दिल्ली में बागियों की नहीं गली दाल, 24 में से केवल 8 पहुंच सके विधानसभा; कांग्रेस में जाने वाले रहे जीरो
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रचंड जीत हासिल की है. वहीं, AAP का जीत की हैट्रिक लगाने का सपना टूट गया. इस चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस और AAP ने बागी या बाहरी उम्मीदवारों को भी टिकट दिया था. आइए, जानते हैं कि इन उम्मीदवारो का प्रदर्शन कैसा रहा और किस पार्टी से कितने बागे विधानसभा पहुंचने में सफल रहे...;
Delhi Election Results 2025: दिल्ली में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिल गया है. करीब 27 साल बाद दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनने जा रही है. वहीं, आम आदमी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा. उसका हैट्रिक लगाने का सपना टूट गया. अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, सोमनाथ भारती और सौरभ भारद्वाज समेत कई नेताओं को हार का सामना करना पड़ा.
चुनाव आयोग के मुताबिक, 70 सीटों में से बीजेपी 43 सीटें जीत गई है, जबकि 5 सीटों पर वह आगे चल रही है. वहीं, AAP ने 21 सीटें जीती हैं, जबकि 1 पर आगे चल रही है. इस चुनाव में बागी- बाहरी उम्मीदवारों के प्रदर्शन पर भी सभी की निगाहें टिकी रहीं. कई नेता अपनी पार्टी को छोड़कर दूसरी पार्टी में शामिल हुए थे. आइए, जानते हैं कि इन बागियों और बाहरी प्रत्याशियों का प्रदर्शन कैसा रहा...
किस पार्टी ने कितने बागी नेताओं को दिया टिकट?
AAP ने 12 बाहरी या बागी नेताओं को उम्मीदवार बनाया, जबकि बीजेपी ने 7 नेताओं को टिकट दिया. वहीं, कांग्रेस ने भी 5 बाहरी या बागी नेताओं को प्रत्याशी बनाया.
बीजेपी में आए कितने बागियों को मिली जीत?
बीजेपी में आए हुए 7 बागियों में से 4 को जीत, जबकि 4 को हार मिली. जिन बागियों को जीत मिली, उनमें बिजवासन से कैलाश गहलोत, छतरपुर से करतार सिंह तंवर, जंगपुरा से तरविंदर सिंह मारवाह और गांधीनगर से अरविंदर सिंह लवली शामिल हैं. वहीं, जिन उम्मीदवारों को हार मिली, उनमें पटेल नगर से राजकुमार आनंद, बदरपुर से एनडी शर्मा और कोंडली से प्रियंका गौतम शामिल हैं.
- कैलाश गहलोत तीसरी बार विधायक बने हैं. वे पिछले साल 18 नवंबर को AAP छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए. उन्हें केजरीवाल सरकार में मंत्री भी बनाया गया. इस चुनाव में उन्होंने बिजवासन से जीत दर्ज की. गहलोत ने सुरेंदर भारद्वाज को 11276 वोटों से हराया.
- करतार सिंह तंवर 10 जुलाई 2024 को बीजेपी में शामिल हुए, इससे पहले वे 2015 और 2020 में AAP के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बने थे. 2014 में वे बीजेपी से AAP में शामिल हुए थे.
- तरविंद सिंह मारवाह ने जंगपुरा में मनीष सिसोदिया को हराकर जीत दर्ज की. वे 1998, 2003 और 2008 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते. वे जुलाई 2022 में कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थामा.
- अरविंद सिंह लवली ने गांधीनगर से जीत दर्ज की. वे 1998, 2003, 2008 और 2013 में कांग्रेस से विधायक बने. उन्होंने मई 2024 में बीजेपी का दामन थामा.
- प्रियंका गौतम को कोंडली से हार का सामना करना पड़ा. वे 2022 में AAP के टिकट पर चुनाव लड़कर पार्षद बनीं थीं. बाद में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया.
- एनडी शर्मा को बदरपुर से हार का सामना करना पड़ा. वे 2015 में AAP के टिकट पर विधायक बने थे. हालांकि, बाद में वे बीजेपी में शामिल हो गए.
- राजकुमार आनंद को पटेल नगर से हार का सामना पड़ा है. वे 10 जुलाई 2024 को बीजेपी में शामिल हुए थे. इससे पहले, वे AAP की सरकार में मंत्री थे.
आम आदमी पार्टी के किन बागियों को मिली जीत?
आम आदमी पार्टी के जिन बागियों को जीत मिली हैं, उनमें अनिल झा, जुबैर चौधरी, वीर सिंह धींगन और प्रवेश रतन शामिल हैं.
