अश्लील इशारे, गालीबाज...महक और परी पर संभल पुलिस का एक्शन, SP का ढंग से ट्रीटमेंट कहने का Video Viral
संभल की सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर बहनों, महक और परी को अश्लील इशारे, गाली-गलौज और बच्चों पर बुरा असर डालने वाले वीडियो के चलते पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. ये दोनों बहनें 'महक परी 143' नाम से इंस्टाग्राम पर फॉलोअर्स बढ़ाने के लिए विवादास्पद कंटेंट पोस्ट कर रही थीं.

उत्तर प्रदेश के संभल जिले से सोशल मीडिया पर अश्लीलता फैलाने के एक चौंकाने वाले मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. इंस्टाग्राम पर फॉलोअर्स बढ़ाने के लिए आपत्तिजनक कंटेंट पोस्ट करने वाली दो बहनों महक और परी को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इनके दो अन्य साथियों को भी पुलिस ने दबोचकर जेल भेज दिया है. चारों आरोपी लंबे समय से फरार चल रहे थे और असमोली थाना पुलिस उनकी तलाश में थी.
शहबाजपुर कला गांव की रहने वाली महक और परी ‘महक परी 143’ नाम से इंस्टाग्राम पर सक्रिय थीं. दोनों पिछले छह महीनों में 546 से अधिक पोस्ट कर चुकी थीं, जिनमें से अधिकतर वीडियो अश्लील इशारों, गालियों और आपत्तिजनक संवादों से भरे थे. इनके 4.32 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स थे, और वे खुद भी ऐसे ही 10 अश्लील अकाउंट्स को फॉलो कर रही थीं। गांव के लोगों ने जब इनका कंटेंट देखा तो उन्होंने नाराजगी जताते हुए बच्चों पर इसके दुष्प्रभाव की चिंता जताई और थाने में शिकायत दर्ज कराई.
सोशल मीडिया की अंधी दौड़ में मर्यादा भूलीं महक-परी
महक और परी सोशल मीडिया पर पॉपुलैरिटी पाने के चक्कर में सारी सीमाएं पार कर चुकी थीं. वे न सिर्फ अश्लील डांस वीडियो बनाती थीं, बल्कि लाइव आकर गालियां देकर फॉलोअर्स जुटा रही थीं. इनका मकसद वायरल होना था, लेकिन गांव वालों की नाराजगी ने उनके इस 'इंफ्लुएंसर करियर' की उल्टी गिनती शुरू कर दी.
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा, हटाया जा रहा है आपत्तिजनक कंटेंट
संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि 'गांव वालों की शिकायत के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दोनों बहनों और उनके दो सहयोगियों को गिरफ्तार किया है. इनके खिलाफ आईटी एक्ट और अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है. इनके द्वारा पोस्ट किए गए आपत्तिजनक वीडियो भी सोशल मीडिया से हटवाए जा रहे हैं.'
गिरफ्तारी से पहले हो गए थे फरार, अब सलाखों के पीछे
शिकायत दर्ज होने के बाद जब पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पहुंची तो चारों घर से फरार हो चुके थे. लेकिन लगातार दबिश और तकनीकी निगरानी के बाद पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया. अब चारों को जेल भेज दिया गया है और आगे की जांच जारी है.
ये मामला क्यों है गंभीर?
यह घटना सिर्फ एक सोशल मीडिया विवाद नहीं है, बल्कि यह सवाल खड़ा करती है कि आज के युवा किस हद तक इंटरनेट की प्रसिद्धि के लिए जा रहे हैं. यह मामला इस बात का भी उदाहरण है कि कैसे समाजिक जवाबदेही निभाते हुए ग्रामीणों ने बच्चों के भविष्य को देखते हुए सही कदम उठाया.