मर्यादा भूलने वाले नेताओं को चुनाव आयोग की दो टूक, रमेश बिधूड़ी ने प्रियंका-आतिशी पर की थी अभद्र टिप्पणी

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का एलान करते हुए राजनीतिक दलों के बड़बोले नेताओं को कड़ी नसीहत दी. उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान नेता मर्यादा का ख्याल रखें. किसी पर भी व्यक्तिगत टिप्पणी न करें. सीईसी का यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब बीजेपी प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी की प्रियंका गांधी और सीएम आतिशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर विपक्ष बीजेपी पर लगातार हमला कर रही है.;

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Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 7 Jan 2025 4:15 PM IST

CEC Rajiv Kumar: दिल्ली विधानसभा चुनाव का एलान हो गया है. मतदान 5 फरवरी को , जबकि मतगणना 8 फरवरी को होगी. अधिसूचना 10 जनवरी को जारी की जाएगी. नामांकन की अंतिम तिथि 17 जनवरी है. चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनावी तारीखों का एलान किया. इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ने मर्यादा भूलने वाले नेताओं को जमकर सुनाया.

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान नेता मर्यादा का ख्याल रखें. किसी पर भी व्यक्तिगत टिप्पणी न करें. हम आपत्तिजनक बयानों पर एक्शन ले सकते हैं, लेकिन हम इसे जनता के ऊपर छोड़ देते हैं. सीईसी का यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब बीजेपी प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी की प्रियंका गांधी और सीएम आतिशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर विपक्ष बीजेपी पर लगातार हमला कर रही है.

'मतदान प्रतिशत को बदलना असंभव'

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि मतदाता मतदान प्रतिशत को बदलना असंभव है...कुछ मतदान दल आधी रात या अगले दिन रिपोर्ट देते हैं. मतगणना से पहले फॉर्म 17सी का मिलान किया जाता है. ऐसा कुछ भी नहीं है जो वीटीआर स्पष्ट न करे, यह पूरी तरह से स्पष्ट करता है.

'ईवीएम में वायरस या बग आने का कोई सवाल ही नहीं है'

सीईसी ने कहा कि ईवीएम में अविश्वसनीयता या किसी खामी का कोई सबूत नहीं है. ईवीएम में वायरस या बग आने का कोई सवाल ही नहीं है. ईवीएम में अवैध वोट होने का कोई सवाल ही नहीं है. कोई धांधली संभव नहीं है. सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट लगातार अलग-अलग फैसलों में यह कह रहे हैं... और क्या कहा जा सकता है?

'ईवीएम मतगणना के लिए फुलप्रूफ डिवाइस है'

चुनाव आयुक्त ने कहा कि ईवीएम मतगणना के लिए फुलप्रूफ डिवाइस है. छेड़छाड़ के आरोप निराधार है. हम अब बोल रहे हैं, क्योंकि चुनाव के समय हम नहीं बोलते.

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