ड्यूटी से गायब डॉक्टर, 500 किमी दूर से ही लग रही थी हाजिरी; संजीवनी क्लीनिकों की पोल खुली
भोपाल में मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिकों के संचालन को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. जांच में यह बात सामने आई है कि संजीवनी क्लीनिकों में तैनात कई डॉक्टरों ने सार्थक मोबाइल एप्लिकेशन का गलत इस्तेमाल कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. इस खुलासे के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है.;
भोपाल में मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिकों के संचालन को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक डॉक्टरों की उपस्थिति से जुड़े रिकॉर्ड की जांच में चौंकाने वाली अनियमितताएं सामने आई हैं, जिसने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिया है. प्राथमिक जांच में फर्जी हाजिरी और तकनीक के दुरुपयोग के मामले उजागर हुए हैं.
जांच में यह बात सामने आई है कि संजीवनी क्लीनिकों में तैनात कई डॉक्टरों ने सार्थक मोबाइल एप्लिकेशन का गलत इस्तेमाल कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. इस खुलासे के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
कारण बताओ नोटिस थमाया गया
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) कार्यालय द्वारा उपस्थिति डेटा की नियमित समीक्षा के दौरान यह धोखाधड़ी सामने आई. रिकॉर्ड में गड़बड़ी पाए जाने पर 13 डॉक्टरों के वेतन में कटौती के आदेश जारी किए गए हैं, जबकि कुल 25 डॉक्टरों को संदिग्ध उपस्थिति के मामले में कारण बताओ नोटिस थमाया गया है.
500 किलोमीटर दूर से लगाई जा रही थी हाजिरी
सार्थक ऐप के डेटा की गहन जांच में बेहद गंभीर मामला सामने आया. गौतम नगर स्थित मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक में तैनात एक डॉक्टर करीब 500 किलोमीटर दूर से अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहा था. यहां तक कि सामान्य दिनों में भी उसकी लोकेशन लगातार क्लीनिक से 11–12 किलोमीटर दूर दर्ज पाई गई, जिससे यह साफ हुआ कि ड्यूटी के समय वह अक्सर अनुपस्थित रहता था.
तस्वीरों ने खोली पोल
बाग मुगलिया संजीवनी क्लीनिक से भी चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक ही डॉक्टर की आईडी से अपलोड की गई तस्वीरों में अलग-अलग व्यक्ति दिखाई दिए. इससे यह संकेत मिला कि डॉक्टर की जगह किसी अन्य व्यक्ति द्वारा फोटो अपलोड कर उपस्थिति दर्ज कराई जा रही थी.
सख्त निगरानी और कड़ी कार्रवाई के निर्देश
इंडिया टुडे से बात करते हुए भोपाल के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य अधिकारी मनीष शर्मा ने कहा कि संजीवनी क्लीनिक गरीबों और जरूरतमंदों को उनके अपने इलाकों में सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू किए गए हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि डॉक्टरों की अनुपस्थिति का सीधा नुकसान मरीजों को होता है और ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि सार्थक ऐप की निगरानी और कड़ी की जाएगी और किसी भी तरह की अनियमितता पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.