जिंदा रहना है, तो 500 करोड़ दो... रीवा में जज साहिबा को मिला धमकी भरा लेटर, खुद को बताया डकैत का साथी
रीवा जिले की इस घटना ने प्रदेश में सनसनी फैला दी है. एक न्यायाधीश को ही सीधे 500 करोड़ रुपये की फिरौती की धमकी मिलना कानून-व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है. पत्र भेजने वाला आरोपी उत्तर प्रदेश का रहने वाला बताया जा रहा है और उसकी तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही है.;
मध्य प्रदेश में अपराधी कानून से भी नहीं डरते हैं, इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब आम लोग ही नहीं, बल्कि न्याय की कुर्सी पर बैठने वाले जज भी उनके निशाने पर आ गए हैं. रीवा जिले में पदस्थ प्रथम व्यवहार न्यायाधीश मोहिनी भदौरिया को हाल ही में एक ऐसा धमकी भरा पत्र मिला, जिसने पूरे न्यायिक तंत्र को हिलाकर रख दिया है.
पत्र में जान से मारने की धमकी देते हुए 500 करोड़ रुपये की फिरौती की मांग की गई है. इससे सवाल उठता है कि कानून और न्याय की रक्षा करने वाले पद पर बैठे व्यक्ति तक जब अपराधियों की धमकियां पहुंच रही हैं, तो आम जनता की सुरक्षा पर क्या भरोसा रह जाता है?
जज से मांगी 500 करोड़
घटना रीवा जिले के त्योंथर कोर्ट की है. यहां पदस्थ प्रथम व्यवहार न्यायाधीश मोहिनी भदौरिया को डाक से एक पत्र मिला. पहली नज़र में यह आम पत्र जैसा लगा, लेकिन अंदर लिखा गया मैसेज किसी भी व्यक्ति की रूह कंपा देने वाला था. पत्र लिखने वाले ने खुद को कुख्यात डकैत हनुमान गिरोह का साथी बताया और जज साहिबा से सीधे 500 करोड़ रुपये की फिरौती मांग डाली.
तय की गई तारीख और जगह
पत्र में साफ शब्दों में लिखा गया कि जज साहिबा अगर जिंदा रहना चाहती हैं तो उन्हें 500 करोड़ रुपये देने होंगे. रकम सौंपने के लिए 1 सितंबर को शाम 7:45 बजे यूपी-एमपी बॉर्डर पर स्थित बड़गड़ जंगल को जगह तय किया गया था. आरोपी ने यहां तक लिखा कि रकम खुद लेकर आना होगा, वरना जान से हाथ धोना पड़ सकता है.
पुलिस की तफ्तीश और यूपी कनेक्शन
पुलिस की तफ्तीश और यूपी कनेक्शन जज साहिबा ने मामले की शिकायत तुरंत सोहागी थाने में दर्ज कराई. शिकायत मिलते ही पुलिस हरकत में आ गई. जांच में सामने आया कि पत्र प्रयागराज जिले के बारा थाना अंतर्गत लोहगारा निवासी संदीप सिंह नामक व्यक्ति ने लिखा है. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 308 (4) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर लिया है और गिरफ्तारी के लिए टीम यूपी रवाना कर दी गई है. एसपी विवेक सिंह ने बताया कि पत्र रजिस्ट्री के जरिए आया था और इसमें बिना किसी ठोस कारण के भारी-भरकम रकम की मांग की गई थी.
न्यायपालिका पर सीधा हमला या मजाक?
फिरौती की रकम और धमकी का अंदाज़ देखकर सवाल यह भी उठ रहे हैं कि कहीं यह किसी तरह की साजिश या अपरिपक्व मज़ाक तो नहीं. लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस इसे हल्के में लेने को तैयार नहीं है. एसपी ने कहा कि कुछ संदिग्धों की पहचान कर ली गई है और जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.