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अजमेर में डिप्टी CM दीया कुमारी ने नेशनल म्यूजियम का किया उद्घाटन, जानें क्या है खासियत

Ajmer News: डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने बुधवार को राजकीय संग्रहालय में संरक्षण का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा, म्यूजियम सिर्फ एक इमारत नहीं है, बल्कि हमारी कला, संस्कृति और विरासत का जीवंत केंद्र है. डिप्टी सीएम ने कहा कि हम समय-समय पर इसे अपग्रेड भी करेंगे.

अजमेर में डिप्टी CM दीया कुमारी ने नेशनल म्यूजियम का किया उद्घाटन, जानें क्या है खासियत
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( Image Source:  @KumariDiya )

Ajmer News: राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने बुधवार (1 अक्टूबर) को अजमेर स्थित राजकीय संग्रहालय में संरक्षण का उद्घाटन किया. इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी भी उपस्थित रहे. कार्यक्रम का आयोजन पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग की ओर से किया गया.

म्यूजियम के उद्घाटन समारोह में सिंधु गैलरी का निर्माण, एग्जीबिशन हॉल का विकास और लाइब्रेरी निर्माण जैसे कई काम शामिल हैं. इसमें पर्यटक अजमेर के इतिहास के साथ-साथ सिंधू सभ्यता के बारे में भी जानेंगे. उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित भी किया.

क्या बोलीं दीया कुमारी?

दीया कुमारी ने कहा कि म्यूजियम सिर्फ एक इमारत नहीं है, बल्कि हमारी कला, संस्कृति और विरासत का जीवंत केंद्र है. हमें इसे संरक्षित रखना चाहिए. उन्होंने यह भी बताया कि अजमेर लगातार विकास की ओर बढ़ रहा है और म्यूजियमों को और अधिक आकर्षक व आधुनिक बनाया जा रहा है. डिप्टी सीएम ने कहा कि हम समय-समय पर इसे अपग्रेड भी करेंगे, जिससे पर्यटकों को किसी भी तरह की समस्या न हो.

डिजिटाइजेशन पर जोर

डिप्टी सीएम ने कहा कि म्यूजियम में मौजूद पांडुलिपियों को डिजिटाइजेशन के लिए अगर जरूरत पड़ेगी, तो सरकार और बजट जारी करेगी. साथ ही उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि रेलवे स्टेशन, बस स्टैण्ड और अन्य प्रमुख स्थानों पर म्यूजियमों के साइन बोर्ड लगाए जाएं, जिससे पर्यटकों को आसानी से जानकारी मिल सके.

म्यूजियम की खासियत

  • यह म्यूजियम अकबरी किला परिसर में स्थित है. जिसकी ऐतिहासिक और वास्तुशिल्प दृष्टि से विशेष पहचान है.
  • म्यूजियम की गैलरी में पुरातत्व, कला, हथियार, शिल्प और उद्योग जैसे कई विभाग मौजूद हैं, जिनमें म्यूजियम की विविध विरासत को समेटा गया है.
  • यहां राजपूत व मुगल काल के कवच-शस्त्र, तलवारें, ढाल, कटार आदि कई मध्यकालीन हथियार रखे हुए हैं, जो युद्धों और इतिहास की कहानी बयां करते हैं.
  • मूर्तिकला संग्रह में विष्णु, सूर्य, त्रिमूर्ति, लक्ष्मी-नारायण सहित देवी-देवताओं की शिल्पाएं शामिल हैं, जो कलात्मक दृष्टि से सुंदर और प्राचीन हैं.
  • जैन मूर्तिकला भी म्यूजियम में सबसे खास है, ऋषभदेव, पार्श्वनाथ, महावीर आदि की मूर्तियां, जिन्हें शिल्प और तकनीक दोनों की दृष्टि से उच्च सम्मान प्राप्त है.
  • शिलालेख और ताम्र-पत्र जैसे ऐतिहासिक अभिलेख, जो राजस्थान की सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत को उजागर करते हैं, म्यूजियम में सुरक्षित हालत में रखे गए हैं.
RAJASTHAN NEWS
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