पटाखों की आवाज से बेकाबू हुआ हाथी, दशहरा मेले में मची भगदड़, VIDEO वायरल
इस बार राजस्थान के कोटा शहर में दशहरे मैदान में ऐसा नजारा देखने को मिला, जिसने कुछ देर के लिए लोगों की सांसें अटका दीं. जहां एक तरफ लोग रावण दहन देखने और मोबाइल कैमरों में वीडियो बनाने में मशगूल थे. वहीं दूसरी ओर शोभायात्रा के बीच अचानक एक हाथी बेकाबू हो गया. इससे भगदड़ जैसी स्थिति बन गई.;
राजस्थान के कोटा शहर में दशहरा मेला इस बार लोगों के लिए रोमांच और दहशत दोनों लेकर आया. रावण दहन देखने के लिए हजारों लोग मैदान में मौजूद थे, तभी शोभायात्रा में शामिल एक हाथी पटाखों की तेज आवाज से अचानक बेकाबू हो गया. हाथी के बेकाबू होते ही भीड़ में भगदड़ मच गई और लोग इधर-उधर भागने लगे. कुछ देर के लिए दशहरे का उल्लास दहशत में बदल गया.
हालांकि गनीमत रही कि हाथी पर सवार महावत ने तुरंत सूझबूझ दिखाते हुए उसे काबू में कर लिया, जिससे कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ. इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें भगदड़ के बीच लोगों की घबराहट साफ नजर आती है
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पटाखों की आवाज से हाथी हुआ बेकाबू
कोटा के दशहरे मैदान में जब भगवान लक्ष्मी नारायण जी की सवारी शोभायात्रा के साथ पहुंची, तो सब कुछ सामान्य था. लेकिन उसी समय पटाखों की तेज आवाज ने अचानक माहौल बदल दिया. शोभायात्रा में शामिल एक हाथी आवाज से चौंक गया और बेकाबू हो उठा. मैदान में मौजूद लोग इस नजारे को देखकर घबरा गए. कुछ ही पल में लोग इधर-उधर भागने लगे और अफरा-तफरी जैसी स्थिति बन गई.
राहत की सांस, कोई घायल नहीं
हालांकि, हाथी पर बैठे महावत ने तुरंत समझदारी दिखाते हुए जल्द ही स्थिति संभाल ली और हाथी को शांत कर दिया. इसके बाद लोगों में फैली घबराहट धीरे-धीरे खत्म हुई और मेले का माहौल फिर से सामान्य हो गया. इस घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है और खूब देखा जा रहा है.
कोटा शहर का सबसे बड़ा रावण
कोटा शहर की रामलीला दशहरा मेला देशभर में मशहूर है. इस बार यहां रावण का सबसे ऊंचा पुतला तैयार किया गया था, जिसकी ऊंचाई 233 फीट थी. यह अब तक का सबसे बड़ा पुतला माना जा रहा था. रावण दहन के लिए शाम 7.30 बजे का समय तय था. लेकिन तकनीकी गड़बड़ी के चलते सेंसर सिस्टम ने काम करना बंद कर दिया. नतीजा यह हुआ कि हजारों की भीड़ मैदान में मौजूद रही, लेकिन रावण दहन का नजारा देखने के लिए उन्हें इंतजार करना पड़ा.
फायर ब्रिगेड ने संभाला मोर्चा
करीब दो घंटे तक मशक्कत चलती रही. आखिरकार नगर निगम की फायर बिग्रेड टीम और हाइड्रोलिक क्रेन की मदद से रावण के पुतले के अलग-अलग हिस्सों को मैनुअल तरीके से जलाया गया. धीरे-धीरे रावण दहन की प्रक्रिया पूरी हुई और देर रात तक यह विशाल पुतला आग की लपटों में पूरी तरह जल गया. हजारों की भीड़ ने राहत की सांस ली कि आखिरकार प्रतीक्षा के बाद रावण दहन संपन्न हुआ. हालांकि शुरुआत में हाथी के बेकाबू होने और तकनीकी गड़बड़ी ने दशहरे मेले में थोड़ी अफरा-तफरी जरूर मचाई, लेकिन अंत में त्यौहार का रंग फीका नहीं पड़ा.