INSIDE STORY: 'खूनी सिग्मा-गैंग' का इस्तेमाल जब बिहार चुनाव में होना था तब फिर, इसके शार्प शूटर दिल्ली क्या करने पहुंचे थे?

बिहार चुनाव 2025 के बीच दिल्ली में खतरनाक सिग्मा गैंग के चार शार्प शूटरों रंजन-पाठक, मनीष पाठक, विमलेश मेहता और अमन ठाकुर की दिल्ली पुलिस और बिहार पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में 22-23 अक्टूबर 2025 की रात मुठभेड़ में मौत हो गई. ये अपराधी सीतामढ़ी और शिवहर में कई खौफनाक वारदातों के लिए जाने जाते थे और नेपाल से फंडिंग प्राप्त कर रहे थे. पुलिस का दावा है कि गैंग का इस्तेमाल बिहार चुनाव के दौरान किसी बड़ी आपराधिक वारदात के लिए किया जा सकता था, लेकिन दिल्ली पहुंचने के पीछे के कारण अभी स्पष्ट नहीं हैं.;

By :  संजीव चौहान
Updated On : 23 Oct 2025 9:37 PM IST

जब पूरे भारत ने 20 अक्टूबर 2025 की रात दीवाली मनाई...तब राजधानी दिल्ली की पुलिस दिल्ली के दिल वालों की हिफाजत में सड़कों पर घूम रही थी. दिल्ली पुलिस की तो असली दीवाली मगर बुधवार और गुरुवार यानी 22-23 अक्टूबर 2025 को आधी रात के बाद तब मनी जब, रोहिणी इलाके में दिल्ली और बिहार पुलिस की संयुक्त टीमों से बिहार के खूंखार मनीष पाठक रंजन पाठक की “सिग्मा एंड कंपनी” की आमने-सामने की खूनी मुठभेड़ हो गई. दोनो ओर से करीब 15-20 मिनट तक जमकर गोलियां चलीं. जख्मी हालत में चारों अपराधियों को अस्पताल में इलाज के लिए दाखिल कराया गया. मगर वहां थोड़े थोड़े समयांतराल पर डॉक्टरों ने एक के बाद एक चारों शार्प शूटर्स को मृत घोषित कर दिया. यानी दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच और बिहार पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में बिहार के सीतामढ़ी की सनसनी कहा जाने वाला गैंग एक ही जगह चंद मिनट में नेस्तनाबूद हो गया.

घटना वाली रात के बाद यानी 23 अक्टूबर 2025 को दोपहर में इस खूनी मुठभेड़ की पुष्टि दिल्ली पुलिस मुख्यालय में आयोजित विशेष संवाददाता सम्मेलन दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के संयुक्त आयुक्त सुरेंद्र कुमार ने की. मारे गए शार्प शूटर्स की पहचान रंजन पाठक, विमलेश मेहता अमन ठाकुर और मनीष पाठक के रूप में हुई. मौके से पुलिस ने चार सेमी ऑटोमैटिक पिस्तौल, देसी पिस्तौल, एक बलेनो कार मिली. इस गैंग का मुख्य रूप से अपहरण, फिरौती, डकैतियां डालने, ठेके पर हत्याएं करने का काला कारोबार कर रहा था. बिहार पुलिस ने भी इन तमाम में से कई तथ्यों की पुष्टि करते हुए कहा कि, यह सिग्मा गैंग सीतामढ़ी की सनसनी था.

गैंग के तार बिहार सीमा से जुड़े नेपाल की हद के पार से भी जुड़े हुए थे. संभव है कि यह गैंग बिहार-झारखंड की हद में आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देकर, यहां की पुलिस से बचने के लिए नेपाल में जाकर छिप जाता हो. हालांकि इन तथ्यों की पुष्टि करने में अभी दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच और बिहार पुलिस जुटी हुई है. बिहार और दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम की मानें तो इस गैंग के शूटर्स का इस्तेमाल बिहार इलेक्शन के दौरान कुछ पॉलिटिकल पार्टियों द्वारा भी किए जाने की संभावना से फिलहाल इनकार नहीं किया जा सकता है. हालांकि, इन तथ्यों की पुष्टी की जा रही है कि क्या दिल्ली में मुठभेड़ में मारे जाने से पहले तक यह गैंग मेंबर किन-किन लोगों के संपर्क में बने हुए थे.

बिहार चुनाव 2025 के बीच दिल्ली में दिखे खतरनाक सिग्मा गैंग के शार्प शूटर

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच और बिहार पुलिस के दावों के बीच विचारणीय यह बिंदु भी है कि अगर, इतने खतरनाक सिग्मा गैंग के अगर बिहार चुनाव के दौरान इस्तेमाल किए जाने की प्रबल संभावनाएं थीं तब फिर....इन दिनों तो बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 का बुखार चरम पर है...तब ऐसे में यह चारों इस कदर के खूंखार खूनी शार्प शूटर दिल्ली में क्या करने पहुंचे थे....? स्टेट मिरर हिंदी के यूट्यूब चैनल द्वारा तहतक की कड़ी के लिए की गई पड़ताल में इस सवाल का जवाब, हाल-फिलहाल न तो दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के पास है न ही बिहार पुलिस के पास. जिसके यह चारों शार्प शूटर मोस्ट वॉन्टेड अपराधी थे. बिहार पुलिस के दावे के मुताबिक अगर यह चारों अपराधी बिहार चुनाव में इस्तेमाल किए जाने थे. जिससे इन चारों को रातों रात मोटी रकम मिलने की उम्मीद बंधी होगी. तब फिर ऐसे चुनावी माहौल में तो इन चारों को बिहार की हद से बाहर कई सौ मील दूर देश की राजधानी दिल्ली में आने की तो कोई तुक बनती ही नहीं....पता चला है कि ढेर हुए गैंग के चारों शूर्टस ने बीते तीन महीनें में बिहार के सीतामढ़ी में एक के बाद एक 5 खौफनाक आपराधिक वारदातें अंजाम दी थीं. सुपारी लेकर भाड़े पर हत्या के लिए हाल फिलहाल बिहार की सीमाओं में सिग्मा गैंग इकलौता एक्टिव गैंग था.

