दिल्ली में 70 विधानसभा सीटों पर वोटिंग आज, 699 उम्मीदवारों की किस्मत EVM में होगी कैद
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कल सभी 70 सीटों पर मतदान होगा. 1.56 करोड़ मतदाता अरविंद केजरीवाल, आतिशी और परवेश वर्मा समेत 699 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है. नतीजे 8 फरवरी को घोषित होंगे, जबकि एग्जिट पोल मतदान समाप्त होने के बाद जारी किए जाएंगे.;
दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है. आज 8 बजे से राजधानी में सभी 70 सीटों पर मतदान होगा, जहां मतदाता अरविंद केजरीवाल, आतिशी, परवेश वर्मा समेत कुल 699 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेताओं ने जोर-शोर से प्रचार किया और मतदाताओं को लुभाने के लिए कई मुफ्त सुविधाओं का वादा किया.
दिल्ली में इस बार का विधानसभा चुनाव बेहद दिलचस्प माना जा रहा है. आम आदमी पार्टी, जिसने पिछले दो चुनावों में भारी बहुमत हासिल किया था, इस बार भी अपनी जीत की हैट्रिक लगाने का दावा कर रही है. दूसरी ओर, बीजेपी का कहना है कि वह इस बार दिल्ली की सत्ता पर काबिज होगी. इस चुनाव में दोनों प्रमुख दलों ने कई दलबदलुओं को टिकट दिए हैं, जिससे मुकाबला और भी रोचक हो गया है. चुनाव समाप्त होने के तुरंत बाद विभिन्न न्यूज चैनल और सर्वे एजेंसियां अपने एग्जिट पोल जारी करेंगी.
कितने मतदान केंद्र बनाए गए
इस बार दिल्ली में 13,766 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जहां 1.56 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे. इनमें 83.76 लाख पुरुष, 72.36 लाख महिलाएं और 1,267 थर्ड जेंडर वोटर शामिल हैं. दिव्यांग मतदाताओं के लिए 733 विशेष मतदान केंद्र निर्धारित किए गए हैं.
8 फरवरी को आएंगे नतीजे
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आठ फरवरी को आएंगे. पिछले 2020 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि बीजेपी केवल आठ सीटें जीतने में सफल रही थी. कांग्रेस के लिए यह लगातार दूसरा ऐसा विधानसभा चुनाव था, जिसमें उसे एक भी सीट नहीं मिली थी. इस बार के चुनावी नतीजे तय करेंगे कि दिल्ली की जनता किसे सत्ता की कमान सौंपती है.
24 प्रत्याशियों ने नहीं किया आपराधिक रिकॉर्ड का खुलासा
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाग ले रहे 118 आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों में से 24 (20%) ने अपने आपराधिक मामलों का खुलासा नहीं किया है. और न ही उनके संबंधित दलों ने इसके पीछे कोई स्पष्ट कारण बताया है. यह जानकारी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने मंगलवार को जारी की.