- अनिल झा पूर्व विधायक हैं. वे 17 नवंबर 2024 को AAP में शामिल हुए थे. इससे पहले, 2020 में उन्हें AAP के ऋतुराज गोविंद के हाथों हार का सामना करना पड़ा था.
- जुबैर चौधरी ने सीलमपुर से जीत दर्ज की है. वे पांच बार कांग्रेस से विधायक रहे मतीन अहमद के बेटे हैं. वे 29 अक्टूबर 2024 को AAP में शामिल हुए.
- वीर सिंह धींगन ने सीमपुरी से जीत दर्ज की है. वे चौथी बार विधायक बने हैं. पहले धींगन कांग्रेस में थे. 15 नवंबर 2024 को वे AAP में शामिल हुए.
- प्रवेश रतन 2 दिसंबर को बीजेपी छोड़कर AAP में शामिल हुए थे. उन्हें पार्टी ने पटेल नगर से टिकट दिया, जहां से वे जीत दर्ज करने में सफल रहे. इससे पहले, उन्हें 2020 में हार का सामना करना पड़ा था.
आम आदमी पार्टी के किन बागियों को मिली हार?
AAP के जिन उम्मीदवारों को हार मिली हैं, उनमें ब्रह्म सिंह तंवर, जसबीर कालरा, मुकेश गोयल, अवध ओझा, जितेंद्र सिंह शंटी, सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू, सोमेश शौकीन और बीबी त्यागी शामिल हैं.
- ब्रह्म सिंह तंवर 2015 और 2020 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने थे. इस चुनाव में छतरपुर से उन्हें का सामना करना पड़ा. वे 31 अक्तूबर को AAP में शामिल हुए थे.
- बीबी त्यागी को लक्ष्मीनगर से हार का सामना करना पड़ा. वह 4 नवंबर 2024 को AAP में शामिल हुए. वे दो बार बीजेपी के टिकट पर पार्षद रहे.
- सोमेश शौकीन को मटियाला से हार का सामना करना पड़ा. वे पहले कांग्रेस में थे. 18 नवंबर को AAP में शामिल हुए हैं. वे कांग्रेस के टिकट पर 2008 में विधायक बने थे.
- सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू को तिमारपुर में हार का सामना करना पड़ा. वे बीजेपी छोड़कर 6 दिसंबर को आम आदमी पार्टी में शामिल हुए. वे 2003 और 2008 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने थे.
- जितेंद्र सिंह शंटी एंबुलेंस मैन के नाम से जाने जाते हैं. उन्हें शाहदरा सीट से हार का सामना करना पड़ा. शंटी 5 दिसंबर 2024 को AAP में शामिल हुए. वे 2013 में बीजेपी के टिकट पर शाहदरा से विधायक रहे.
- अवध ओझा पहले शिक्षक थे. वे 2 दिसंबर को AAP में शामिल हुए. उन्हें पटपड़गंज से हार का सामना करना पड़ा.
- जसबीर कालरा को मुंडका सीट से हार का सामना करना पड़ा. वे कांग्रेस छोड़कर AAP में शामिल हुए थे.
कांग्रेस में आए सभी बागियों को मिली हार
कांग्रेस में आए सभी बागियों को हार का सामना करना पड़ा. इनमें धर्मपाल लाकड़ा, असीम अहमद खान, देवेंद्र सहरावत, अब्दुल रहमान और वीरेंद्र बिधूड़ी शामिल हैं.
- धर्मपाल लांकड़ा जनवरी में कांग्रेस में शामिल हुए. वे 2020 में AAP के टिकट पर मुंडका से चुनाव जीत कर विधायक बने थे. हालांकि, इस बार उन्हें इसी सीट से हार का सामना करना पड़ा.
- वीरेंद्र बिधूड़ी को तुगलकाबाद सीट से हार का सामना करना पड़ा. वे बीजेपी सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी के भाई हैं. विधानसभा चुनाव में बीजेपी से टिकट न मिलने पर उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया.
- असीम अहमद खान 2015 में AAP के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बने. उन्हें मंत्री भी बनाया गया, लेकिन दिसंबर में वे कांग्रेस में शामिल हो गए. उन्हें मटिया महल से पार्टी ने टिकट दिया, लेकिन वे चुनाव हार गए.
- देवेंद्र सिंह सहरावत को बिजवासन सीट से हार का सामना करना पड़ा. वे इसी सीट से 2015 में AAP के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बने थे. वे दिसंबर में कांग्रेस में शामिल हुए.
- अब्दुल रहमान को सीलमपुर से पार्टी ने टिकट दिया, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. वे दिसंबर में कांग्रेस में शामिल हुए.