बिहार चुनाव के दौरान सिग्मा गैंग के शार्प शूटर दिल्ली में क्यों पहुंचे?

गैंग के चारों शार्प शूटर्स को ठिकाने लगाने के बाद दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच और दिल्ली में मौजूद बिहार पुलिस टीम ने यह तो दावा किया है कि, यह बदमाश बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान किसी बड़ी आपराधिक वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे. किस वारदात को, कहां और कब अंजाम देने वाले थे, दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच और बिहार पुलिस टीम इस सवाल पर चुप्पी साधे हुए है. आखिर क्यों. दूसरा सवाल यह है कि जब इन शूटर्स को बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान किसी बड़ी आपराधिक वारदात को अंजाम देना ही था तब फिर इन चारों खूंखार अपराधियों को बिहार से कई सौ मील दूर चलकर दिल्ली पहुंचकर यहां चहलकदमी या मटरगश्ती करने की क्या और क्यूं सूझी. इस सवाल का भी जवाब दिल्ली या बिहार पुलिस के पास नहीं है.

सिग्मा गैंग की सीतामढ़ी में वारदातें और नेपाल से फंडिंग

ऐसे में बिहार और दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच का यह दावा अपने आप से ही हाल फिलहाल तो बेदम नजर आता है कि, इन चारों बदमाशों की बिहार विधानसभा के चुनावी माहौल में किसी बड़ी आपराधिक घटना को अंजाम देने की योजना रही भी होगी. आगे अगर ऐसा कुछ जांच में निकल कर आता है तो वह दूसरी बात होगी. हां इतना जरूर है कि यह गैंग सीतामढ़ी इलाके में एक के बाद एक बड़ी आपराधिक वारदातों को अंजाम देने में कामयाब रहा था. सीतामढ़ी पुलिस का दवाब बढ़ा तो यह गैंग अपनी जान बचाने को जगह की तलाश में जुट गया. पता चला है कि गैंग बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश में हथियार तस्करी में भी लिप्त था. इस गैंग की फंडिग नेपाल से हो रही थी. नेपाल में कौन लोग इस गैंग के संपर्क में थे. अब उन तक पहुंचने की भी कोशिशों में पुलिस जुटी है.

रंजन-पाठक सिग्मा गैंग के कुख्यात कांड और राम मनोहर शर्मा हत्या का खुलासा

यह वही रंजन पाठक-मनीष पाठक सिग्मा गैंग है जिसने बाजपट्टी में आदित्य सिंह के कत्ल के तुरंत बाद ही परोहा पंचायत की मुखिया रानी देवी के देवर मदन कुशवाहा को कत्ल कर डाला था. इसी गैंग के सिर पर ब्रह्मर्षि सेना के जिलाध्यक्ष राम मनोहर शर्मा का गोली मारकर कत्ल करने का भी आरोप है. राम मनोहर शर्मा हत्याकांड की जिम्मेदारी तो बीती रात दिल्ली के रोहिणी में पुलिस मुठभेड़ में निपटाए जा चुके रंजन पाठक ने खुद मीडिया को फोन कॉल करके और पर्चा भेजकर ली थी. उस पर्चे में रंजन पाठक ने लिखा था कि गंदी राजनीति, क्रूर जातिवाद और असामाजिक तत्वों के दवाब में आकर भ्रष्ट पुलिस रिश्वत लेकर इनके खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज करती रहती है. मीडिया, समाज और पुलिस व पॉलिटिक्स के भीतर खौफ पैदा करने के लिए पर्चे में रंजन पाठक ने अपना आपराधिक इतिहास खुद ही दर्ज किया था.

शिवहर से दिल्ली तक सिग्मा एंड कंपनी की खतरनाक गतिविधियां और पुलिस मुठभेड़ में सफाया

बात अगर बिहार की दिल्ली में पहुंचते ही खतम हो चुकी खतरनाक सिग्मा एंड कंपनी की करें तो, शिवहर जिले में गुड्डू झा की दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या भी इसी गैंग ने की थी. उस कांड में बिहार पुलिस एसटीएफ और इस गैंग के बीच हुई जबरदस्त खूनी मुठभेड़ में इन चारों बदमाशों के गोलियां तो लगी थीं. मगर रंजन पाठक तब जख्मी होने के बाद भी जिंदा बच निकला था. सिग्मा एंड कंपनी प्रमुख रंजन पाठक को जब भनक लगी कि अब उसके द्वारा बिहार में ताबड़तोड़ वारदातों से पुलिस और पब्लिक दोनो आजिज आ चुके हैं. और गैंग को ठिकाने लगाने पर बिहार पुलिस अड़ी हुई है. तो कुछ वक्त छिपने के लिए इन्होंने दिल्ली में अड्डा जमा लिया था. मगर यहां पहुंचते ही दिल्ली पुलिस की नजर में सिग्मा एंड कंपनी क्या चढ़ी कि....आनन फानन में 22 और 23 अक्टूबर 2025 की रात उसका पुलिस ने सफाया कर डाला. इनमें से शार्प शूटर अमन ठाकुर दिल्ली के करावल नगर का रहने वाला था. उसी ने बिहार से जान बचाकर दिल्ली पहुंचे बाकी तीनों शूटर्स को शरण दी थी.

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