दिल्ली में बीजेपी का दूल्हा कौन, अन्य राज्यों का फॉर्मूला क्या यहां भी लागू करेगी पार्टी?
बीजेपी कलेक्टिव लीडरशिप के तहत चुनाव लड़ रही है. वह पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को प्रमुखता देते हुए चुनाव लड़ रही है. पार्टी किसी एक मुख्यमंत्री उम्मीदवार को आगे बढ़ाने के बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता पर भरोसा करती है. यह तरीका बीजेपी ने कई राज्यों में अपनाया है, जहां चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का नाम तय नहीं किया गया.;
दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर तारीखों का एलान हो गया है. 5 फरवरी को मतदान और 8 फरवरी को रिजल्ट घोषित किए जाएंगे. अब इस चुनाव को लेकर बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. हाल ही में आम आदमी पार्टी ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा था कि BJP वालों तुम्हारा दूल्हा कौन है?
इस आरोप के बाद बीजेपी ने एक पोस्टर जारी कर लिखा था कि AAP-दा जाएगी, भाजपा आएगी. बता दें, दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच सत्ता हासिल करने की जोरदार टक्कर चल रही है. आम आदमी पार्टी 70 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारकर एक बार फिर से सरकार में लौटने का सपना देख रही है. दूसरी ओर, बीजेपी जो कई दशकों से दिल्ली की सत्ता से दूर रही है, इस बार आम आदमी पार्टी के सपनों को चकनाचूर कर इतिहास रचने के लिए पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतर चुकी है.
अब सवाल उठता है कि आम आदमी पार्टी केजरीवाल के चेहरे पर चुनाव लड़ रही है तो बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा? बीजेपी ने अभी तक मुख्यमंत्री पद के लिए किसी उम्मीदवार का नाम तय नहीं किया है. वह दिल्ली चुनाव में सीएम चेहरा बनाएगी या पिछले दिनों महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में हुए चुनाव वाली रणनीति अपनाएगी?
बीजेपी के चेहरा होंगे पीएम मोदी
फ़िलहाल बीजेपी कलेक्टिव लीडरशिप के तहत चुनाव लड़ रही है. वह पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को प्रमुखता देते हुए चुनाव लड़ रही है. पार्टी किसी एक मुख्यमंत्री उम्मीदवार को आगे बढ़ाने के बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता पर भरोसा करती है. यह तरीका बीजेपी ने कई राज्यों में अपनाया है, जहां चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का नाम तय नहीं किया गया. जीत के बाद पार्टी के विधायक मिलकर अपने नेता का चुनाव करते हैं. दिल्ली में भी भाजपा इसी तरह की रणनीति अपना सकती है, जहां प्रधानमंत्री मोदी की छवि और टीमवर्क पर भरोसा किया जाएगा.
हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड की अपनाएगी नीति?
दिल्ली में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर बीजेपी वही रणनीति अपनाएगी, जो उसने महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड जैसे राज्यों में अपनाई थी. महाराष्ट्र में बीजेपी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देवेंद्र फडणवीस की लोकप्रियता पर ध्यान दिया. हरियाणा में भी बीजेपी ने मुख्यमंत्री पद के लिए पहले से किसी नाम की घोषणा नहीं की. चुनाव के बाद विधायकों की बैठक में नायब सिंह सैनी को सीएम बनाया. इसके अलावा झारखंड में भी बीजेपी ने पीएम मोदी की छवि का ही इस्तेमाल किया. हालांकि उनकी चमक हेमंत सोरेन के पीछे फीकी रही.