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Bhopal Metro: शहर को मिलने वाली है नई सौगात, 40 रुपये किराया और 40 मिनट का सफर; जानें मेट्रो का रूट मैप और स्टेशन

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल लंबे इंतजार के बाद मेट्रो युग में प्रवेश कर रही है. 20 दिसंबर 2025 को केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मेट्रो का भव्य उद्घाटन करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअली कार्यक्रम से जुड़ेंगे. उद्घाटन के अगले दिन यानी 21 दिसंबर से सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक आम जनता के लिए व्यावसायिक सेवाएं शुरू हो जाएंगी.

Bhopal Metro: शहर को मिलने वाली है नई सौगात, 40 रुपये किराया और 40 मिनट का सफर; जानें मेट्रो का रूट मैप और स्टेशन
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( Image Source:  ANI )
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Updated on: 19 Dec 2025 10:20 AM IST

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल बहुत जल्द ही मेट्रो शहर बनने जा रही है. यह शहरवासियों के लिए एक बड़ा और खुशी का मौका है, क्योंकि लंबे इंतजार के बाद भोपाल मेट्रो की शुरुआत हो रही है. 20 दिसंबर 2025 को केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मिलकर मेट्रो का उद्घाटन करेंगे. वे दोनों इस खास मौके पर मेट्रो ट्रेन में सवार होकर 6.22 किलोमीटर लंबे रूट की समीक्षा करेंगे और यात्रा करेंगे.

अगले दिन यानी 21 दिसंबर 2025 की सुबह 9 बजे से मेट्रो आम लोगों के लिए खुल जाएगी. इस शुरुआती चरण में मेट्रो सुभाष नगर से एम्स (AIIMS) तक चलेगी. इस रूट पर कुल 8 स्टेशन हैं: सुभाष नगर, केंद्रीय स्कूल, डीबी मॉल, एमपी नगर, रानी कमलापति, डीआरएम कार्यालय, अलकापुरी और एम्स. हर दिन मेट्रो कुल 17 चक्कर लगाएगी – एम्स से सुभाष नगर की दिशा में 9 ट्रिप और वापसी में 8 ट्रिप. पहली ट्रेन सुबह 9 बजे एम्स से चलेगी और सुभाष नगर तक पहुंचने में करीब 40 मिनट लगेंगे. आखिरी ट्रेन शाम 5 बजे एम्स से रवाना होगी.

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मेट्रो का रूट मैप और स्टेशन

भोपाल में कुल दो मेट्रो लाइनें बन रही हैं- ऑरेंज लाइन (करौंद से एम्स तक, 16.74 किमी) और ब्लू लाइन (भदभदा से रत्नागिरी तक, 14.16 किमी). अभी शुरू होने वाला हिस्सा ऑरेंज लाइन का प्राथमिकता वाला कॉरिडोर है, जो सुभाष नगर से एम्स तक है. सुभाष नगर में एक बड़ा डिपो बनाया गया है, जहां ट्रेनें रखी और मेंटेन की जाएंगी. भविष्य में पुल बोगदा पर एक जंक्शन भी बनेगा.

किराया कितना होगा?

भोपाल मेट्रो का किराया तीन जोन में बांटा गया है. कोई छूट या डिस्काउंट नहीं होगा, जैसा कि इंदौर मेट्रो में शुरू में दिया गया था.

  • पहले दो स्टेशनों तक की यात्रा: 20 रुपये
  • तीन से पांच स्टेशनों तक: 30 रुपये
  • छह से आठ स्टेशनों तक: 40 रुपये

उदाहरण के तौर पर, डीबी मॉल से रानी कमलापति तक का किराया 20 रुपये होगा, जबकि एम्स तक पूरा सफर करने पर 40 रुपये लगेंगे. अन्य शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई या लखनऊ की तुलना में भोपाल का न्यूनतम किराया थोड़ा ज्यादा है, जहां कई जगहों पर 10-15 रुपये से शुरू होता है.

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यात्रा का समय और दूरी

यह कॉरिडोर सिर्फ 6.22 किलोमीटर लंबा है, लेकिन व्यस्त इलाकों से गुजरता है. एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक पहुंचने में मेट्रो को 2 से 3 मिनट लगेंगे. हर स्टेशन पर रुकने का समय करीब 2 मिनट होगा. पूरी यात्रा सुभाष नगर से एम्स तक या वापसी में लगभग 40 मिनट में पूरी हो जाएगी. एक पूरा राउंड ट्रिप (चक्कर) 75 मिनट का होगा.

मेट्रो ट्रेन की खासियत

भोपाल की मेट्रो ट्रेनें बहुत आधुनिक हैं. हर ट्रेन में तीन कोच हैं, जो स्टेनलेस स्टील से बने हैं इसलिए जंग नहीं लगेगी और लंबे समय तक चलेंगी. ट्रेन की लंबाई 67 मीटर है. कुल क्षमता 980 यात्रियों की है, लेकिन आराम से 250-300 यात्री खड़े होकर सफर कर सकते हैं. बैठने की जगह करीब 50 लोगों के लिए है, बाकी खड़े होने की व्यवस्था है. कोच में एयर कंडीशनिंग, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट, डिजिटल डिस्प्ले और ऑडियो अनाउंसमेंट हैं.

विशेष बातें:

  • ट्रेनें पूरी तरह वातानुकूलित और प्रदूषण मुक्त हैं.
  • दरवाजे, ब्रेक और एसी अलग-अलग सॉफ्टवेयर से कंट्रोल होते हैं, ताकि सुरक्षा ज्यादा हो.
  • दिव्यांग यात्रियों के लिए पहली और आखिरी कोच में व्हीलचेयर की जगह और विशेष बटन हैं.
  • स्टेशनों पर लिफ्ट, एस्केलेटर, ब्रेल टाइल्स, सीसीटीवी और फायर सेफ्टी सिस्टम हैं.
  • अभी ट्रेन ड्राइवर के साथ चलेगी, लेकिन भविष्य में ड्राइवरलेस हो सकती है.

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कैसे करें यात्रा?

यात्रा करना बहुत आसान है: स्टेशन पर पहुंचकर टिकट खरीदें या स्मार्ट कार्ड इस्तेमाल करें.

प्लेटफॉर्म पर जाएं ट्रेन आने के 10 सेकंड बाद दरवाजे अपने आप खुलेंगे.

ट्रेन के अंदर डिजिटल स्क्रीन पर रूट, अगला स्टेशन और समय दिखेगा.

उतरते समय अनाउंसमेंट होगी, और दरवाजे खुलने से पहले सुरक्षित दूरी बनाएं रखें.

आपातकाल में क्या करें?

ट्रेन में कोई स्टाफ नहीं होगा, और ड्राइवर से सीधे बात नहीं कर सकेंगे. लेकिन हर कोच में आपातकालीन इंटरकॉम बटन है. इसे दबाने पर ड्राइवर से बात हो जाएगी, और वह अगले स्टेशन पर मदद की टीम तैयार करवाएगा. भोपाल मेट्रो का काम 2018 में शुरू हुआ था. पहला ट्रायल रन अक्टूबर 2023 में हुआ, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुभाष नगर से रानी कमलापति तक यात्रा की थी. अब कई साल की मेहनत के बाद यह सपना हकीकत बन रहा है. भोपालवासियों के लिए यह नई सुविधा ट्रैफिक की समस्या कम करेगी और शहर को और आधुनिक बनाएगी.

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