Sonam Raghuvanshi: राजा की हत्या के अलावा थे कई ऑप्शन, फिर भी पढ़ी-लिखी सोनम ने रचा पति के कत्ल का पूरा चैप्टर!
राजा रघुवंशी मर्डर केस में हर खुलासा चौंकाने वाला है. शादी के महज सात दिन बाद पत्नी सोनम ने पति की हत्या की साजिश रच डाली. शिलांग पुलिस के अनुसार, हत्या के वक्त सोनम मौके पर मौजूद थी. सवाल उठता है कि जब रास्ते कई थे- तलाक, बातचीत, अलगाव तो सोनम ने सबसे खौफनाक रास्ता क्यों चुना? पुलिस अब सभी आरोपियों से गहन पूछताछ कर रही है.;
राजा रघुवंशी की हत्या की जैसे-जैसे परतें खुली, हर खुलासा और चौंकाने वाला साबित हुआ. सबसे बड़ा सवाल यही बना रहा कि आखिर सोनम रघुवंशी, जिसने सात दिन पहले ही राजा से शादी की थी, उसने इतनी जल्दी हत्या की साजिश क्यों रची? पुलिस जांच में यह बात साफ हुई कि सोनम ने ही पूरे हत्याकांड की साजिश रची थी और इस साजिश को उसके प्रेमी राज कुशवाहा ने अंजाम दिया.
शिलांग पुलिस ने खुलासा किया कि हत्या के वक्त सोनम मौके पर मौजूद थी और यह हत्या उसके प्रेमी राज कुशवाहा और अन्य आरोपियों ने मिलकर की. सोनम हत्या के तुरंत बाद इंदौर लौट गई, जिससे उसके इरादों पर और सवाल उठने लगे. अब शिलांग पुलिस सोनम और बाकी आरोपियों से सवाल जवाब करेगी.
विकल्प थे कई, लेकिन सोनम ने चुना सबसे खौफनाक रास्ता
अगर सोनम को शादी से कोई परेशानी थी या वह किसी और से प्रेम करती थी, तो उसके पास कई विकल्प थे. वह अपने पिता से मदद मांग सकती थी, जिन्होंने खुद अपने ऑफिस में राज को नौकरी दी थी. वह ससुराल पक्ष से बात कर सकती थी, जहां से उसे भरपूर प्यार मिल रहा था. सोशल मीडिया पर दिख रही तस्वीरों और वीडियो में सोनम की आवभगत होती दिखती है. वह पढ़ी-लिखी लड़की थी और अपने मन की बात कहने का हक रखती थी. वह चाहती तो परिवार या पति से बात कर अलग हो सकती थी, जिससे न कोई खून होता, न किसी की इज्जत तार-तार होती.
भाग जाती या तलाक ले सकती थी
पुलिस की थ्योरी मानें तो सोनम और राज का प्रेम पहले से चल रहा था. ऐसे में वह पति राजा को तलाक देकर अपने प्रेमी के साथ जीवन शुरू कर सकती थी. आज का समाज पहले जितना कठोर नहीं रहा. तलाक अब असंभव नहीं है और सामाजिक अस्वीकृति भी कमजोर पड़ रही है. भाग जाना भी एक आम विकल्प है, जैसा आजकल के मामलों में देखा जा रहा है. लेकिन सोनम ने इन सभी रास्तों को छोड़कर हत्या जैसा जघन्य और असंवेदनशील कदम उठाया, जिससे न केवल एक जीवन खत्म हुआ बल्कि दो परिवारों की अस्मिता भी. सवाल यही है - आखिर क्यों?
सोनम और उसका फैमिली बैकग्राउंड
24 वर्षीय सोनम रघुवंशी इंदौर के कुशवाह नगर में पली-बढ़ी थी. उसके पिता देवी सिंह रघुवंशी ने गुना से आकर प्लाईवुड का कारोबार शुरू किया और अब उसका बेटा गोविंद इस बिजनेस को गुजरात तक फैला चुका है. सोनम ग्रेजुएट है और उसने भी अपने पिता के कारोबार में सहयोग किया. पिता देवी सिंह का कहना है कि उन्होंने सोनम को काफी नियंत्रण में रखा था. न बाहर जाने की छूट, न ही अजनबियों से बात करने की इजाजत. लेकिन अब यही 'सीधी-सादी' बेटी एक खतरनाक साजिश की मास्टरमाइंड निकली, जिसने अपने पिता के ही कर्मचारी के साथ मिलकर यह सब रचा.
देखो मैं क्या करती हूं...
सोनम और राज कुशवाहा के बीच नजदीकियां तब बढ़ीं जब वह अपने पिता की फैक्ट्री में काम करता था. शुरुआत में दोनों के बीच कामकाज को लेकर ही संवाद हुआ, लेकिन यह रिश्ता जल्दी ही प्रेम में बदल गया. सोनम के बड़े भाई विपिन ने दावा किया कि सोनम ने पहले ही अपनी मां को बता दिया था कि वह राज कुशवाहा से प्रेम करती है और राजा से शादी नहीं करना चाहती. लेकिन मां ने इस रिश्ते पर आपत्ति जताई और उसे पारिवारिक मर्यादाओं के तहत शादी के लिए मजबूर कर दिया. विपिन के अनुसार, सोनम ने मां के इस फैसले से नाराज़ होकर चेतावनी दी थी, ‘तुम देखोगे कि मैं उस व्यक्ति के साथ क्या करती हूं, तुम सभी को परिणाम भुगतने होंगे.’ किसी ने नहीं सोचा था कि यह चेतावनी राजा की हत्या में बदल जाएगी.
कैसे मिले थे राजा-सोनम?
