धुआं फैलना शुरू हुआ, लोगों ने इधर-उधर भागकर अपनी जान बचाई.
प्रत्यशदर्शियों ने आग लगने की घटना पर क्या कहा?
हुसैनपुर सहोरा की निवासी नन्हीं देवी ने बताया कि वह एक माह के बच्चे को लेकर अस्पताल आई थीं. आग की सूचना मिलते ही वह बच्चे को गोद में लेकर सीढ़ी के सहारे बाहर निकल आईं. वहीं, अस्पताल संचालक डॉ. सीके गुप्ता की पत्नी अपर्णा गुप्ता ने बताया कि वह ऑफिस में काम कर रही थीं, जब अचानक धुआं भर गया और जानकारी मिली कि आग बेसमेंट से उठी है.
'आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया है '
सीओ सिटी अंकित मिश्रा ने घटनास्थल पर पहुंचकर जानकारी दी कि आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया है और राहत की बात यह है कि किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है. फिलहाल फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीम अंदर जांच और रेस्क्यू अभियान चला रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई मरीज या तीमारदार भीतर न फंसा हो.
इस घटना ने अस्पतालों में सुरक्षा मानकों और इलेक्ट्रिकल सिस्टम की निगरानी की अहमियत को फिर से उजागर कर दिया है. प्रशासन ने मामले में विधिक कार्रवाई शुरू कर दी है और आग लगने के कारणों की विस्तृत जांच जारी है.