नेताओं ने बांधी कमर की पेटी- दिल्ली की सभी 70 सीटों पर 5 फ़रवरी को वोटिंग, 8 को आएंगे नतीजे
Delhi Assembly Election 2025 Schedule: दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो गया है. चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तारीख का एलान किया.

Delhi Assembly Election 2025 Schedule: दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो गया है. चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तारीख का एलान किया. राजधानी में एक ही चरण में 5 फरवरी को वोटिंग होगी जबकि 8 फरवरी को वोटों की गिनती होगी. बता दें कि इस बार विधानसभा चुनाव में 1.55 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे जिनमें 70 लाख महिला वोटर भी हैं जो इस बार दिल्ली की सरकार चुनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी. दिल्ली चुनाव के साथ ही अयोध्या जिले की मिल्कीपुर सीट पर भी 5 फरवरी को वोटिंग होगी, जिसके नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे.
चीफ इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार ने इसका एलान करते हुए कहा, 'चार और राज्यों में मतदाता सूचियों के प्रकाशन के साथ ही भारत में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 99 करोड़ को पार कर जाएगी.' उन्होंने चुनाव आयोग पर आरोप लगाने वाले पार्टियों के भी शायराना अंदाज में जवाब देते हुए कहा कि 'कर न सके इकरार तो कोई बात नहीं, तुम्हें मेरी वफा पर एतबार तो है.'
राजीव कुमार ने कहा, 'दिल्ली एक विरासत है, जहां पूरे देश को आप देख सकते हैं.' उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान कुछ शंका भी रहते हैं. उन्होंने कहा कि वोटों के साथ छेड़छाड़ के आरोप लगे हैं और 5 बजे के बाद भी वोटिंग जारी रहने का आरोप लगाया गया. काउंटिंग में मिसमैच का मुद्दा भी उठाया गया. उन्होंने कहा कि हर बूथ पर 4 से 5 पोलिंग ऑफिसर होते हैं, जो पूरी सुरक्षा में तैनात होते हैं.
EVM पर चुनाव आयोग का तर्क
चुनाव आयोग ने कहा कि ईवीएम मतदान के दिन से केवल 7-8 दिन पहले चालू की जाती हैं और उम्मीदवारों को उनके एजेंटों के माध्यम से हर कदम पर सूचित किया जाता है. राजीव कुमार ने कहा कि मतदाता सूची तैयार करने के हर चरण में राजनीतिक दलों को शामिल किया जाता है और उन्हें पूरी जानकारी दी जाती है और आपत्ति करने का अवसर दिया जाता है.
चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, 'ईवीएम में अविश्वसनीयता या किसी खामी का कोई सबूत नहीं है. ईवीएम में वायरस या बग आने का कोई सवाल ही नहीं है. ईवीएम में अवैध वोटों का कोई सवाल ही नहीं है. कोई धांधली संभव नहीं है. हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट अलग-अलग फैसलों में लगातार यही कह रहे हैं और क्या कहा जा सकता है? ईवीएम मतगणना के लिए फुलप्रूफ डिवाइस है. छेड़छाड़ के आरोप निराधार हैं. हम अभी बोल रहे हैं क्योंकि चुनाव के समय हम नहीं बोलते.'