दिल्ली के पेट्रोल पंपों पर आज से इन वाहनों को 'नो फ्यूल' क्यों? आपकी गाड़ी तो नहीं हो गई कबाड़, जानें जरूरी बातें

New Rules For Old Vehicles: वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएमक्यूएम) ने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए 1 जुलाई से दिल्ली में ईएलवी यानी कबाड़ हो चुके वाहनों को ईंधन देने पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे. सीएक्यूएम ने कहा था कि जरूरी प्रतिबंध अलग-अलग चरणों में बढ़ाए जाएंगे. इस आदेश के तहत गुड़गांव, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और सोनीपत आज से कबाड़ हो चुके वाहनों को पेट्रोल डीजल नहीं मिलेगा.;

Edited By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 1 July 2025 9:33 AM IST

New Rules For Old Vehicles: देश की राजधानी दिल्ली में आज से वाहनों के लिए नए नियम लागू हो गए हैं. दिल्ली सरकार की ओर से जारी आदेशों के अनुसार 1 जुलाई से कबाड़ हो चुके (ईओएल) वाहनों को पेट्रोल और डीजल देने पर रोक है. दिल्ली के अफसरों का कहना है कि बीजेपी सरकार ने यह कदम सीएक्यूएम के आदेश पर उठाया है. इसका मकसद राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण को कम करना है. पेट्रोल पंप मालिकों ने कहा है कि समय पूरा कर चुके वाहनों की पहचान के लिए उनके आउटलेट पर परिवहन मंत्रालय के डेटा बैंक से जुड़े स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) कैमरे और अन्य उपकरण लगाए गए हैं.

दरअसल, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के आदेशों के तहत 1 जुलाई से दिल्ली भर के पेट्रोल पंपों पर कबाड़ हो चुके वाहनों को ईंधन नहीं देने का निर्देश दिया था. दिल्ली सरकार ने सीएक्यूएम के निर्देश पर एक जुलाई से अमल के आदेश दिए थे. दिल्ली परिवहन विभाग, दिल्ली पुलिस और प्रदूषण से संबंधित एजेंसियों आर पेट्रोल पंप मालिक से कहा गया है कि वे कबाड़ वाले वाहनों को ईंधन न दें.

आदेश पर अमल के लिए पुलिसकर्मी तैनात

दिल्ली पुलिस ने कहा है कि अगर किसी वाहन चालक ने नियम विरूद्ध जाकर पेट्रोल पंपों पर नियमों का उल्लंधन किया तो सख्त कार्रवाई होगी. सरकार की ओर से जारी आदेश पर अमल के लिए विभिन्न सरकारी विभागों की 350 टीमें शहर भर के सभी 498 ईंधन स्टेशनों पर चौबीसों घंटे तैनात रखने का फैसला लिया है.

सीएक्यूएम के आदेश में क्या है?

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएमक्यूएम) ने दिल्ली में प्रदूषण को देखते हुए कहा था कि 1 जुलाई से दिल्ली में ईएलवी को ईंधन भरने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.

सीएक्यूएम ने यह भी कहा था कि जरूरी प्रतिबंधों को अलग-अलग चरणों में बढ़ाए जाएंगे. इस आदेश के तहत गुड़गांव, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और सोनीपत आज से कबाड़ हो चुके वाहनों को पेट्रोल डीजल नहीं मिलेगा. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के शेष हिस्सों में अगले साल अप्रैल से प्रतिबंध लागू होने वाला है.

नवंबर से अन्य राज्यों के वाहन जो बीएस VI-अनुपालन नहीं करते हैं या सीएनजी, एलएनजी या बिजली पर नहीं चलते हैं, उन्हें दिल्ली में प्रवेश करने से रोक दिया जाएगा.

अब इस आदेश पर अमल के लिए परिवहन विभाग ने प्रवर्तन दस्तों के लिए अपनी तैनाती रणनीति पर अमल करने का आदेश दिया है. एमसीडी की टीमें भी ईंधन स्टेशनों पर तैनात की जाएगी.

दिल्ली पुलिस के जवान 1 से 100 नंबर वाले ईंधन स्टेशनों पर तैनात किए जाएंगे. जबकि परिवहन विभाग 101 से 159 नंबर वाले ईंधन स्टेशनों पर 59 विशेष टीमों को तैनात करेगा.

'नो फ्यूल पॉलिसी को लेकर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की गाइडलाइन

सभी सरकारी एजेंसियां बैठक कर यह तय कर लें कि एसीएसपी/टीआई ने सुचारू कार्यान्वयन की सुविधा के लिए स्थानीय पुलिस के साथ तालमेल कैसे बिठाना है.

पहचाने गए पेट्रोल पंपों पर और उसके आसपास पर्याप्त कर्मचारियों के साथ क्रेन की व्यवस्था करें. ताकि जब्त किए गए वाहनों को तुरंत हटाया जा सके.

प्रवर्तन एजेंसियां यह सुनिश्चित करें कि पेट्रोल पंपों पर तैनात कर्मचारियों को वाहन चालकों के साथ विनम्रता से लेकिन दृढ़ता से पेश आने के लिए प्रशिक्षित किया गया है या नहीं.

यह भी तय करें कि पेट्रोल पंपों के मालिक नए नियमों को दर्शाने वाले संकेत देने वाले नोटिस प्रदर्शित करें. ताकि नो फ्यूल के दायरे में आ चुके वाहनों को ईंधन नहीं मिले. जरूरत के हिसाब से सरकारी एजेंसियां गश्ती दल तैनात करें. विनियमन की निगरानी और लागू करने के लिए संबंधित क्षेत्रों में नियमित मोबाइल गश्ती दल तैनात करें।

नो फ्यूल की श्रेणी में आ चुके वाहनों को जब्त करें और उन्हें अधिकृत आरवीएसएफ को सौंप दें. विनियमन के कार्यान्वयन की नियमित समीक्षा और निगरानी करें.यह तय करें कि सीएक्यूएम निर्देश का प्रभावी तरीके से अमल हो रहा है या नहीं.

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