राजा के परिवार से यह रिश्ता समाज की एक परिचय पुस्तिका के जरिए तय हुआ था. राजा, जो कि अपने परिवार के ट्रांसपोर्ट व्यवसाय में लगा हुआ था, तीन भाइयों में सबसे छोटा था. सोनम और राजा रघुवंशी की पहली मुलाकात एक पारंपरिक धार्मिक रस्म के दौरान हुई थी, जो राम नवमी के मौके पर परिवारों के मेल-मिलाप के लिए रखी जाती है. इस रस्म में अलग-अलग परिवार अपने बेटे-बेटियों के बायोडेटा कागज़ के टुकड़ों पर लिखकर एक-दूसरे से साझा करते हैं, और यदि किसी को उपयुक्त जोड़ी मिलती है तो आगे बात बढ़ती है. इसी तरह सोनम और राजा का रिश्ता भी तय हुआ था. दोनों के परिवारों ने एक-दूसरे के बायोडेटा पसंद किए और यह संबंध स्वीकृत हो गया.
कुछ दावों के मुताबिक, यह रिश्ता एक विवाह एप के जरिए भी तय हुआ बताया जा रहा है, हालांकि पुष्टि पारंपरिक रस्म के ज़रिए ही बताई जाती है. इसके बाद जब होली का त्योहार आया तो राजा की मां मिठाई और कपड़े लेकर सोनम के घर गईं और वहां परिवार के बीच हंसी-खुशी मुलाकात हुई. फिर 11 मई को पूरे धूमधाम से सोनम और राजा की शादी संपन्न हुई, जिसे दोनों परिवारों ने बड़ी उम्मीदों और खुशियों से स्वीकार किया था, यह सोचकर कि यह जोड़ी सफल और स्थायी साबित होगी.
पूरी दुनिया कहे तब भी नहीं मानूंगी: सोनम की दोस्त
सोनम रघुवंशी की बचपन की दोस्त ने कहा कि अगर पूरी दुनिया भी कह दे कि सोनम ने अपने पति राजा की हत्या की है, तो भी वह यकीन नहीं करेगी. उसका दावा है कि वह सोनम को बचपन से जानती है, स्कूल से लेकर अब तक उसके साथ समय बिताया है और उसे भीतर तक समझती है. दोस्त के मुताबिक, सोनम हमेशा धार्मिक और पारिवारिक कामों में सक्रिय रही है, अपने भाई के बिज़नेस को संभालने में उसका अहम योगदान रहा है. उसका कहना है कि ऐसी लड़की इस तरह का अपराध कर ही नहीं सकती.
कभी नहीं किया प्यार का ज़िक्र
सोनम की दोस्त ने बताया कि वह चार साल से सोनम के लिए लड़का तलाशने की प्रक्रिया में थी, लेकिन कभी सोनम ने किसी लड़के के बारे में पसंद या प्रेम जैसी कोई बात नहीं की. बातचीत के दौरान सोनम हमेशा अपने बिजनेस या ऑफिस वर्क की बातें करती थी. वो बताती थी कि ऑफिस में कौन काम करता है और काम कैसे होता है, लेकिन कभी भी किसी अफेयर या खास जुड़ाव की चर्चा नहीं की. दोस्त का दावा है कि अगर सोनम का किसी से प्रेम होता, तो वह जरूर साझा करती क्योंकि वे बेहद करीब थीं.
राज को भाई जैसा मानती थी सोनम
राज कुशवाहा के साथ सोनम के संबंधों को लेकर दोस्त ने स्पष्ट किया कि नवरात्रि के दौरान एक फंक्शन में वह, सोनम, राज और अन्य लोग एक साथ मौजूद थे. उस वक्त भी राज और सोनम के बीच सिर्फ भाई-बहन जैसा रिश्ता दिखा. राज, सोनम को "दीदी" कहकर बुलाता था और उसकी बहनें भी सोनम को दीदी कहती थीं. यहां तक कि एक बार राज खुद राखी बंधवाने भी आया था. ऐसे में दोस्त का दावा है कि ये रिश्ता प्रेम का नहीं, भाईचारे का था और हत्या के आरोपों में सोनम को फंसाया जा रहा है.
दिखावटी संस्कार और भ्रम का पर्दा
राजा की मां उमा रघुवंशी बताती हैं कि सोनम ने शादी के बाद खुद को 'संस्कारी बहू' के रूप में पेश किया. वह व्रत रखती, ज्यादा बातचीत नहीं करती और परिवार का सम्मान करती नजर आती थी। लेकिन असलियत कुछ और थी. उमा कहती हैं कि सोनम हर समय अपने फोन में व्यस्त रहती थी, लेकिन उन्होंने कभी उसे टोका नहीं, बल्कि उसके पिता की सख्ती से उलट उसे आजादी देने की कोशिश की. सोनम ने कभी एमबीए करने की इच्छा जताई थी लेकिन परिवार के दबाव में वह भी छोड़ दिया और कारोबार में जुट गई.
हनीमून प्लान और हत्या की पटकथा
शादी के कुछ ही दिन बाद सोनम ने हनीमून पर मेघालय जाने का प्रस्ताव रखा. राजा ने पहले मना किया लेकिन सोनम की जिद के आगे उसे मानना पड़ा. टिकट सोनम ने खुद बुक की थी और यहां तक कि वापसी की टिकट भी पहले से करवा ली थी. सोनम ने राजा को महंगे गहने पहनने के लिए भी मना लिया, जबकि उसकी मां ने इसके खिलाफ सलाह दी थी. उमा रघुवंशी कहती हैं कि उन्हें न तो राज कुशवाहा के बारे में कुछ पता था, न ही यह अंदाजा था कि सोनम हनीमून के नाम पर अपने पति की मौत की साजिश लेकर मेघालय जा रही थी.